Saturday, 31 October 2020

समय की आत्मकथा पर निबंध Samay ki atmakatha in hindi

Samay ki atmakatha in hindi

मैं समय हूं। मैं जब एक बार गुजर जाता हूं तो दोबारा वापस नहीं आता। मैंने अपनी आंखों से बहुत कुछ देखा है। मेरे जितना पुराना कुछ भी नहीं है। मैं आज भी हूं और कल भी था और हमेशा रहूंगा। जिसने मेरी कीमत समझी वह जीवन में सफलता की बुलंदियों को छू लेता है और जिसने मुझे व्यर्थ खोया, मेरी कीमत नहीं समझी वह जीवन में कुछ भी नहीं कर पाता है। 

बहुत सारे लोग मेरी कीमत समझकर लगातार मेहनत करते जाते हैं और आगे बढ़ते जाते हैं, ऐसे मेहनती लोगों को मैं प्रणाम जरूर करता हूं। मैं समय हूं, मैंने अपनी आंखों से रामायण, महाभारत सब कुछ देखा है। मेरे सामने ही महर्षि वाल्मीकि जी ने रामायण लिखी, मेरे सामने ही महाभारत का युद्ध हुआ, सब कुछ मेरे सामने ही होता रहा। आज वह समय गुजर चुका है।


लोग मेरे समय में गुजरी हुई उन कथा, कहानियो से बहुत कुछ सीखते हैं। मैं समय हूं, मैं हमेशा गुजरता रहता हूं, एक-एक पल मेरा कीमती है, मैं एक बार चला जाता हूं तो फिर भूलकर कभी भी वापस नहीं आता। मैंने अपने जीवनकाल में सब कुछ देखा है। जीव जंतु, पशु पक्षी, मनुष्य सबको मैंने देखा है। कई जीव जंतु समय के साथ लुप्त होते गए हैं। बस मनुष्य को ही मैं लंबे समय से इस दुनिया में देख रहा हूं।


मनुष्य ने समय का महत्व समझकर उसका सदुपयोग किया हैं और कई ऐसे अविष्कार किए जिससे आज दुनिया धीरे-धीरे बदलती हुई दिख रही है। मनुष्य ने अपने दिमाग का इस्तेमाल करके वास्तव में दिखा दिया है कि वह सबसे बढ़कर है, वह चाहे तो असंभव को भी संभव कर सकता है। जीवन के कई असंभव लगने वाले कार्यों को भी इस मनुष्य ने कर दिखाया है।


मैं आज आपसे एक बात कहना चाहता हूं कि यदि आप भी मनुष्य हैं तो आप भी अपनी कीमत को समझिए। आप अनमोल हो, ईश्वर के द्वारा बनाई हुई ऐसी कृति हो जो आप सोच लो वह आप कर सकते हो, आपके लिए कुछ भी असंभव नहीं है। बस मैं आपसे यही कहना चाहता था उम्मीद करता हूं कि आप मेरी यह आत्मकथा पढ़कर जीवन में कुछ जरूर सीखेंगे।


दोस्तों मेरे द्वारा लिखी यह समय की काल्पनिक आत्मकथा पर लिखा आर्टिकल Samay ki atmakatha in hindi आप अपने दोस्तों में शेयर करना ना भूलें और हमें सब्सक्राइब भी करें।


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