Jativad aur sampradayikta par nibandh
जातिवाद और सांप्रदायिकता की वजह से आज हमारे देश में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होती हैं । दरअसल हमारे भारत देश में कहीं जाति धर्म के लोग हैं । इन धर्मों के लोग अपने अपने धर्म को श्रेष्ठ बताते हैं और इसी वजह से कई बार सांप्रदायिकता हमें चारों और देखने को मिलती है ।
इसके अलावा लोग अपनी अपनी जाति को भी महत्व देते हैं जिस वजह से भी समय-समय पर कई तरह की बहस हम देखते हैं । हमारे भारत देश के संविधान ने भारत देश को धर्मनिरपेक्ष माना है लेकिन फिर भी कुछ लोग जातिवाद यह संप्रदायिकता की वजह से देश के सामने कई परेशानि खड़ी कर देते हैं ।
वास्तव में जातिवाद या सांप्रदायिकता एक ऐसा जहर है जिस को दूर करना बेहद जरूरी है । जातिवाद या संप्रदायिकता अगर हमारे देश में रहेगा तो देश कई समस्याओं से घिरा रहेगा । हम सभी को चाहिए कि हम सभी धर्मों एवं जाति के लोगों का सम्मान करें उनके प्रति अच्छी भावना रखें , अपने कर्तव्य को निभाए और इस जातिवाद एवं संप्रदायिकता की भावना से दूर रहें ।
कई बार संप्रदायिकता या जातिवाद की वजह से नरसंहार जैसी स्थिति भी पैदा हो जाती है और फिर स्थिति को संभालना काफी मुश्किल होता है । इसलिए हम सभी को चाहिए कि हम संप्रदायिकता को अपने देश से निकाल फेंके ।
हमें चाहिए कि हम दूसरे संप्रदायों के लोगों के साथ भाईचारे की भावना रखें । दूसरे जाति एवं धर्म के लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करें । हम सभी को चाहिए कि धर्मनिरपेक्ष को अपनाएं और हमेशा एक दूसरों का सहयोग करें । हम सभी को भारत देश में मिलजुल कर प्रेम पूर्वक रहना चाहिए ।
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