Autobiography of a water in hindi
मैं पानी हूं , मैं अपने जीवन में संतुष्ट हूं क्योंकि मैं दूसरों की प्यास बुझाता हूं । बहुत सारे लोग जो प्यासे होते हैं जो तड़प रहे होते हैं उनकी मैं प्यास बुझा कर उन्हें एक नया जीवन प्रदान करता हू ।
आज दुनिया में वायु , मिट्टी , प्रकाश जैसी महत्वपूर्ण चीजें जिनके बिना जीवन का अस्तित्व ही संभव नहीं है इन जैसी महत्वपूर्ण चीजों में से मैं भी एक हूं । मेरे बिना जीव-जंतुओं , मनुष्य , पशु पक्षियों किसी का भी अस्तित्व संभव नहीं है । मैं सभी के लिए काफी महत्वपूर्ण हूं ।
मैं इतना महत्वपूर्ण हूं कि लोग मुझे जल देवता भी कह कर पुकारते हैं क्योंकि जल के बिना कुछ भी संभव नहीं है । आज हम देखें तो किसान अपने खेतों में बीज बोता है लेकिन उस बीज के जरिए खेतों में पैदावार तभी हो पाती है जब वह अपने खेतों में पानी देता है । पानी के बगैर फसलें भी नहीं उगती ।
लोगों को मेरा महत्व समझना चाहिए । आज हम देखें तो बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं जो पानी को व्यर्थ में बहाते हैं , पानी को गंदा करते हैं । पानी जहां से हमें प्राप्त होता है यानी नदी तालाबों आदि को भी वह गंदा कर देते हैं जिस वजह से मनुष्य को कई सारी बीमारियां भी होती हैं और मैं भी गंदा हो जाता हूं और मेरे अंदर के जीव जंतु मारे जाते हैं ।
मैं मानव के लिए बहुत कुछ करता हूं । मनुष्य को चाहिए कि वह मेरे लिए भी कुछ करें , मेरी स्वच्छता के लिए कुछ करें । मुझ में वह कूड़ा कचरा हानिकारक पदार्थ आदि बिल्कुल भी ना डालें जिससे मैं भी सुरक्षित रहूं और मनुष्य जीव जंतु पशु पक्षी सभी सुरक्षित रहें और अपने जीवन को अच्छे ढंग से जी सकें ।
दुनिया में बहुत सारी ऐसी चीजें हैं जो अलग-अलग लोगों का रहन सहन पहनावा कुछ अलग है । लोगों की भाषाएं भी अलग है लेकिन दुनिया के हर एक देश के लिए एक मैं हूं जो सबसे महत्वपूर्ण हूं जो सबके लिए समान हूं । हर कोई मुझे महत्व देता है क्योंकि मेरे बगैर किसी भी इंसान , जीव जंतु , पशु पक्षी या पेड़ पौधे का अस्तित्व नहीं है ।
यही है मेरे जीवन की आत्मकथा मुझे उम्मीद है कि आपको मेरे जीवन की आत्मकथा से बहुत कुछ सीखने को मिला होगा । मेरे इस आर्टिकल को आप ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और हमें सब्सक्राइब करें ।
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