Universal brotherhood essay in hindi
सार्वभौमिक भाईचारा होगा तभी देश दुनिया में एक बड़ा बदलाव हो सकता है । हमारे भारत देश में कहीं जाति धर्म के लोग रहते हैं । कई ऐसे लोग होते हैं जो अपने अपने धर्म को अधिक महत्व देते हैं और दूसरे के धर्म की निंदा करते हैं । इस तरह की भावना से कई बार झगड़े होते देखे गए हैं ।
सार्वभौमिक भाईचारे से तात्पर्य है की इस पूरी दुनिया में लोग भाईचारे के साथ रहे , एक दूसरे के प्रति प्रेम की भावना है । एक दूसरे की भावनाओं की इज्जत करें उनको सम्मान दें । यदि सार्वभौमिक भाईचारा होगा तो वास्तव में धर्म जाति आदि की वजह से जो लड़ाई झगड़े होते हैं वह नहीं होंगे ।
हिंदू , मुस्लिम , सिख , इसाई सभी में भाईचारे की भावना होगी तो हम सभी का जीवन बहुत ही अच्छी तरह से व्यतीत होगा । सार्वभौमिक भाईचारा होना बेहद जरूरी है । हम सभी एकता कि शक्ति से तो अवगत हैं । एकता की शक्ति से हम असंभव कार्य को भी कर सकते हैं ।
यदि सार्वभोमिक भाईचारा होगा तो हम मिलजुल कर एकता के साथ असंभव कार्य को भी आसानी से कर सकते हैं । हम सभी को भाईचारे को अपनाना चाहिए । हमारे समाज में यदि भाईचारे की भावना नहीं होती है तो समाज में अकेले रहना काफी मुश्किल लगता है ।
वास्तव में यह सब किसी दंड से कम नहीं है लेकिन यदि हम भाईचारे की भावना को समझें और समाज में प्रेम सद्भाव आदि को अपनाएं तो हम खुद भी सुख शांति प्राप्त कर सकते हैं और समाज में भी सुख शांति फैला सकते हैं ।
हमें सार्वभौमिक भाईचारे को समझना चाहिए और सभी को भाईचारे की भावना के साथ एकजुट होकर मिल जुल कर रहना चाहिए तभी हम हमारे भारत देश को तेजी से विकासशील देश बना सकेंगे ।
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