Monday, 21 December 2020

पानी अमृत है पर निबंध pani amrit hai essay in hindi

पानी अमृत है पर निबंध

पानी अमृत है जिस तरह से अमृत मनुष्य को अमर बना देता है उसी तरह से पानी भी एक अम्रत है क्योंकि पानी के बगैर  मनुष्य का जीवन संभव नहीं है। मनुष्य, पशु पक्षियों सभी के लिए जल अमृत के समान ही है, इस पृथ्वी पर जल के बगैर किसी का भी अस्तित्व नहीं है। 


जल अमृत के समान ही होता है उसको व्यर्थ में नहीं बहाना चाहिए। हम सभी को चाहिए कि हम पानी को अमृत के समान ही समझें और पानी को व्यर्थ ना बहाएं, पानी को प्रदूषित भी ना करें। आजकल हम देखते हैं कि लोग पानी को अमृत ना समझते हुए पानी की महत्वता को ना समझते हुए व्यर्थ ही वहाते रहते हैं जिससे व्यर्थ पानी बहता है और लोग जल प्रदूषण भी फैलाते है और कई तरह की बीमारियां भी हमें चारों ओर से घेर लेती हैं। 

हम सभी को चाहिए कि पानी को व्यर्थ ना बहाएं, पानी को प्रदूषित भी ना करें क्योंकि जल अमृत के समान है। कुछ समय के लिए पानी ना मिले तो क्या हो होगा अगर इस पृथ्वी पर उपस्थित सभी जीव जंतु, पेड़-पौधों, मनुष्य को कुछ समय तक के लिए पानी ना मिले तो यह सब जो हम चारों ओर देख रहे हैं वह सब कुछ नष्ट होता हुआ हमें दिखेगा इसलिए हमें जल को प्रदूषित होने से भी बचाना चाहिए।

कई तरह की पॉलिथीन, कूड़े कचरे को जल में नहीं बहाना चाहिए, फैक्ट्रियों से निकलने वाला हानिकारक पदार्थ आदि को भी जल में प्रवाहित नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे जल प्रदूषित होता है। जल प्रदूषित होने से हम सभी को, जीव जंतु, जानवर और मनुष्य सभी को नुकसान होता है। इस नुकसान से बचने के लिए हमें जल को प्रदूषित होने से बचाना चाहिए। 

जल को व्यर्थ नहीं बहाना चाहिए, जल की एक एक बूंद की कीमत समझना चाहिए। हमें चाहिए कि हम वर्षा के पानी को भी एकत्रित करें और अपने घर के कामकाज में उस पानी का उपयोग करें। पानी कितना महत्वपूर्ण होता है यह सब हम तभी समझ पाते हैं जब हमारे शहर या गांव में पानी की कमी हो जाती है। 

अक्सर गर्मी के दिनों में जब किसी गांव या शहर में पानी की कमी हो जाती है तब उन लोगों को पानी की कीमत समझ में आती है वास्तव में पानी अनमोल होता है। पानी अमृत के समान होता है हम सभी को पानी को महत्वपूर्ण समझना चाहिए और कोशिश करना चाहिए कि हम पानी को व्यर्थ ना बहाएं। अगर दूसरे लोग भी पानी को व्यर्थ बहाएं तो भी उन्हें रोकना चाहिए।

गर्मियों के दिनों में हम देखते हैं कि लोग एक एक बूंद पानी के लिए तरसते रहते हैं, कई मोहल्लों में, गलियों में, शहरों एवं गांवों में लंबी लाइनें लगी हुई दिखाई देती हैं क्योंकि वास्तव में जल किसी अमृत से कम नहीं है जल की यह वैल्यू इन लोगों को ऐसे समय पर ही समझ आती है। हम सभी को जल को अमृत समझते हुए जल के बारे में सोचने की जरूरत है क्योंकि जल हैं तो हम हैं जल के बगैर हमारा जीवन संभव नहीं है। 

जल को प्रदूषित नहीं करना चाहिए और जल को व्यर्थ नहीं बहाना चाहिए, यह हमारा कर्तव्य भी हैं। हमें अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए और वर्षा को आकर्षित करने के लिए हमें पेड़ पौधे भी लगाना चाहिए।

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