Prakriti aur manushya ka sambandh
प्रकृति और मनुष्य का संबंध बहुत ही गहरा संबंध है। हम सभी प्रकृति पर ही निर्भर हैं। प्रकृति में जल, वायु, अग्नि, मनुष्य, जीव जंतु, पशु पक्षी सभी आते हैं जो एक दूसरे पर आश्रित होते हैं।
आज हम देखें मनुष्य ने अपने निजी लाभ के लिए पर्यावरण को कई तरह से प्रदूषित किया है। पर्यावरण में उपस्थित जलवायु आदि को प्रदूषित किया है जिस वजह से यह सब मनुष्य के लिए ही घातक सिद्ध हुआ है।
प्रकृति और मनुष्य एक दूसरे के साथ अच्छे संबंध स्थापित करके जीवन को बेहतरीन ढंग से गुजार सकते हैं लेकिन मनुष्य अपने निजी फायदे के लिए कई तरह से प्रकृति को प्रदूषित करता है।
हमें चाहिए कि हम प्रकृति और अपने बीच अच्छे संबंध स्थापित करें। पेड़ पौधों की कटाई ना करें। हमें चाहिए कि हम वायु को प्रदूषित ना करें, धूम्र प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों का कम ही उपयोग करें एवं जल प्रदूषण बिल्कुल भी ना करें क्योंकि जलवायु ही हमारे लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है।
प्रकृति की देन इन चीजों का यदि हम सही उपयोग करें तो यह हमारे लिए प्रकृति का वरदान है। यदि हमें इन्हें प्रदूषित करते हैं तो आने वाले समय में हमें कई बीमारियों की चपेट में आना पड़ेगा और कई परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
इन सबके अलावा प्रकृति में आकाश के नीचे हम सभी निवास करते हैं, आकाश में उपस्थित सूर्य की किरने जब हमारे शरीर पर पड़ती हैं तो वह हमारे शरीर को कई तरह से लाभ पहुंचाती हैं।
प्रकृति की देन इन सूर्य की किरणों का हमारे जीवन में काफी ज्यादा महत्वपूर्ण योगदान है। प्रकृति की देन अग्नि जिसके जरिए हम अपना भोजन पका पाते हैं वास्तव में प्रकृति और मनुष्य का बहुत ही गहरा संबंध है। हमें प्रकृति के साथ अच्छे संबंध स्थापित करने चाहिए।
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