Meri avismarniya ghatna essay in hindi
जीवन में कई ऐसी अविस्मरणीय घटनाएं होती हैं जो हमें हमेशा याद रहती हैं । मेरे जीवन में भी कई घटनाएं हैं लेकिन कई घटनाओं में मेरे जीवन में एक घटना ऐसी भी है जो मुझे हमेशा याद रहती है । मैं जब बच्चा था तब मुझे स्कूल जाने में बहुत ही डर लगता था ।
मेरे पेरेंट्स जब भी मुझसे स्कूल जाने की बात करते थे तब मैं रोने लगता था । यह रोजाना का ही सिलसिला था । कभी-कभी मेरे पिताजी मुझे स्कूल छोड़ आया करते थे लेकिन मैं स्कूल में लंबे समय तक बैठे रह कर काफी बोर हो जाता था । मैं हमेशा यही सोचता रहता था की काश मुझे स्कूल जाना ना पड़े । एक दिन मैंने एक आईडिया निकाला ।
हमारे घर के आगे की तरफ हमारी गायों को बांधने के लिए एक कमरा था । अक्सर सुबह के समय हमारी गाय खेत खलियानो की ओर चली जाती थी और दिन भर गायों की बंधे रहने की जगह खाली पड़ी रहती थी । मैंने सोचा क्यों ना स्कूल का यह समय इसी स्थान पर बैठ कर गुजर जाए ।
मैं अपने घर के अंदर की कुंडी खोल देता था और फिर स्कूल जाने के बहाने घर से बैग लेकर निकल जाता था और फिर चारों तरफ देखकर कि कोई मुझे देख ना ले । फिर मैं उसी कमरे में आगे के दरवाजे से प्रवेश करता था और जब शाम के 4:00 बज जाते थे यानी स्कूल की छुट्टी हो जाती थी तब मैं उसी दरवाजे से निकलता हुआ अपने घर में प्रवेश करता था ।
मेरे पेरेंट्स यही समझते थे कि मैं रोजाना स्कूल जाता हूं । जब मेरे पेरेंट्स को अध्यापक बताते थे कि आपका बच्चा स्कूल नहीं आता है तब मुझे काफी डाकफटकार लगती थी । मैं किसी भी तरह से स्कूल जाने से बचना चाहता था उसके लिए मैं काफी प्रयत्न करता था लेकिन जब आगे चलकर मुझ में समझ आई कि स्कूल जाना क्यों जरूरी है तब से मैं नित्य स्कूल जाने लगा कि अब मैं स्कूल जाने का महत्व समझ चुका था ।
अब मैं बड़ा हो चुका था अब मुझे स्कूल जाना भी बहुत अच्छा लगने लगा था । बचपन की स्कूल की यह घटना हमेशा याद आती है । मैं कभी भी इस घटना को नहीं भूल पाऊंगा ।
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