मैंने देखा हुआ प्राकृतिक स्थल हिंदी निबंध
दोस्तों नमस्कार आज हम आपके लिए लाए हैं मेरा लिखा हुआ एक बहुत ही बेहतरीन प्राकृतिक स्थल पर आर्टिकल इस आर्टिकल को आप जरूर पढ़ें क्योंकि इस आर्टिकल में मैंने उस प्राकृतिक स्थल के बारे में लिखा है। तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे इस आर्टिकल को।
मैं कई जगह घूमना चाहता था दरअसल कई धार्मिक स्थलों, कई अन्य पर्यटक स्थलों, प्राकृतिक स्थलों आदि पर घूमने में मुझे काफी आनंद महसूस होता है। मेरे शहर से लगभग 10 किलोमीटर दूर एक प्राकृतिक स्थल है बजरंगगढ़। बजरंगगढ़ वैसे तो मैं कई बार घूमने गया हूं लेकिन वहां के जो देखने योग्य प्राकृतिक स्थल है वहां पर मैं कभी भी नहीं गया था एक दिन मैं पहली बार बजरंगढ़ अपने एक दोस्त के साथ गया हुआ था उन्होंने मुझसे कहा कि बजरंगगढ़ का किला बहुत ही बेहतरीन है।
बजरंगगढ़ का किला एक ऐसा प्राकृतिक स्थल है जिसे जरूर देखना चाहिए दूर-दूर से कई सारे लोग इस किले को देखने के लिए आते हैं क्योंकि यह किला कहीं राजा महाराजाओं ने बनवाया था। यह काफी प्रसिद्ध है मेरे दोस्त की बात सुनकर मैं बजरंगगढ़ के किले की ओर जाने के लिए काफी उत्साह महसूस कर रहा था तभी मैंने उससे कहा कि चलो आज बजरंग गढ़ के किले में घूमने चलते हैं।
जैसे ही हम बजरंग गढ़ के किले के नजदीक पहुंचे हमने देखा कि चारों ओर विशालकाय ईमारते हैं जो काफी मजबूत भी है। चारों ओर जंगल जैसा इलाका दिखाई दे रहा था हम उस किले मे आगे बढ़ते गए तो सबसे पहले हम वहीं पास में अपनी मोटरसाइकिल रखकर थोड़े आगे बढ़े तो वहां पर हमें श्री हनुमान जी का मंदिर दिखाई दिया। हमने वहां पर हनुमान जी महाराज के दर्शन किए और फिर हमने मंदिर के चारों ओर का वातावरण देखा। चारों और कई तरह के पेड़ पौधे लगे हुए थे, कई तरह के रंग बिरंगे फूल खिले हुए थे मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि वास्तव में ऐसे स्थान पर रोज घूमने के लिए आना चाहिए।
मैं अपने दोस्त के साथ आगे बढ़ा तो मैंने देखा की राजा महाराजाओं के पुराने रहने की जगह, कई तरह के जगह, कई गुफाएं आदि वहां पर स्थित थी। कई सारे पेड़ पौधे वहां पर हमें नजर आए। कई पक्षी हमें वहां पर चाहते नजर आए जिन्हें देखकर हमें काफी खुशी का अनुभव हुआ। हम धीरे-धीरे आगे बढ़ते जा रहे थे तो आगे हमने देखा कि एक सुंदर सा गार्डन बना हुआ था जो शायद कुछ सालों पहले ही बनाया हुआ होगा उस गार्डन की सुंदरता देखकर मैं काफी खुश हुआ क्योंकि हमारे शहर में भी मैंने ऐसा गार्डन आज तक नहीं देखा था।
उस गार्डन में चारों ओर कई तरह के पेड़ पौधे, रंग बिरंगी फूल खिले हुए थे और जब हम उस गार्डन में आगे बढ़े तो हमें कई जगह पानी भरा हुआ दिखा जिसमें मछलियां तैर रही थी हम दोनों मछलियों को कुछ खाने के लिए वहां से ही लाए हुए थे हमने मछलियों को वह डाल दिया और मछलियां वह खाने लगी।
वास्तव में मुझे मछलियों को खाना खिलाते समय ऐसा अनुभव हो रहा था कि मैं प्रकृति के काफी करीब आ गया हूं हमारे शहर में मैंने कभी भी ऐसा वातावरण नहीं देखा था क्योंकि हमारे शहर में चारों ओर घर ही घर बने हुए हैं कई जगह पहले जहां पेड़ पौधे लगे थे वहां पर आज पेड़ पौधे भी नजर नहीं आते लेकिन बजरंगगढ़ के इस किले में पहुंचकर मैंने अनुभव किया कि वास्तव में प्रकृति के काफी करीब आ गया हूं।
मुझे काफी ज्यादा प्रसन्नता भी हुई और कुछ समय बाद हम वहां पर घूमते हुए कई ऐसी जगह पर भी पहुंचे जहां पर अंधेरा ही अंधेरा था हमें अकेले जाने में डर सा लग रहा था वहां पर हमने जब नीचे देखा तो चारों ओर पेड़-पौधे ही पेड़-पौधे नजर आ रहा रहे थे। यह सब नजारा देखकर हम दोनों को ही काफी प्रसन्नता हुई मैंने अपने दोस्त से कहा कि हम जल्द से जल्द अगली बार भी यहां पर घूमने आएंगे वास्तव में प्राकृतिक स्थल पर घूमने का आनंद ही कुछ अलग होता है।
दोस्तों मेरे द्वारा लिखा यह आर्टिकल आप अपने दोस्तों में शेयर करें और हमें सब्सक्राइब करें धन्यवाद।
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