Saturday, 21 January 2023

चंद्रमा की शहर की मेरी कल्पना पर निबंध chandrama ki sair ki meri kalpana hindi essay

 chandrama ki sair ki meri kalpana hindi essay 

दोस्तों नमस्कार आज हम आपके लिए लाए हैं चंद्रमा की सैर पर हमारे द्वारा लिखित आर्टिकल आप इसे जरूर पढ़ें।


पृथ्वी की सैर तो हर किसी ने की है और हम कल्पना भी कर सकते हैं कि पृथ्वी की सैर कैसे की जाए लेकिन चंद्रमा कि सैर के बारे में हर कोई नहीं सोच सकता। हमने देखा है कि कई बार बड़े-बड़े वैज्ञानिक चंद्रमा पर कई तरह की खोज करने के लिए विमानों से जाते हैं और हमें चंद्रमा के बारे में बताते हैं लेकिन चंद्रमा पर भ्रमण करने के बारे में हमने कभी भी नहीं सोचा होगा।

मैंने भी चंद्रमा की सैर करने के बारे में कभी भी नहीं सोचा था लेकिन एक श्याम मैं ऐसे ही कुछ ख्यालों में था तभी मैंने अखबार में वैज्ञानिकों के चंद्रमा पर जाने की खबर पढ़ी मुझे भी यह सोचने में आने लगा कि चंद्रमा पर सैर करना कितना अच्छा होता होगा काश मैं भी वैज्ञानिक होता और मैं भी चंद्रमा की सैर करता। चंद्रमा कितना सुंदर होगा इस तरह के कुछ ख्याल मेरे मन में आ रहे तभी कुछ समय बाद ही मेरी नींद लग गई।

 कुछ समय बाद मैंने प्रतीत किया कि मैं किसी अलग ही स्थान पर हूं मैं काफी डर गया था क्योंकि किसी अजीब से स्थान पर अकेले होना काफी डरावना हो सकता है। मैंने देखा कि चारों और कुछ भी नहीं था मैं सोच रहा था कि अभी अभी तो मैं सोने से पहले केवल सोच ही रहा था और इतने में ही मैं इस अजीब से स्थान पर कैसे आ गया। मैं घबराता हुआ, तेजी से दौड़ता हुआ आगे बढ़ता जा रहा था तभी मुझे महसूस हुआ कि मैं चंद्रमा पर आ गया।

 एक और जहां मुझे खुशी हो रही थी वहीं दूसरी ओर मुझे अजीब सा लग रहा था क्योंकि वहां पर मेरे सिवा कोई भी नजर नहीं आ रहा था कुछ देर बाद मैंने देखा की कुछ अजीबोगरीब से दिखने वाले लोग मेरे आस-पास थे यह देख कर मैं काफी भयभीत हुआ क्योंकि इस तरह के अजीबो गरीब लोगों को मैंने कभी भी नहीं देखा था। मेरी समझ से परे था कि वह इंसान हैं या जानवर तभी एक मूवी कोई मिल गया मेरे ध्यान में आई मैंने महसूस किया कि जरूर ही एलियन है।

 एलियन मुझसे कुछ कह रहे थे लेकिन मैं उनकी भाषा नहीं समझ पा रहा था मैं भयभीत था लेकिन वह काफी खुश था शायद वह पहले भी मेरे जैसे इंसान से मिल चुके थे उन्हें विश्वास था कि मैं यहां पर उन्हें कोई नुकसान पहुंचाने नहीं आया हूं एक एलियन ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे साथ ले जाने लगा। मेरा हाथ पकड़ते समय वह मुस्कुरा रहा था तो मेरा डर कम हुआ और मुझे खुशी होने लगी कि चलो इसी बहाने चंद्रमा की शहर हो जाएगी।

 मैं चंद्रमा की सैर करते - करते आगे बढ़ा उस एलियन के साथ चंद्रमा की सैर करने में मुझे काफी अच्छा लग रहा था उसके हाथ पकड़ने से भी मैं काफी अच्छा महसूस कर रहा था। फिर आखिर में चंद्रमा की कई जगह घूमने के बाद एलियन मुझे अपने साथ उनके घर की तरफ ले जाने लगी उसके साथ में काफी सुरक्षित महसूस कर रहा था। सच मानिए उसके हाथ पकड़ के ले जाते समय मुझे ऐसा लगा की किसी लड़की ने मेरा हाथ पकड़ लिया हो।

जब मैं उस यूनियन के साथ उसके घर में गया तब मुझे पता चला एलियन एक लड़की है मैं उसके माता-पिता से भी मिला मुझे अब समझ में आ रहा था कि उसके साथ में ज्यादा अच्छा महसूस क्यों कर रहा हूं। उसके परिवार वालों और आस पड़ोस वालों से मिलने के बाद में कुछ दिन वहीं पर रुका और बाद में मैं अपनी उस एलियन फ्रेंड के साथ अपनी पृथ्वी पर वापस आना चाहता था उसके माता-पिता ने उसे मेरे साथ नहीं आने दिया।

 उसने जब मुझे पृथ्वी पर आने के लिए विमान में बैठाया तो मै काफी दुखी था वह भी काफी दुखी थी मैं अपनी इच्छा पूरी नहीं कर सका क्योंकि मैं उसे अपने साथ ले जाना चाहता था मेरी आंखों से थोड़े थोड़े आंसू भी आ रहे थे।

तभी मेरे बच्चे ने मुझे आवाज दी कि पापा जागो तब मुझे महसूस हुआ कि यह सब सपने में केवल मेरी कल्पना थी लेकिन वास्तव में जो भी कल्पना मैंने मेरे सपने में देखी उससे मुझे कुछ समय तक काफी अच्छा लगा।

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