Lockdown me meri dincharya essay in hindi
लॉकडाउन में मेरी दिनचर्या पर काफी असर पड़ा । लॉकडाउन में मैं सुबह जल्दी जाता था और अपने नित्य क्रिया से फ्री होकर मैं अपने लैपटॉप पर देश दुनिया की खबरें देखता था , पढ़ता था । लॉकडाउन के समय सभी लोगों की तरह मेरा मन भी सबसे ज्यादा कोरोना संबंधित जानकारियां पढ़ने का था ।
मैं अखबार में यही पढ़ता था और उसे कैसे बचाव किया जाए यह भी मैं जरूर पढ़ना पसंद करता था ।लगभग डेढ़ 2 घंटे लैपटॉप या टीवी पर खबरें पढ़ने या सुनने के बाद मैं सुबह का नाश्ता करता था । सुबह का नाश्ता करने के बाद मैं अपने घर में बने गार्डन में ही घूमना पसंद करता था । अपने बच्चों के साथ रहना पसंद करता था ।
बच्चे भी गार्डन में मेरे इर्द-गिर्द खेलते रहते थे । वास्तव में लॉकडाउन के समय में कुछ पल बहुत ही अच्छी तरह से बीते अक्सर हम अपने परिवार वालों को समय नहीं दे पाते हैं लेकिन लॉकडाउन में अधिकतर मेरा समय परिवार वालों के साथ व्यतीत हुआ है क्योंकि लॉकडाउन के लगभग 2 महीने काफी सख्ती से बीते हैं ।
इस समय में हर एक व्यक्ति का ज्यादातर समय अपने परिवार वालों के साथ ही व्यतीत हुआ है । लॉकडाउन के समय में अपने घर के गार्डन में एक-दो घंटे घूमने के बाद मैं टीवी देखना पसंद करता था । टीवी पर यदि अच्छी खबरें आ रही हो तो मैं देखता था अन्यथा मैं किताबें पढ़ना पसंद करता था । मैं लॉकडाउन के समय में अपने पसंद की किताबें पढ़ता था ।
कहीं तरह की मनोरंजक कथाएं कहानियां इतिहास से संबंधित किताबें मुझे पढ़ना बेहद पसंद था । मैं किताबें पढ़ने में ज्यादा समय व्यतीत करता था । उसके बाद मैं दोपहर का खाना अपने परिवार के साथ ही खाता था । खाना खाने के बाद मैं अपने माता-पिता को समय देता था और फिर परिवार के सभी लोग थोड़ा विश्राम करते थे ।
श्याम के समय हम घर की छत पर परिवार के साथ बैठना पसंद करते थे । इस तरह से लॉकडाउन के समय में मेरी दिनचर्या रही है ।
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