Samaj mein badhte apradh essay in hindi
समाज में बढ़ते अपराध हमें चारों ओर देखने को मिल रहे हैं । इन बढ़ते अपराधों के खिलाफ सरकार भी कई कदम उठाती है जिससे अपराध कुछ हद तक कम हो सके लेकिन फिर भी कई तरह के अपराध हमें समाज में बढ़ते हुए दिखते हैं ।
समाज में बढ़ते हुए अपराधों के रूप में हम चोरी , डकैती , लूट बलात्कार जैसी घटनाए अपने आसपास देखते हैं । इन अपराधों को दूर करने के लिए सरकार तो कदम उठाती है साथ में हमारा भी कर्तव्य है कि हम इन अपराधों को दूर करने के लिए कुछ आवश्यक कदम उठाएं ।
हमें चाहिए कि हम अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दे , उन्हें सत्य ईमानदारी दूसरों की मदद करने जैसे गुणो का महत्व बताएं और समझाएं । हमें चाहिए कि हम अपने बच्चों की संगत का ध्यान रखें । कहते हैं कि जैसी संगत वैसी रंगत यदि हमारे बच्चे अच्छी संगत में पढ़ते हैं तो अच्छे बन जाते हैं और बुरी संगत में पढ़ते हैं तो वह भी बुरे बन जाते हैं इसलिए हमें अच्छी संगत के लिए उनके अच्छे दोस्त बनाने चाहिए ।
बुरे दोस्तों से उन्हें दूर ही रहने का कह देना चाहिए । अक्सर बच्चों में इतनी समझ नहीं होती यदि वह बुरी संगत में पड़ जाते हैं तो वह भी एक अपराधी बन सकते हैं । यदि हम सब अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देने का प्रयत्न करें तो वास्तव में धीरे-धीरे यह समाज एक ऐसे समाज में तब्दील हो जाएगा जिसमें कोई भी अपराध नहीं होगा ।
आजकल हम इस तरह के कई अपराध जब देखते हैं तो हमें समझना चाहिए कि ऐसे अपराधियों की मानसिक स्थिति या आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होती जिसकी वजह से ऐसे लोग ऐसे अपराध करते हैं । मां बाप को अपने बच्चों के प्रति सभी कर्तव्य निभाने चाहिए जिससे बच्चों का भी उज्जवल भविष्य हो और वह जीवन में कुछ अच्छा कर सकें ।
समाज में बढ़ते अपराधों को दूर करने के लिए हम ही प्रयत्न कर सकते हैं तभी हम अपराध से मुक्त हो सकते हैं ।
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