Kachra peti ki atmakatha
आज हम आपके लिए लाए हैं कचरा पेटी की आत्मकथा पर हमारे द्वारा लिखित इस आर्टिकल को । यह एक काल्पनिक आर्टिकल है तो चलिए पढ़ते हैं । मैं एक कचरा पेटी हूं , मैं एक पार्क के बाहर रखी हुई हूं ।
अक्सर लोग कई तरह के कचरे को मुझ में डालते हैं जिससे आसपास किसी भी तरह का कचरा इकट्ठा ना हो और चारों और स्वच्छता बनी रहे इसलिए लोग मुझ में कचरा डालते हैं । मैं अपने इस जीवन में काफी खुश हूं क्योंकि स्वच्छता के लिए मेरा योगदान बहुत ही महत्वपूर्ण होता है ।
यदि मैं ना हो तो जाहिर सी बात है कि चारों ओर इधर-उधर कचरा होगा , लोग कचरे को इधर-उधर फेंक देंगे तो अस्वच्छता चारों ओर देखने को नहीं मिलेगी । ऐसे अस्वच्छता वाले वातावरण में लोग और बीमार भी होंगे । लोग ऐसे वातावरण से दूर जाना चाहेंगे इसलिए मैं हमेशा लोगों की मदद के लिए तत्पर होती हूं ।
अक्सर सरकार स्वच्छता चारों ओर बनाए रखने के लिए नागरिकों को जागरूक कर रही हैं और कई तरह की स्वच्छता अभियान चला रही है । स्वच्छता बनाने के लिए कई तरह के नारों का उपयोग भी किया जाता है । इसके साथ में स्वच्छता बनाए रखने में मेरी यानी कचरे की पेटी का महत्वपूर्ण योगदान है ।
मुझे उम्मीद है कि आप मेरे इस योगदान की इज्जत करेंगे और हमेशा मुझ में ही कचरा डालेंगे , इधर-उधर कचरा बिल्कुल भी नहीं डालेंगे । आप देश के अच्छे नागरिक होने का फर्ज जरूर निभाएंगे और अपने चारों ओर स्वच्छता बनाए रखेंगे ।
कहीं लोग जो कचरा पेटी में कचरा नहीं डालते हैं वह इधर-उधर कचरा डालते हैं ऐसे लोगों से मैं आग्रह करना चाहूंगी कि कचरा हमेशा कचरा पेटी में ही डालें जिससे चारों और स्वच्छता बनी रहे ।
दोस्तों मेरे द्वारा लिखा यह आर्टिकल आप अपने दोस्तों में शेयर करें और हमें सब्सक्राइब करें धन्यवाद ।
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