Friday, 29 January 2021

लेखक की आत्मकथा हिंदी निबंध Hindi lekhak ki atmakatha

Hindi lekhak ki atmakatha

मैं एक लेखक हूं मैं शुरू से ही एक लेखक बनना चाहता था लेकिन मुझे विश्वास ही नहीं था कि मैं इतनी जल्दी एक लेखक बन पाऊंगा । बचपन में मैं कई लेखकों को टी वी चैनल पर देखता था ।इसके अलावा मैं अपनी स्कूल की किताबों में भी लेखकों के बारे में पढ़ता था । 

उनकी जब जीवनी मैं पढ़ता था तो मुझे बहुत ही खुशी होती थी । मैं सोचता था कि कितने किस्मत वाले हैं कि आज दुनिया में नहीं है फिर भी कितने प्रसिद्ध हैं । काश मैं भी लेखक होता तभी मैंने मेरे पेरेंट्स से पूछा क्या मैं भी इन लेखकों की तरह लेखक नहीं बन सकता तभी उन्होंने मुझसे कहा कि हां बिल्कुल । 

यदि तुम अच्छी तरह से पढ़ाई करो तो आगे चलकर तुम भी एक सफल लेखक बन सकते हो । मैंने बचपन से ही अच्छी तरह से पढ़ाई की और धीरे-धीरे में आगे बढ़ता गया । जब मैं बड़ा हुआ तो मुझे कई तरह की कहानियां जीवनी लिखने का काफी शौक था तो मैंने कुछ किताबें जीवनी और कहानियों लिखी । 

धीरे-धीरे वह किताबें इतनी प्रसिद्ध हुई कि कई लोग मेरी उन किताबों को पसंद करने लगे और मेरी उन किताबों को हर महीने खरीदने लगे । मेरी रचनाएं उन्हें काफी पसंद आने लगी तो मैंने लिखना जारी रखा और आज मुझे इस तरह की किताबें लिखते हुए लगभग 30 साल हो चुके हैं । मैं अपने लेखक के 30 साल के कैरियर में काफी खुश हूं । 

आज मैं काफी प्रसिद्ध भी हूं । मैं जब भी कहीं जाता हूं तो लोग मेरी तारीफ करते हैं । वास्तव में लेखक बनना अपने आप में गर्व की बात होती है । लेखक बनने के लिए मैंने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया है । आज से 30 साल पहले एक समय था जब मैंने अपनी पहली किताब लिखी थी तो वह लोगों को पसंद नहीं आई । 

मुझे लगा कि मैं लेखक नहीं बन सकता लेकिन जब मैंने दूसरी किताब लिखी तो लोगों ने उस किताब को काफी पसंद किया फिर मुझे लगा कि वास्तव में मैं लेखक बनने के लिए ही इस धरती पर आया हूं । लेखक बनकर मैं आज अपने आप पर गर्व महसूस करता हूं । 

दोस्तों मेरे द्वारा लिखी यह लेखक की आत्मकथा एक काल्पनिक आर्टिकल है । आप इसे जरूर शेयर करें और हमें सब्सक्राइब भी करें जिससे इसी तरह के आर्टिकल आपको पढ़ने को मिल सके धन्यवाद ।

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