Wednesday, 4 November 2020

पौधे की आत्मकथा Paudhe ki atmakatha

Paudhe ki atmakatha

मैं एक छोटा सा पौधा हूं। मेरा जन्म एक बगिया में हुआ है, मेरी सुरक्षा के लिए मालिक ने मेरे चारों ओर झाड़ी बनाई है जिस वजह से कई जीव जंतु, पशु पक्षी मुझे नुकसान नहीं पहुंचा पाते। मैं काफी महत्वपूर्ण पौधा हूं जिस वजह से मेरा मालिक मेरी बड़ी ही अच्छी तरह से देखरेख करता है।

मेरा मालिक मुझे समय पर पानी देता है, मैं अक्सर देखता हूं कि बगीचे में कई बच्चे शाम के समय घूमने के लिए आते हैं, वह चारों ओर पेड़ पौधों को देखते हैं, भ्रमण करते हैं। पेड़ पौधों की कई डालियों पर चढ़ते हैं। जब उनकी नजर मेरे जैसे छोटे से पौधे पर पड़ती है तो वह खुश हो जाते हैं, वह सोचते हैं कि इतना सा पौधा जिसकी सुरक्षा के लिए मालिक ने कितनी व्यवस्था कर रखी है। 

वह मेरे पास भी आते हैं और मुझे देखकर काफी खुश लगते हैं। मुझे देखकर वह आपस में ही बहुत देर बातें करते रहते हैं। वैसे देखें तो मेरी तरह बगिया में और भी पौधे हैं लेकिन सबसे छोटा मैं ही हूं। आज से कुछ समय पहले जब मैं उगाया गया था तब मुझे काफी खुशी महसूस हो रही थी। 

अब धीरे-धीरे में बड़ा हो रहा हूं, कई पक्षियों की नजर मुझपर ही रहती है, कई जानवर तो झाड़ी तोड़ने की कोशिश भी करते हैं और मुझे खींचने की कोशिश भी करते हैं लेकिन वह मुझे पकड़ नहीं पाते। सुना है मैंने कि मेरे जैसे पौधे धीरे-धीरे बड़े होकर विशालकाय पेड़ बन जाते हैं जिनकी बड़ी-बड़ी डालिया होती हैं। मुझे भी इंतजार है कि मैं भी बड़ा होऊंगा और मैं भी इतना विशालकाय हो जाऊंगा कि कोई भी जानवर, पशु पक्षी मुझे नुकसान नहीं पहुंचा सकेगा।

दोस्तों पौधे की आत्मकथा पर मेरे द्वारा लिखा यह आर्टिकल आप अपने दोस्तों में शेयर जरूर करें।

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