Sunday 22 November 2020

गुरु भक्ति पर निबंध Guru bhakti par nibandh

Guru bhakti par nibandh

गुरु भक्ति आज से नहीं बल्कि प्राचीन काल से ही हम सभी देखते हुए आ रहे हैं। एक शख्स का कर्तव्य होता है कि वह गुरु के प्रति कर्तव्य को निभाए। शिष्य अपने गुरु से शिक्षा दीक्षा लेता है, गुरु के बताए हुए मार्ग पर चलता है और जीवन में आगे बढ़ता है। 

हमारे धर्म शास्त्रों में भी गुरु को ईश्वर के समान या ईश्वर से भी बढ़कर बताया गया है। गुरु की सेवा करना हमारा कर्तव्य होता है, गुरु के प्रति भक्ति रखना प्राचीन काल से ही हर शख्स का कर्तव्य माना जाता है। एक भक्त जिस तरह से अपने ईश्वर के प्रति भक्ति रखता है उसी तरह से एक शख्स का भी कर्तव्य होता है कि वह अपने गुरु को ईश्वर के समान समझे, गुरु के प्रति भक्ति रखें। 

जो गुरु के प्रति भक्ति रखता है वह अपने गुरु की प्रशंसा के योग्य बनता है और गुरु हर तरह की शिक्षा अपने शिष्यो को देते हैं। कई शिष्य ऐसे होते हैं जिनको गुरु से शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्राप्त होता है लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनको गुरु भक्ति करने का अवसर प्राप्त नहीं हो पाता। 

वास्तव में जिनको गुरु से शिक्षा प्राप्त करने का अवसर एवं गुरु भक्ति करने का अवसर प्राप्त होता है वह अपने जीवन में धन्य हो जाते हैं। कहते हैं कि हर एक इंसान को अपने जीवन में गुरु जरूर बनाना चाहिए और गुरु की भक्ति भी करनी चाहिए क्योंकि गुरु ईश्वर के समान होता है। 

महाभारत में द्रोणाचार्य ने अपने सभी शिष्यो को शिक्षा दी, पांचो पांडवो को भी द्रोणाचार्य से शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्राप्त हुआ। पांचों पांडवों में से अर्जुन द्रोणाचार्य का प्रिय शिष्य था, जोकि गुरु के द्वारा शिक्षा से जीवन में आगे बढ़ता चला गया और अर्जुन ने कई बड़े-बड़े योद्धाओं का सामना किया। वास्तव में जो शिष्य गुरु भक्ति करता है गुरु उसे अपना सर्वस्व प्रदान करते है। 

गुरु की दी हुई शिक्षा यदि शिष्य सही तरह से ग्रहण करता है तो वह जीवन में सफलता की बुलंदियों को छूता है। भगवान श्री राम जी ने भी अपने गुरु से शिक्षा प्राप्त की और हर तरह से अपने गुरु की दी हुई शिक्षा को ग्रहण किया और फिर इस पूरी दुनिया की रक्षा की।

वास्तव में भगवान श्रीराम ने भी गुरु भक्ति करके अपने गुरु से बहुत कुछ प्राप्त किया था। उनके पुत्र लव कुश ने भी बाल्मीकि जी की भक्ति की और बहुत सारे अस्त्र शस्त्रों का ज्ञान प्राप्त भी किया था, इन अस्त्र शस्त्रों की वजह से उन्होंने कई लोगों का सामना भी किया। वास्तव में जो गुरु भक्ति करता है वह अपने गुरु की कृपा पाता है और जीवन में आगे बढ़ता जाता है।

 दोस्तों मेरे द्वारा लिखा यह लेख आप अपने दोस्तों में शेयर जरूर करें और हमें कमेंटस भी करें।


0 comments:

Post a Comment