बुद्ध और अहिंसा पर निबंध
दोस्तों नमस्कार, आज हम आपके लिए लाए हैं बुद्ध और अहिंसा पर हमारे द्वारा लिखित यह लेख, इसे आप जरूर पढ़ें
भगवान बुद्ध ने हमें कई ऐसी बातें बताई हैं जिसका अनुसरण हमें अवश्य करना चाहिए। कई रास्तों में से एक रास्ता अहिंसा भी है अहिंसा के मार्ग पर चलना भगवान बुद्ध ने बहुत ही जरूरी बताया है तो चलिए हमारे द्वारा लिखे इस निबंध को पढ़ते हैं।
प्रस्तावना- अहिंसा हमारे जीवन में काफी जरूरी है। भगवान बुद्ध ने भी हमें हमेशा अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी है अहिंसा के मार्ग पर चलकर वास्तव में हम जीवन में खुद तो सुखी रह ही सकते हैं, दूसरों को सुखी रखने में भी हम अहम भूमिका निभा सकते हैं।
जैसे हम हैं जिस प्रकार हमें तकलीफ होती है उसी तरह से दूसरों को भी तकलीफ होती है इसलिए हमें हिंसा नहीं अपनाना चाहिए।
अहिंसा से तात्पर्य - अहिंसा से तात्पर्य है किसी जीव या जंतु को किसी भी तरह से नुकसान न पहुंचाना है। आज के समय में कई जगह हम देखते हैं कि जीव जंतुओं के साथ हिंसा हो रही है जिस वजह से उनके जीवन में दुख है।
हमें समझना चाहिए कि यदि हमारे साथ हिंसा होती है तो हमें भी अपार दुख मिलता है इसी तरह सभी को हिंसा की वजह से दुख का सामना करना पड़ता है इसलिए हमैं हमेशा अहिंसा के मार्ग पर चलना चाहिए।
हमारे देश के महात्मा गांधी जी ने हिंसा को अपनाएं बिना अहिंसा के मार्ग पर चलकर देश को आजादी दिलाई और सबसे अहम भूमिका उन्होंने आजादी में निभाई।
अहिंसा के बारे में भगवान बुद्ध के कुछ विचार
भगवान बुद्ध ने हमेशा हिंसा की निंदा की उन्होंने कहा है कि जहां मन हिंसा से मुड़ता है वहां शांति बनी रहती है, वहां दुख नहीं होता और जीवन में हमेशा सुख होता है इसलिए हमेशा अहिंसा अपनाना चाहिए।
भगवान गौतम बुद्ध कहते थे कि यदि अपनी प्राण रक्षा के लिए भी किसी के साथ हिंसा करना पड़े तो भी हमें ऐसा बिल्कुल नहीं करनी चाहिए क्योंकि हम देखते हैं कि जितना दुख हमें होता है उतना ही दूसरे जीव जंतु या प्राणियों को भी होता है इसलिए हिंसा से हमेशा दूर रहे, जीवन में हमेशा सुखी रहें और दूसरों को भी सुखी रहने दे
वास्तव में भगवान गौतम बुद्ध ने अहिंसा के मार्ग पर चलने का जो मार्ग लोगों को बताया है वह बहुत ही महत्वपूर्ण है। हम सभी को इस मार्ग पर चलना चाहिए क्योंकि जो कार्य हिंसा के मार्ग पर चलकर नहीं होते वह कार्य अहिंसा के मार्ग पर चलकर हो जाते हैं।
उपसंहार - हम सभी को हिंसा के मार्ग पर न चलते हुए अहिंसा के मार्ग पर चलना चाहिए। गौतम बुद्ध ने भी यही सलाह दी है और हमारे देश के महापुरुष महात्मा गांधी जी ने भी अहिंसा के मार्ग पर चलकर हमारे देश को स्वतंत्र कराया है वास्तव में अहिंसा का मार्ग सबसे अच्छा मार्ग है।
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