जब मैंने किसी की मदद की पर निबंध
दोस्तों नमस्कार, आज हम आपके लिए लाए हैं जब मैंने किसी की मदद की पर लिखा गया निबंध तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे इस आर्टिकल को
जब मैंने किसी की मदद की तो मुझे काफी खुशी का अनुभव हुआ क्योंकि मुझे लोगों की मदद करना बहुत ही अच्छा लगता है।
बचपन से ही मेरे माता पिता ने मुझे दूसरों की मदद करना सिखाया है, मैं हमेशा दूसरों की मदद करने के प्रति तत्पर रहता हूं। आज भी मुझे याद है वह दिन जब मैंने किसी दूसरे की मदद की थी।
मैं 11 साल का था तब एक बुजुर्ग व्यक्ति मंदिर के पास में खड़ा हुआ था वह भूख से काफी तड़प रहा था और लोगों से गुहार लगा रहा था की कोई मुझे कुछ खाने के लिए दे दे लेकिन इतने सारे लोगों में से किसी ने भी उसको कुछ खाने को नहीं दिया।
मुझे उस बुजुर्ग व्यक्ति की स्थिति देखकर काफी दया आ गई तब मैंने मेरे दो केले उस बुजुर्ग व्यक्ति को देकर उसकी मदद की। मुझे काफी तेज भूख लग रही थी लेकिन फिर भी मैंने अपने दो केले उस बुजुर्ग व्यक्ति को देना ही सही समझा।
मैं उस मंदिर के पास के एक स्कूल में पढ़ाई करता था और अक्सर दोपहर के समय उस मंदिर से गुजरते हुए जाता था। उस दिन शनिवार था मेरे साथ मेरा कोई दोस्त भी नहीं था तब मैं अकेला ही था।
स्कूल से मुझे दो केले मिले हुए थे मैंने सोचा कि मैं रास्ते में ये केले खा लूंगा। मुझे काफी तेज भूख भी लगी थी लेकिन मंदिर के पास मुझे उस बुजुर्ग व्यक्ति को देखकर काफी दया आ गई और मैंने उन केलों को उस बुजुर्ग व्यक्ति को दे दिया।
सच मानिए उस बुजुर्ग व्यक्ति को जब मैंने केले दिये तो मुझे काफी प्रसन्नता हुई। मुझे ऐसा लगा कि आज मैंने जिंदगी में बहुत बढ़िया कार्य किया है।
जब मैंने घर आकर अपने माता-पिता को बताया कि मैंने अपने हिस्से के दो केले बुजुर्ग व्यक्ति को दे दिए हैं तो उन्होंने भी मेरी तारीफ की और मुझसे कहा कि भविष्य में भी इस तरह के कार्य करना जरूरी है तभी हम जीवन में एक सच्चे इंसान कहलाने के योग्य बन सकते हैं।
उनकी बात सुनकर सच में मुझे काफी खुशी हुई। मैंने भी निर्णय लिया कि भविष्य में जब भी मुझे मौका मिलेगा मैं दूसरों की मदद जरूर करूंगा।
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