My first experience of riding a bicycle essay in hindi
आज हम साइकिल चलाने के पहले अनुभव के बारे में जानेंगे। साइकिल चलाना बच्चों को बहुत ही भाता है। पहली बार जब बच्चे साइकिल चलाते हैं तो उनके चेहरे पर खुशी देखने को मिलती है। साइकिल चलाने का पहला अनुभव बहुत ही अच्छा होता है।
मैं जब बच्चा था तब मैंने पहली बार जब साइकिल चलाई तो मेरा अनुभव बहुत ही अच्छा रहा। मैं अक्सर अपने पिताजी को साइकिल चलाते हुए देखता था, उन्हें साइकिल चलाते हुए देखते मैं बड़ा हो गया। एक दिन मैंने अपने हाथ में साइकिल ली और मेरे पिताजी ने पीछे से उस साइकिल को पकड़ा। मैंने साईकल चलाने की कोशिश की लेकिन मैं उस दिन उस साइकिल को नहीं चला पाया क्योंकि मेरे पैर सही तरह से साइकिल पर नहीं पहुंच पा रहे थे तभी मेरे पिताजी ने मुझसे कहा कि बेटा मैं तुम्हारे लिए एक छोटी सी साइकिल ला कर दूंगा।
तब उन्होंने मुझे एक छोटी सी साइकिल ला कर दी। अब मैं उस साइकिल को अपने साथ लेकर एक ऐसे स्थान पर गया जहां पर लोग आते जाते नहीं थे। मैंने पहली बार साइकिल पर चढ़ने की कोशिश की लेकिन मैं गिर गया तब मेरे एक दोस्त ने साइकिल को पीछे से पकड़ा और मैं साइकिल चलाता गया। मुझे साइकिल चलाने में बहुत डर लग रहा था, मैं सोच रहा था कि ऐसा ना हो कि मैं साइकिल से गिर जाऊं लेकिन मेरा दोस्त मेरी साइकिल को पकड़े हुए था इस वजह से मैं साइकिल से नहीं गिरा।
फिर थोड़ी देर हम रुके और फिर कुछ देर बाद दोबारा से साइकिल चलाने की कोशिश करने लगे। मेरा दोस्त उम्र में मुझसे थोड़ा बड़ा था वह पहले से ही साइकिल चलाना जानता था इस वजह से साइकिल चलाना सीखने में उसने मेरी पूरी मदद की। एक-दो दिन तक मैं इसी तरह से साइकिल चलाता गया और मेरा दोस्त कभी कभी पीछे से साइकिल पकड़कर मेरा बैलेंस बनवाने की कोशिश करता।
कभी कभी वह मेरी साइकिल को छोड़ भी देता था एक दो बार में साइकिल चलाते समय गिर भी गया था लेकिन साइकिल चलाना मैं इन दिनों में थोड़ा बहुत सीख भी गया था फिर तीसरे चौथे दिन मैंने खुद अकेले से साइकिल चलाने की कोशिश की। फिर बार-बार मैं साइकिल के पैदल पर पैर रखता और साइकिल के ऊपर बैठने की कोशिश करता, धीरे धीरे इस तरह से चलाने के कारण मेरा अब साइकिल चलाने का डर खत्म होने लगा और कुछ दिनों बाद ही मैं साइकिल चलाना सीख गया।
में साइकिल धीरे-धीरे ऐसे स्थानों पर चलाता जहां पर लोगो का आना जाना नहीं था क्योंकि मैं अभी सही तरह से साईकल चलाना नहीं जानता था। अभी मैं बस साइकिल चलाना सीख रहा था। कुछ दिनों तक साइकिल चलाने की प्रैक्टिस करते करते मैं साइकिल चलाने में बहुत ही परफेक्ट हो गया था। अब मैं भीड़भाड़ वाले स्थानों पर भी साइकिल चलाने लगा था यही है मेरे द्वारा पहली बार साइकिल चलाने का अनुभव।
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nice
ReplyDeletecorrect it helps me a lot
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ReplyDeletei like it
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