mahanagar mein mahilaon ki suraksha par nibandh
महानगरों में महिलाओं की सुरक्षा के बारे में विशेष रूप से विचार करने की जरूरत है। आज के महानगरों में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। महिलाओं के साथ महानगरों में कई तरह की घटनाएं देखने को मिलती हैं, महिलाओं के साथ बलात्कार प्रताड़ना करना जैसी कई समस्याएं सामने आती हैं।
इन समस्याओं को दूर करना बेहद जरूरी है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए चाहिए कि सरकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कानून बनाएं जिससे लोग महिलाओं के प्रति अभद्र व्यवहार करने से पहले सौ बार सोचे। महिलाएं जो देवी का अवतार होती हैं, शुरू से ही हमारे देश में महिलाएं पूजी जाती हैं। यदि महानगरों में महिलाएं सुरक्षित नहीं हो तो यह हमारे भारत देश के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है।
भारत सरकार को चाहिए कि महानगरों की समस्या को दूर करने की और विशेष रूप से विचार करें। पुलिस को चाहिए कि वह महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार करने वालों के प्रति सख्ती से व्यवहार अपनाएं। महिलाओं के साथ बुरा व्यवहार करने वाले को हम मानसिक रोगी भी कह सकते हैं क्योंकि ऐसे लोग जो महिलाओं के साथ अत्याचार करते हैं, उनके साथ बुरा व्यवहार करते हैं.
यहां तक कि उनके साथ बलात्कार करते हैं यह किसी मानसिक रोगी से कम नहीं होते हैं ऐसे रोगियों के खिलाफ सरकार को सख्ती से कार्रवाई करना चाहिए, उन्हें जेल में बंद करना चाहिए क्योंकि ऐसे लोग हमारे समाज के लिए, हमारे महानगरों एवं हमारे देश के लिए एक खतरा है।
कई महानगरों में वहां की सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई उचित कदम भी उठाए हैं लेकिन कई महानगर सुरक्षा के उपायों में पीछे भी रहे हैं। हर किसी को महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष रूप से कदम उठाने चाहिए, जिससे महिलाओं के साथ गलत ना हो, महिलाएं हमारे महानगरों में चैन की सांस ले सकें।
महानगरो की महिलाओं को भी चाहिए कि वह विदेशी संस्कृति, विदेशी पहनावे को अपने जीवन शैली में ना अपनाएं, विदेशी पहनावे को बिल्कुल भी ना पहने। भारत की महिलाओं को चाहिए कि वो हमारे भारत की संस्कृति के अनुसार भेषभूषा पहने तो ही अच्छा है।
विदेशी पहनावे में कई ऐसे पहनावे होते हैं जिसकी वजह से महिलाओं का शरीर दिखता है जिस वजह से कई लोगों पर इसका बुरा असर भी पड़ता है, जिसके चलते लोग महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार भी करते हैं। महिलाओं को भी इस ओर विशेष ध्यान देते हुए विदेशी पहनावे का बहिष्कार करना चाहिए, इसके साथ में लोगों को भी चाहिए कि वह महिलाओं को देवी का अवतार समझते हुए उनके साथ अच्छा व्यवहार करें और महानगरों की इस समस्या को दूर करने का प्रयत्न करें।
महानगरों में देखने को मिलता है कि रात के समय महिलाओं का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। कई महानगरों में तो दिन में भी महिलाएं सुरक्षित नहीं है रात की तो बात ही अलग है। महानगर महिलाओं को लेकर तभी सुरक्षित माने जा सकते हैं जब महिलाएं रात के समय भी पूरी तरह से सुरक्षित हो।
अक्सर महिलाओं को अपने ऑफिस एवं अन्य कार्यों की वजह से घर पर जल्दी आना होता है, देर रात घर पर आना उनके लिए काफी मुश्किल होता है क्योंकि देर रात में उन्हें एक डर सा सताता है। महिलाओं को इस तरह के डर का सामना ना करना पड़े इसके लिए सरकार को ऐसी गंदी सोच रखने वाले लोगों को एवं खुद महिलाओं को इस और विचार करना चाहिए और इन बातों को समझकर अपने जीवन में बदलाव लाना चाहिए तभी महानगरों की महिलाओं की यह समस्या दूर हो सकती है।
दोस्तों हमारे आज के इस आर्टिकल महानगरों में महिलाओं की सुरक्षा को शेयर करना ना भूलें।
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