कटे पेड़ की आत्मकथा
आज हम आपके लिए लाए हैं कटे पेड़ की आत्मकथा आप इसे जरूर पढ़ें तो चलिए पढ़ते हैं हमारे आज के लिखित इस आर्टिकल को।
kate ped ki atmakathaमैं एक कटा पेड़ हूं और एक गांव की बगिया में रखा हुआ हूं दरअसल आज से कुछ सप्ताह पहले मेरे मालिक ने मुझे काट दिया था। मैं बहुत लंबा हुआ करता था मेरी टहनियां भी बहुत लंबी लंबी, बड़ी बड़ी थी मेरी लकड़ी का उपयोग मेरे मालिक के अलावा आसपास के लोग भी करते थे।
आज भी मुझे याद है जब मैं छोटा था तब मेरा मालिक मुझे कहीं बाहर से साथ में लेकर आया था और उसने इस बगिया में मुझे लगा दिया था मेरी सुरक्षा के लिए मेरा मालिक बहुत से इंतजाम करता था। उसने मुझे लगाने के बाद चारों और सुरक्षा के लिए तार फैंसी करवा रखी थी जिससे मनुष्य या कोई जानवर, पक्षी मुझे नुकसान ना पहुंचाएं लेकिन मुझे क्या पता था कि 1 दिन मेरा मालिक ही मुझे नुकसान पहुंचा देगा और मुझे काट देगा अपने थोड़े से फायदे के लिए लेकिन फिर भी मैं अपने मालिक का एहसानमंद हूं कि उसकी वजह से मैं इतना बड़ा हो पाया।
मैं काफी लंबा पेड़ हूं बहुत सी टहनियां मेरी हैं दरअसल में एक ऐसा पेड़ हूं जो लोगों को लकड़िया प्रदान करता है मेरी लकड़ियां काफी महंगी बिकती हैं जरूर इसीलिए मेरे मालिक ने कुछ लोगों के साथ मिलकर मुझे काट दिया है। कुछ दिनों से मैं ऐसे ही उस बगिया में खड़ा हुआ हूं जरूर ही कुछ दिनों बाद मुझे इस बगिया को छोड़कर जाना पड़ेगा।
मुझे इस बगिया की काफी याद आएगी क्योंकि मैं अपने बचपन से ही इस बगिया में रहता हूं बगिया में चारों ओर रंग बिरंगे फूल लगे हुए हैं जो सुबह-सुबह मेरा स्वागत करते थे, मेरी ऊंचाई को देखकर काफी खुश हो जाते थे मैं भी उनको देखकर काफी खुश हो जाता था।
वास्तव में मेरी जिंदगी का सफर यहीं तक था मैंने अपनी जिंदगी में काफी कुछ देखा है काफी कुछ सीखा है अब मैं यह समझने लगा हूं कि मनुष्य अपने मतलब के लिए कुछ भी कर सकता है।
दोस्तों मेरे द्वारा लिखित यह कटे पेड़ की आत्मकथा आपको कैसी लगी हमें बताएं और हमें सब्सक्राइब करें।
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