इंसानियत पर निबंध
हमारे भारत देश में कई तरह के धर्म है, लोग अपने धर्म का पालन करने के बारे में सोचते हैं इसी के साथ में लोगों को इंसानियत का पालन भी करना चाहिए. एक व्यक्ति भले ही किसी भी धर्म का क्यों ना हो उसके साथ इंसानियत का व्यवहार करना सबसे जरूरी है.
अगर कोई व्यक्ति किसी मुसीबत में है तो इंसानियत के नाते हमारा कर्तव्य है कि हम उस व्यक्ति की मदद करें और उसे उस मुसीबत से निकाले, हमेशा सत्य के मार्ग पर चलें और कभी भी किसी को धोखा ना दें. इंसान को चाहिए कि सबसे पहले वह इंसानियत के धर्म को समझें, उसका पालन करें, हमेशा लोगों से प्रेम पूर्वक वार्तालाप करें, दूसरों के बारे में हमेशा अच्छा सोचे. इसके अलावा दूसरों पर दया का भाव भी रखें.
प्रकृति के द्वारा प्रदान की हुई चीजों का भी विशेष रूप से ध्यान रखें, मनुष्य मानव में भेदभाव ना करें यही इंसानियत है. आजकल देखने को मिलता है कि तरह तरह के लोग अलग-अलग धर्मों पर विश्वास रखते हैं लेकिन फिर भी वह धर्मों का ठीक तरह से पालन नहीं करते इसलिए हम सभी को चाहिए कि धर्म का पालन करें लेकिन इस बात को समझे की सबसे बड़ा धर्म है इंसानियत का धर्म. इस धर्म से बढ़कर कुछ भी नहीं है.
कई बार इंसान अपने स्वार्थ के लिए दूसरों को धोखा देता है, झूठ बोलता है लेकिन फिर भी वह समझता है कि मैं धर्म के मार्ग पर चल रहा हूं. ऐसे लोगों को समझना चाहिए कि यदि वह झूठ बोलता है तो यह इंसानियत के धर्म के खिलाफ है. हमें इंसानियत को समझना चाहिए और दूसरों से, जीव जंतुओं से, पेड़ पौधों से अच्छा बर्ताव करना चाहिए, अपने माता-पिता, गुरुजनों, बड़े बुजुर्गों सभी को सम्मान देना चाहिए यही एक इंसान का कर्तव्य है, यही इंसानियत है.
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