गिल्ली डंडा पर निबंध
भारत देश में कई तरह के खेल खेले जाते हैं जो लोगों को काफी रोमांचक लगते हैं। कई खेलों में फुटबॉल, क्रिकेट आदि भी हैं ये ऐसे खेल हैं जिनसे एक तरह की एक्सरसाइज होती है यानी हाथ पैर फुर्तीली रहते हैं ऐसे ही खेलों में से एक है गिल्ली डंडा। गिल्ली डंडा जो कि अधिकतर सावन आने के पहले खेला जाता है जो कि काफी रोमांचक खेल होता है।
गिल्ली डंडा से क्या अभिप्राय है?
गिल्ली डंडा एक खेल होता है जो कि काफी समय पहले से हमारे भारत देश में खेला जाता है यह काफी रोमांचक खेल होता है और यह सावन के महीने में खेला जाता है। वैसे इस खेल को हम कभी भी खेल सकते हैं। गिल्ली जो कि 2 या 3 इंच की होती है यह लकड़ी की बनाई जाती है इसके दोनों तरफ नोक बनाई जाती हैं इसके अलावा डंडा भी इस खेल में प्रमुख होता है यह लंबा होता है और इसके आगे की तरफ नोक होती है। गिल्ली डंडा खेल को खेलने के लिए हम गिल्ली डंडा खुद से बना सकते हैं। गेंद बल्ले की तरह इसे बाजार से खरीदने की कोई जरूरत नहीं है इसे बच्चे भी आसानी से बना सकते हैं।
गुल्ली डंडा कैसे खेलते हैं gilli danda kaise khelte hain
इसमें कितने खिलाड़ी होते हैं?
गिल्ली डंडा खेलने के लिए दो या दो से ज्यादा खिलाड़ी हो सकते हैं। गिल्ली डंडा खेलने के लिए हमारे पास गिल्ली डंडा होने चाहिए इसके अलावा खुला मैदान भी होना चाहिए। मैदान के बीच में लंबा सा थोड़ा सा गड्ढ किया जाता है। गिल्ली डंडा खेलने के लिए सबसे पहले गिल्ली को उस गड्ढे के ऊपर रखा जाता है और पीछे की तरफ डंडा लेकर खिलाड़ी उस डंडे की मदद से गील्ली को तेजी से उछाल देता है। यदि वह सामने वाले व्यक्ति के हाथ में आ जाती है तो वह खेलने वाला व्यक्ति आउट हो जाता है लेकिन यदि सामने वाला व्यक्ति उस गिल्ली को नहीं पकड़ पाता तो खेल आगे जारी रहता है।
सामने वाला व्यक्ति उस गिल्ली को जमीन से उठाकर सामने रखें उस डंडा पर मारने की कोशिश करता है। यदि डंडा पर वह गिल्ली लग जाती है तो वह व्यक्ति आउट हो जाता है। यदि नहीं लगती तो खेलने वाला व्यक्ति डंडे से गिल्ली में जोर से मारता है।
इस बार भी यदि वह गिल्ली उस व्यक्ति के हाथ में आ जाती है तो वह व्यक्ति आउट हो जाता है नहीं तो खेल आगे जारी रहता है, वह व्यक्ति फिर से उस गिल्ली को उठाकर उस डंडे में मारता है इस तरह से खेल आगे जारी रहता है। जब खेलने वाला व्यक्ति आउट हो जाता है तो फिर दूसरा व्यक्ति खेलता है इस तरह से खेल लगातार जारी रहता है और तब तक यह खेल खेला जाता है कि किसी व्यक्ति की विजय ना हो जाए। धीरे-धीरे यह खेल काफी रोमांचक हो जाता है और इसे खेलने में बच्चों को काफी मजा भी आता है।
उपसंहार
वास्तव में गिल्ली डंडा एक ऐसा खेल है जिसके लिए बाजार से गिल्ली डंडा खरीदने की जरूरत नहीं होती हम खुद ही गिल्ली डंडा बना सकते हैं इसे खेलने से एक तरह का व्यायाम भी हो जाता है और हमें कई सारे फायदे भी होते हैं, साथ में मनोरंजन भी होता है इसलिए गिल्ली डंडा अवश्य खेलना चाहिए।
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