Essay on mere jeevan ka lakshya singer in hindi
मेरे जीवन का लक्ष्य एक सिंगर बनना है । अब मैं बड़ा हो गया हूं लेकिन मेरा यह लक्ष्य बचपन में ही मैंने तय कर लिया था । जब मैं टीवी चैनलों पर कई तरह के गाने सुनता था तब मुझे सिंगर बनकर गाना गाने , गाना सुनने का यह शौक हुआ था । गाने सुनते सुनते में धीरे-धीरे बड़ा होने लगा और उन गानों को मैने गुनगुनाना भी शुरू कर देता था ।
जब मेरे गाने को गुनगुनाते हुए मेरे परिवार वाले सुनते थे तब वह काफी खुश हो जाते थे क्योंकि मेरा गाना उन्हें काफी अच्छा लगता था । एक दिन मेरे पिताजी ने मुझसे कहा की खेलना , कूदना , पढ़ाई करना और उन्होंने मुझसे मजाक ही मजाक में कह दिया कि तू एक सिंगर बन जाना । उनकी बात मुझे इतनी पसंद आई कि उसी समय मैंने अपना लक्ष्य डिसाइड कर लिया कि अब तो मैं एक सिंगर ही बनूंगा । सिंगर बनने के लिए मुझे जो भी कुछ करना पड़ेगा वह सब कुछ मैं कर लूंगा ।
यह निर्णय करने के बाद मैं अपने लक्ष्य के प्रति इतना पागल सा हो गया कि मैं अपना ज्यादातर समय गाना गाने मैं ही गुजरता था । मुझे काफी खुशी होती है गाना गाने में । मैं थोड़ा बड़ा हुआ तो मेरे पिताजी ने मुझे एक सिंगिंग इंस्टीट्यूट में दाखिला दिलवा दिया था । सच मानिए जब मैं सिंगिंग इंस्टीट्यूट में गाना गाने की तैयारी कर रहा था तो मैं उस इंस्टिट्यूट में सबसे अच्छा छात्र था । जब इंस्टिट्यूट में सभी अध्यापक मेरी प्रशंसा करते थे तब मुझे काफी खुशी मिलती थी ।
मैं अपनी अभी तक कि इस काबिलियत का श्रेय अपने पिताजी को देता था क्योंकि मैं अपने पिताजी की वजह से ही सिंगिंग को अपने जिंदगी का मकसद बनाया था । मैं अब इस क्षेत्र में काफी कोशिश कर रहा हूं कि मैं आगे चलकर एक बड़ा गायक बन सकूं और मुझे बॉलीवुड की फिल्मों में भी गाना गाने का मौका मिल सके ।
दोस्तों मेरे द्वारा लिखा गया यह Essay on mere jeevan ka lakshya singer in hindi आर्टिकल अपने दोस्तों में शेयर जरूर करें और हमें सब्सक्राइब करना ना भूलें
0 comments:
Post a Comment