Wednesday, 27 October 2021

पालतू गाय की आत्मकथा cow ki atmakatha in hindi

Cow ki atmakatha in hindi 

मैं एक पालतू गाय हूं। में एक घर में रस्सी से बंधी रहती हूं और काफी खुशहाल जीवन जी रही हूं क्योंकि मेरे मालिक बहुत ही अच्छे हैं। मेरे मालिक मुझे सुबह शाम खाने को चारा देते हैं और मेरा बहुत ही अच्छी तरह से ख्याल रखते हैं। 

वह मुझे खाने के लिए चारे के अलावा भूसा, रोटियां, सब्जियां आदि भी देते हैं। मैं मेरे मालिक के घर में रहकर काफी खुश रहती हूं। मैं उन्हें सुबह शाम दूध देती हूं और वह इसके बदले मेरा बहुत ही अच्छे ढंग से ख्याल रखते है। 

मेरा मालिक कभी भी मुझे परेशान नहीं करते, मेरे मालिक सुबह 9:00 बजे मुझे घर पर छोड़ देते हैं और फिर मैं दिनभर जंगल में लोगों के खेतों में घूमती रहती हूं, हरी घास खाती रहती हूं और शाम को मैं वापस अपने मालिक के घर आ जाती हूं।

मुझे अपना यह जीवन व्यतीत करने में काफी खुशी महसूस होती है। मैं मालिक के घर में एक गाय के साथ में बंधी रहती हूं, पिछले 2 साल से मैं उस गाय के साथ में बंधी हुई हूं। मुझे उस गाय के साथ में जीवन जीना बहुत ही पसंद है। 

आज मुझे याद है वह दिन जब मेरे मालिक मुझे अपने घर पर रखने के लिए यानी मुझे पालने के लिए लाए हुए थे। मैंने सोचा पता नहीं कैसा है यह मेरा नया मालिक लेकिन दो-तीन दिन के अंतराल में मैं समझ गई कि मेरा मालिक तो मेरे पिछले मालिक से भी बहुत अच्छा है।

वह बहुत ही अच्छी तरह से मेरा ख्याल रखता है। इतना ही नहीं मेरे मालिक के परिवार वाले भी बहुत अच्छे हैं। मेरे मालिक की बीवी जो कि हमेशा मेरा ख्याल रखती है मेरे मालिक के दो छोटे-छोटे बच्चे हैं, सुबह शाम वह अपने मम्मी-पापा के साथ मेरे बच्चों को देखने के लिए, उन्हें खिलाने के लिए आते रहते हैं। 

मैं भी उन बच्चों को अपने बच्चों की तरह ही समझती हूं और बहुत ही अच्छी तरह से उनका ख्याल रखती हूं। मैं वास्तव में खुशनसीब गाय हूं जिसे इतना अच्छा परिवार मिला है , जो बहुत ही अच्छी तरह से सेवा कर रहा है। 

कुछ समय बाद जब मैं दूध देना बंद कर दूंगी तब भी मेरा यह मालिक जरूर ही मेरा इसी तरह से ख्याल रखेगा क्योंकि मेरा मालिक एक ऐसा मालिक है जिसका मानना है कि दुनिया में गऊ सेवा करना सबसे बढ़कर है।

मेरा मालिक हमेशा मेरा ख्याल रखेगा। जब मैं दूध देना बंद कर दूंगी तो आवारा पशुओं की तरह मुझे ऐसे ही सड़क पर नहीं छोड़ेगा इसलिए मैं काफी खुश रहती हूं क्योंकि मुझे मेरे मालिक के साथ मेरा भविष्य दिखाई देता है। यही है मेरे जीवन की आत्मकथा।

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