Essay on a night at railway station in hindi
रेलवे स्टेशन जो कि एक ऐसा स्थान होता है जहां पर रेल रूकती है और फिर कई सवारियां उस रेल में से उतरती हैं, नई सवारिया रेल में चलती है और फिर रेल अपने मार्ग की ओर बढ़ जाती है। कई बार हमें जीवन में रेलवे स्टेशन पर रात्रि में रुकना पड़ सकता है क्योंकि कई बार हमारी ट्रेन लेट हो जाती हैं या फिर हमें सुबह जल्दी जाना होता है तो हम रात्रि में ही रेलवे स्टेशन पर आ जाते हैं और हमें रात्रि में रेलवे स्टेशन पर रुकना पड़ता है।
मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था कि जब मैंने रेलवे स्टेशन पर रात गुजारी थी। आज से 2 साल पहले जब मैं अपने एक दोस्त के साथ एक शहर जा रहा था तब वह ट्रेन लेट हो चुकी थी। अब मैं सोच ही रहा था कि अब क्या करूं। अब तो मुझे काफी देर इंतजार करना पड़ेगा तभी हम दोनों ने कुछ समय तक वहीं पर रुकने का फैसला किया। ट्रेन लगभग ढाई या 3:00 बजे के आसपास आने की संभावना थी तब तक हमें लगभग डेढ़ 2 घंटे रेलवे स्टेशन पर रुकना था।
रात्रि के समय में मैंने देखा कि एक ट्रैन आने के बाद काफी देर तक कोई भी ट्रेन नहीं आई। रेलवे स्टेशन पर बैठे हुए सभी लोग जमीन पर बिस्तर लगाकर आराम कर रहे थे। रेलवे स्टेशन जो कि दिन के समय में काफी शोर-शराबा भरा हुआ लगता है लेकिन रात्रि के समय में रेलवे स्टेशन पर बिल्कुल भी शोर शराबा सुनाई नहीं दे रहा था। रेलवे स्टेशन पर बैठे-बैठे हम दोनों थक गए थे तभी हमने भी एक बिस्तर लगाकर वहीं पर कुछ देर आराम करने का विचार किया।
रेलवे स्टेशन पर चारों तरफ लाइट जल रही थी, चारों ओर देखने पर लोग केवल सोते हुए ही नजर आ रहे थे, कई लोग ऐसे थे जिनको सुबह 5:06 बजे की ट्रेन से जाना था वो अभी से रेलवे स्टेशन पर आ गए थे। हमारी ट्रेन जल्दी ही आने वाली थी इस वजह से मैंने अपने दोस्त को सुझाव दिया कि हम आराम नहीं करते हैं नहीं तो नींद आ जाएगी। हमने पास की होटल से चाय मंगवाई और दोनों ने चाय पी।
ट्रेन में रात्रि के समय में जाने का यह मेरा पहला मौका था। रेलवे स्टेशन पर भी में पहली बार ही रात्रि में रुका हूं। मैंने देखा कि अब और भी बहुत से लोग रेलवे स्टेशन की ओर आने लगे हैं, जरूर ही कोई ट्रेन आने वाली थी तभी 15 या 20 मिनट बाद ही एक ट्रेन रेलवे स्टेशन पर आई जिसमें से बहुत से लोग उतरे।
बहुत से लोग उस ट्रैन में चढ़े लेकिन 10 मिनट बाद ही रेलवे स्टेशन पर फिर से से सन्नाटा सा छा गया। लगभग 3:00 बजे हमारी ट्रेन आ चुकी थी। हम अपनी ट्रेन में आराम करते हुए सुबह 7:00 बजे अपने शहर जा पहुंचे। वास्तव में रात्रि के समय रेलवे स्टेशन पर रुकना मुझे बहुत ही अच्छा लगा।
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