Wednesday, 3 February 2021

Bhartiya sanskriti par videshi sanskriti ka prabhav in hindi

Bhartiya sanskriti par videshi sanskriti ka prabhav in hindi

 भारत की संस्कृति मे उच्च विचार , सत्य , ईमानदारी धर्म एवं भारतीय पहनावा है । आजकल के बदलते समय में लोग भारतीय संस्कृति भूल रहे हैं विदेशी संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं । यह सही नहीं है हमारे भारत देश की संस्कृति एक ऐसी संस्कृति है जिस संस्कृति को विदेशी भी सीखना चाहते हैं । 

भारत के कुछ लोग भारत की संस्कृति पीछे रख रहे हैं और बहुत से लोग विदेशी संस्कृति को बढ़ावा देकर उसे अपना रहे हैं । आजकल भारत के लोग भी अपनी संस्कृति को खोकर मद्यपान कर रहे है इसके अलावा कुछ लोग अपने भारतीय पहनावे को पीछे रखकर विदेशी पहनावे को ज्यादा बढ़ावा दे रहे है । 

जिस स्त्री को हम देवी के समान समझते हुए आए हैं लेकिन गलत नजरों से देखते हैं । पुरुष जो कि समाज में प्रधान माना गया है वह जीवन मे उच्च विचार को न समझते हुए विदेशी पहनावे एवं कई तरह के जो हमारी संस्कृति के बिलकुल खिलाफ है उस संस्कृति को अपना रहा है । 

हमारी संस्कृति में पुरुष को चाहिए कि वह  स्त्री को सम्मान दें लेकिन आजकल कई लोग स्त्री को केवल भोग विलास की वस्तु समझते है । इसके अलावा नारी की ओर ध्यान दें तो देशों यानी विदेशों की संस्कृति को बढ़ावा दे रही है । विदेशों की तरह अर्धनग्न कपड़े पहनना आजकल का फैशन बन गया है । 

हमारी संस्कृति में हमें जिस तरह के कपड़े पहनने चाहिए नारी उन कपड़ों को त्याग कर कई नारियां विदेशों के फैशन की ओर आगे बढ़ती हुई देखी जाती हैं जिस वजह से हमारे भारत देश में कई तरह के अपराध हमें चारों ओर देखने को मिलते हैं । 

यह सब विदेशों की संस्कृति है । हमें चाहिए कि हम विदेशों की संस्कृति से दूर रहें और भारतीय संस्कृति को अपनाएं । बुजुर्गों का आदर करना चाहिए लोगों को चाहिए कि वह एक दूसरे को धोखा ना दे एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान करें । लोग अपनी हिंदी भाषा से ज्यादा अंग्रेजी भाषा को बढ़ावा देते हैं । 

कई लोग तो इंग्लिश बोलने वालों को ज्यादा पढ़ा-लिखा और होशियार समझते हैं लेकिन समझ नहीं आता कि अपनी भाषा संस्कृति को एक तरफ दूर रख कर विदेशों की भाषा एवं संस्कृति को अपनाना क्या यही समझदारी है । वास्तव में इस तरह के कार्य तो केवल नासमझ लोग ही कर सकते है । 

हमें चाहिए कि हम हमारे देश की वेशभूषा आभूषण आदि को बढ़ावा दें विदेशी पहनावे का बहिष्कार करें । 

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