बिहार में बाढ़ पर निबंध
बिहार में बाढ़ की समस्या देखने को मिलती हैं । 2020 में भी बिहार के कई जिलो में बाढ़ की समस्या दिखी यहां तक कि कई सारे गांव बाढ़ के कारण पानी में डूब गए । बिहार में कई नदियों में आई बाढ़ से लगभग 1600000 लोग प्रभावित हैं ।
इस बाढ़ की वजह से बिहार में बहुत सारे लोग सड़कों पर रहने के लिए मजबूर हो गए थे । इसके अलावा वहां के खेतों की जमीन भी जलमग्न हो गई थी । बिहार की बाढ़ एक राष्ट्रीय आपदा के रूप में गिनी जाती हैं । नेपाल से कई तरह की नदियां निकलती हैं जैसे कि घाघरा, कोसी,पांडक जैसी कई नदियां हैं ।
यह नदियां हिमालय की ऊंची शिखर से निकलते हुए एकदम से नीचे आती हैं । इसी वजह से बिहार कि नेपाल से लगी सीमा में बाढ़ अक्सर तबाही मचाती है ।बिहार में बाढ़ से बचने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं । इन उपायों में बांध बनाना या तटबंध का निर्माण करवाना आदि है ।
भारत सरकार बिहार की इस बाढ़ आपदा को रोकने के लिए कई बांध का निर्माण भी करवा चुकी है लेकिन कई बांध पानी के तेज बहाव की वजह से टूट भी जाते हैं ।
बिहार की बाढ़ की समस्या के लिए सरकार कई उपाय करने के प्रयत्न कर रही है ।
2017 में जब बिहार में बाढ़ आई थी तब उत्तर बिहार के लगभग 19 जिले काफी प्रभावित हुए थे जिसमें 514 लोगों की मौत हो गई थी । पिछले कई सालों में यह बिहार में सबसे भयानक बाढ़ थी । इस बाढ़ की वजह से एक करोड़ से भी ज्यादा लोग प्रभावित हुए थे । बिहार में लगभग 60 पर्सेंट आबादी ऐसी जगह पर रहती है जहां पर कभी भी बाढ़ आ सकती है ।
बाढ़ आने के कारण सरकार का बहुत सारा रुपए का भी नुकसान होता है । बाढ़ आने के बाद सरकार को वहां के लोगों की मदद करने के लिए राहत कार्य करने पड़ते हैं , उनकी भोजन की व्यवस्था करना पड़ती है । वास्तव में बिहार की बाढ़ बहुत सारे लोगों का जीवन बर्बाद कर दी थी ।
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