Kapas ki pattiyo par nibandh
कपास एक नगदी फसल है । कपास की दुनिया भर में 2 किस्में पाई जाती है । पहली देसी कपास और दूसरी अमेरिकन कपास । कपास से रुई बनाई जाती है इसलिए कपास को सफेद सोना भी कहा जाता है ।
भारत में वैसे तो कपास की फसल कहीं जगह होती है लेकिन भारत में सबसे ज्यादा कपास की फसल गुजरात में होती है । कपास की पत्तियां बहुत ही महत्वपूर्ण होती हैं । कपास की पत्तियों मे अक्सर एक रोग हो जाता है जिसकी वजह से पत्तियों में ऊपर की ओर घुमाव हो जाता है ।
इस रूप की वजह से कपास की पत्तियों को काफी नुकसान होता है । यदि मौसम की शुरुआत में ही यह रोग लग जाता है तो फिर कपास की वृद्धि अवरुद्ध होने लगती है और उसकी उपज में काफी कमी आती है । इस रोग की वजह से कपास की पत्तियों की नसें मोटी और काली सी हो जाती हैं । यह रोग सफेद मक्खियों के कारण फैलता है । कपास की पत्तियों को रोगों से बचाना- कपास की पत्तियों को रोगों से बचाने के लिए जरूरी है कि हम मक्खियों की आबादी को नियंत्रित कर सके ।
बहुत सारे लोग सफेद मक्खियों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए कई तरह के रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग करते हैं लेकिन इन रासायनिक कीटनाशकों के प्रयोग से ज्यादा हम सभी को चाहिए कि हम इन सफेद मक्खियों को प्राकृतिक दुश्मनों द्वारा नियंत्रित करें जिससे पेड़ पौधों को नुकसान भी ना पहुंचे और हमारा कार्य सफलतापूर्वक हो सके ।
कपास की पत्तियों को इन विषाणु से बचाने के लिए हमें चाहिए कि हम सभी तरह के पौधों के मलबों को फसल कटाई के बाद जला दें या फिर उनको नीचे दबा दें । इस तरह से हम कुछ उपाय करके कपास की पत्तियों को सुरक्षित रख सकते हैं । दोस्तों हमारे द्वारा लिखा यह आर्टिकल आप अपने दोस्तों में शेयर करें और हमें सब्सक्राइब करें ।
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