माता-पिता की सेवा पर निबंध
दोस्तों नमस्कार आज हम आपके लिए लाए हैं माता-पिता की सेवा पर हमारे द्वारा लिखित यह आर्टिकल आप से जरूर पढ़ें। चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे इस बेहतरीन आर्टिकल को।
प्रस्तावना - माता-पिता की सेवा करना ईश्वर की सेवा करने के समान है क्योंकि माता पिता ईश्वर के समान ही होते हैं जो व्यक्ति जीवन भर अपने माता-पिता की सेवा करता है। ईश्वर हमेशा उस व्यक्ति से खुश रहता हैै माता पिता की सेवा करना सबसे बड़ा धर्म है एवं कर्तव्य भी है।
आज के लोग माता पिता की सेवा करना पसंद क्यों नहीं करते
आज के समय में ज्यादातर व्यक्तियों को हम देखते हैं कि वह वृद्धावस्था में अपने माता-पिता की सेवा करना पसंद नहीं करते कई व्यक्ति तो ऐसे होते हैं जो उन्हें घर से बाहर निकाल देते हैं या उन्हें वृद्धा आश्रम में भेज देते हैं। दरअसल आज की संस्कृति बदलती जा रही है आज के समय में लोग आधुनिक होते जा रहे हैं और अपने संस्कारों से दूर होते जा रहे हैं।
लोग भले ही कितने ही पढ़े-लिखे क्यों ना हो लेकिन जो ज्ञान उन्हें होना चाहिए वह ज्ञान नहीं हो पाता वह माता-पिता के प्रति अपने कर्तव्य को निभाने से परहेज करने लगते हैं। दरअसल ऐसा सब कुछ उनके संस्कारों की वजह से होता है उनकी गलत संगति की वजह से होता है। यदि बच्चे अपने माता-पिता के एहसानों को माने तो वह अपने माता पिता की सेवा जरूर करते हैं लेकिन आज के समय में कई लोग एहसानमंद नहीं होते कई लोग स्वेच्छा से माता पिता की सेवा नहीं करना चाहते तो कई लोग दूसरों के बहकावे में आकर माता पिता की सेवा नहीं करते यह बिल्कुल भी सही नहीं है।
कई लोगों को यह चाहिए होता है कि उन्हें कोई रोकने ठोकने वाला ना हो दरअसल यदि हम अपने बड़े बुजुर्गों के साथ रहते हैं तो हमारा कर्तव्य होता है कि हम किसी भी कार्य के लिए अपने माता-पिता की सलाह जरूर लें उनसे सलाह, मशवरा जरूर करें उनकी आज्ञा का पालन करें लेकिन आज के समय में महिला एवं पुरुषों दोनों को ज्यादातर किसी बंधन में बंदना पसंद नहीं होता उन्हें ऐसा लगता है कि उनकी आजादी उनसे छीन ली जा रही है लेकिन वास्तव में वह गलत होते हैं उनकी आजादी नहीं छीन रही होती बल्कि वह आने वाली मुसीबतों को अपनी ओर बढ़ाते जाते हैं।
दरअसल हम सब को समझना चाहिए कि माता-पिता हमारे जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण होते हैं यदि हमारे माता-पिता रहते हैं तो हम कई सारी मुसीबतों को आने से पहले ही रोक सकते हैं एवं बुरी परिस्थिति में उनका सहयोग प्रदान कर सकते हैं। यदि हम अकेले ही रहते हैं, उनको छोड़कर कहीं चले जाते हैं, उन्हें वृद्ध आश्रम में दाखिला दिलवा देते हैं तो हम अकेले रह जाते हैं और हमारे बच्चों की देखभाल भी ठीक तरह से नहीं होती। इस तरह से हमारा परिवार धीरे-धीरे और भी बिखरता जाता है इसलिए हमें चाहिए कि हम माता-पिता की सेवा करें।
माता पिता की सेवा क्यों करें
माता पिता की सेवा हमें इसलिए करना चाहिए क्योंकि माता पिता के प्रति हमारा कर्तव्य है कि हम उनकी सेवा करें। माता पिता अपने बच्चे को शुरू से ही पालते हैं उसकी देखे करते हैं अपना कर्तव्य पूरी तरह से निभाते हैं लेकिन यदि वह बच्चा माता पिता की सेवा वृद्ध अवस्था में नहीं करता तो यह इंसानियत के खिलाफ है। माता-पिता का एक बच्चे पर एहसान होता है यदि वह एहसान एक बच्चा नहीं चुकाता तो एक तरह से वह पाप का भागीदार होता है माता-पिता का रण बच्चे पर होता है और उसे जरूर चुकाना चाहिए।
माता पिता के प्रति अपने कर्तव्य का पालन या सेवा कैसे करें
हमें चाहिए कि हम माता पिता की सेवा सही ढंग से करें और अपने कर्तव्य का पालन करें। दरअसल हमें उनकी वृद्धावस्था में विशेष रूप से सेवा करनी चाहिए यही हमारा कर्तव्य है। हमें चाहिए कि हम उनके खाने-पीने का विशेष ध्यान रखें और उनकी सेहत का भी ख्याल रखें।
हमें चाहिए कि हम अपने कर्तव्यों को निभाये। हमें चाहिए कि हम उनकी बातों को माने, घर में किसी भी कार्य के बारे में उन्हें भी बताएं या कुछ भी निर्णय लेने से पहले उनसे सलाह मशवरा जरूर करें क्योंकि बुजुर्ग घर के मुखिया होते हैं और मुखिया से सलाह मशवरा लेना बहुत जरूरी होता है। जिस घर में ऐसा नहीं होता वह घर सुख शांति से नहीं रह पाता। हमें चाहिए कि हम उनसे प्रेम पूर्वक वार्तालाप करें उनके द्वारा बताई हुई बातों का अनुसरण करें जरूरत पड़ने पर उनकी हर तरह से सेवर करें।
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