Ek naukar ki atmakatha in hindi
आज हम आपके लिए लाए हैं एक नौकर की आत्मकथा पर हमारे द्वारा लिखित यह काल्पनिक आर्टिकल आप इसे जरूर पढ़ें तो चलिए पढ़ते हैं । मैं एक नौकर अपने गांव से लगभग 200 किलोमीटर 1 बड़े शहर में एक परिवार के यहां पर नौकरी करता हूं ।
मैं उनके घर में खाना बनाने का और साफ सफाई का कार्य करता हूं । मुझे यह काम बहुत पसंद हैं । मैं इससे पहले कई तीन चार जगह पर कार्य कर चुका हूं लेकिन वहां के मालिक ऐसे नहीं थे जैसे कि अभी के हमारे मालिक हैं । मैं अभी जहां पर काम करता हूं वहां के मालिक एवं मालकिन बहुत ही अच्छे इंसान हैं ।
वह मुझे किसी नौकर की तरह नहीं रखते बल्कि मुझे एक परिवार के सदस्य की तरह रखते हैं , मेरा ख्याल रखते हैं । जब भी मैं कहीं बाहर या अपने गांव जाता हूं तो वह मुझे कुछ रुपए भी दे देते हैं । अक्सर वह कहीं जाते हैं तो पूरा घर या अपने बच्चों को मेरे भरोसे ही छोड़ कर चले जाते हैं । मैं भी पूरी ईमानदारी के साथ उनके घर की देखभाल करता हूं ।
मुझे ईमानदारी के साथ व्यवहार रखना बहुत ही पसंद है । मेरे मालिक के घर पर एक अच्छी कार है । कभी-कभी मैं उनकी कार की साफ-सफाई भी करता हूं । घर के पास में ही पीछे की तरफ एक सुंदर सा बगीचा है । मैं अक्सर सुबह शाम उस बगीचे में पेड़ पौधों को पानी देता हूं और बच्चों को उस बगीचे में सुबह शाम घुमाने के लिए भी ले जाता हूं ।
सच मानिए कि 6 महीने में यह परिवार मुझे अपने परिवार की तरह लगने लगा है । ज्यादातर मेरा लगाव मालिक मालकिन के बच्चों के साथ हो गया है । बच्चे बहुत ही अच्छे हैं जो मेरे साथ रहना पसंद करते हैं । मेरे साथ कई तरह के खेल भी खेलते हैं । यही मेरे जीवन की आत्मकथा है ।
मुझे उम्मीद है कि मैं अपना कार्य ईमानदारी से निभाते हुए अपने मालिक की प्रशंसा के योग्य बनूंगा ।
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