आज के युग में मानव और मानवता का रूप speech
दोस्तों आज के हमारे इस आर्टिकल में हम पढ़ेंगे आज के युग में मानव और मानवता का रूप पर भाषण तो चलिए आज के हमारे इस आर्टिकल को पढ़ते हैं
साथियों नमस्कार, आप सभी के समक्ष आज मुझे कुछ कहने का अवसर प्राप्त हुआ इसलिए तहे दिल से आप सभी का धन्यवाद। साथियों आज के युग में मानव धीरे-धीरे बदलता जा रहा है।
मानव में मानवता के गुण होने चाहिए लेकिन आज के समय में मानव में मानवता के गुण बहुत ही कम देखने को मिलते हैं या हम कह सकते हैं कि बहुत ही कम लोगों में मानवता के गुण बचे हैं। लोग सिर्फ कहने को मानव है मानवता के गुण लुप्त होते जा रहे हैं यह बिल्कुल भी सही नहीं है।
मानव को चाहिए कि वह मानवता के रूप को पहचाने, मानवता के रूप में हमें दूसरों का सम्मान करना चाहिए, सभी की इज्जत करनी चाहिए, छोटो से प्रेम करना चाहिए, बड़ों का आदर करना चाहिए, पेड़ पौधों की कटाई नहीं करनी चाहिए, उनकी देखरख करनी चाहिए, जानवरों या पशु पक्षियों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए और उन्हें लुप्त होने से बचाना चाहिए।
हमें शिष्टाचार के साथ एक दूसरे से व्यवहार करना चाहिए यही मानवता है। आज के समय में मानव अपनी मानवता का रूप भूलता जा रहा है। बहुत से लोग आज के समय में ना तो दूसरों से अच्छा व्यवहार करते हैं, ना ही दूसरों का सम्मान करते हैं यहां तक की अपने बड़े बुजुर्गों, माता पिता एवं दादा-दादी आदि का सम्मान भी नहीं करते।
कुछ बच्चे तो ऐसे आज के समय में देखे जाते हैं जो अपने माता-पिता को भी उनके बनाए हुए घर में नहीं रहने देते और ना ही उन्हें दो वक्त का भोजन देते हैं यह कैसी मानवता है। मानव के अंदर यदि मानवता नहीं है तो वास्तव में वह मानव किसी पशु के समान ही होता है।
हमें अपने अंदर मानवता जगानी चाहिए तभी हम एक इंसान कहलाने लायक हैं मानव में सोचने समझने की क्षमता भी होती है, मानव हर तरह से अन्य जीव जंतु पशु, पक्षियों के मुकाबले सबसे आगे होता है इसलिए मानव की मानवता यही होती है कि वह एक अच्छे इंसान का कर्तव्य निभाएं और जानवरों, पशु पक्षियों की भी रक्षा करें, दूसरों की हमेशा मदद करें, समाज कल्याण में अपना सहयोग प्रदान करें और हमेशा दूसरों से अच्छा व्यवहार करें यही मानवता है।
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बहुत बढ़िया
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