मेरा शौक गाना गाना पर निबंध
जीवन में हर किसी का कोई ना कोई शौक जरूर होता है। किसी को खेलना पसंद है तो किसी को पढ़ना पसंद है, किसी को तैरना पसंद है लेकिन मुझे गाना गाना पसंद है। मुझे गाना गाने का बचपन से ही बहुत ज्यादा शौक है।
मैं जब भी किसी समारोह में जाता था तो गाना जरूर गाता था। समारोह कई तरह के होते थे जैसे कि सामाजिक समारोह, धार्मिक समारोह। समारोह कोई सा भी हो मुझे हर समारोह में गाना गाने का मौका जब मिलता था तो मुझे ऐसा लगता था कि कोई मेरे शौक को बढ़ावा दे रहा है, यह बात मुझे बहुत ही पसंद थी।
मैं उस व्यक्ति का दिल से धन्यवाद करता था जो मुझे गाना गाने के लिए निमंत्रण देता था। दरअसल मेरे पिताजी भी एक गायक थे तो उनको देखते हुए मैंने भी गायक बनने का फैसला लिया था। दरअसल शुरू से ही मुझे गाना गाने का बहुत शौक था। धीरे-धीरे में बड़ा हुआ तो यह शौक मेरा कम नहीं हुआ बल्कि मेरा यह शौक मेरा जुनून बन गया और यह सब धीरे-धीरे बढ़ता ही गया।
आज मैं 20 साल का हूं मुझे गाना गाने का बहुत शौक है। कई जगह मुझे गाना गाने का मौका मिलता भी है, कई समारोह में जब मैं जाता हूं और मैं किसी को गाते हुए देखता हूं तो वास्तव में मुझे बहुत ही खुशी होती है। गाना गाना मेरा शौक भी है और मेरा एक सपना भी है। मैं बॉलीवुड फिल्मों के कई सारे गाने गाना चाहता हूं। मैं मेहनत करके उस पोजीशन पर पहुंचना चाहता हूं, जहां पर मैं सबसे सफल गायक बन सकूं और लोग मेरी आवाज मेरे गानों को सुनकर खुश हो सके।
हम सभी जानते हैं कि गाना कई तरह के होते हैं। कई तरह के गाने जो रोते हुए व्यक्ति को हंसा देते हैं। कुछ गाने लोगों को रुला देते हैं, कुछ गाने लोगों को पुरानी यादें दिला देते हैं। वास्तव में गाने हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं।
बहुत सारे लोगों को गाना गाने का शौक होता है लेकिन मेरा गाना गाने का शौक मेरा जुनून बन चुका है। मैं अपने जुनून को कई सालों से बरकरार रखे हुए हू और आगे चलकर मैं जरूर ही एक बहुत बड़ा गायक बनूंगा और गायकी के दम पर अपनी खुद की एक बड़ी पहचान बना लूंगा।
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