माता-पिता का आदर
माता पिता का आदर करना जीवन में काफी महत्वपूर्ण है हम सभी को अपने माता पिता का आदर सत्कार करना चाहिए माता पिता ईश्वर के समान ही होते हैं कहते हैं कि ईश्वर घर घर आकर हम सभी की देखरेख नहीं कर सकता इसलिए ईश्वर ने माता-पिता बना दिए हैं जो हम सभी की देखरेख करते हैं।
Essay on respect for parents in hindi
माता पिता ईश्वर से भी बढ़कर माने जाते हैं जब हम जन्म लेते हैं तो माता-पिता ही होते हैं जो हमारी देखरेख करते हैं हमें चलना सिखाते हैं एवं हमें अपने पैरों पर खड़ा होना एवं बोलना सिखाते हैं बचपन में जब भी विपरीत परिस्थिति हमारे सामने आती है तो माता-पिता हमेशा हमारी मदद करते हैं इसलिए हम सभी को चाहिए कि हम अपने माता-पिता का सम्मान करें। एक मां जो 9 महीने तक अपने बच्चे को गर्भ में रखकर उस को जन्म देती है और उसका पालन पोषण करती है वास्तव में माता-पिता सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं उनका हमें सम्मान करना चाहिए।
आजकल हम देखें तो जमाना बदलता जा रहा है कई लोग ऐसे होते हैं जो इस आधुनिक युग में अपने संस्कारों को भूलते हुए जा रहे हैं वह अपने माता-पिता की अहमियत को भी नहीं समझ पाते ऐसे लोग जीवन में भले ही कितनी बड़ी सफलता हासिल क्यों न करें लेकिन वास्तव में उनकी बड़ी से बड़ी सफलता उनके किसी भी काम की नहीं आती क्योंकि यदि हम अपने चारों ओर किसी तरह का अच्छा वातावरण बनाना चाहते हैं माहौल बनाना चाहते हैं तो हमें चाहिए कि हम भी उसी तरह के माहौल में रहना सीखें।
आजकल हम देखें तो माता-पिता को सम्मान देने की बात तो दूर की है कई बच्चे तो ऐसे होते हैं जो अपने माता-पिता को वह समझ कर उन्हें वृद्धा आश्रम में भी छोड़ देते हैं और अपनी जिम्मेदारियों को नहीं निभाते ऐसा करना बिल्कुल भी सही नहीं है जिस तरह से मां बाप अपने बच्चे के प्रति कर्तव्य निभाते हैं उसी तरह से बच्चे का कर्तव्य होता है कि अपने बूढ़े माता-पिता की सेवा करें उनको सम्मान दें माता पिता का आधार करना सबसे जरूरी होता है।
माता पिता हमेशा अपने बच्चे के बारे में, बच्चे के भविष्य के बारे में सोचते हैं क्योंकि उनका बच्चा उनके लिए महत्वपूर्ण होता है वह हमेशा सोचते हैं कि हमारा बच्चा बड़ा होकर हमारे लिए कुछ अच्छा करेगा लेकिन यदि वह उन्हें सम्मान नहीं देता उन्हें अलग कर देता है तो माता-पिता काफी दुखी भी होते हैं।आजकल की पीढ़ी को ऐसा नहीं करना चाहिए और अपने माता-पिता को सम्मान देते हुए बुढ़ापे में उनका सहारा बनना चाहिए उनकी मदद करनी चाहिए।
कई माता-पिता तो ऐसे होते हैं जिनको अपने बुढ़ापे में कई तरह के कार्य अपने जीवन को चलाने के लिए करने पड़ते हैं यह सही नहीं है मनुष्य को चाहिए कि वह अपने माता-पिता का ध्यान रखें माता पिता के प्रति अपने कर्तव्य को निभाए उनको आदर दे। कई लोग ऐसे होते हैं जो ईश्वर को मानते हैं ईश्वर की पूजा करते हैं लेकिन वह अपने माता-पिता को सम्मान नहीं देते उनकी सेवा नहीं करते तो उनकी यह ईश्वर सेवा बेकार है जो इंसान अपने माता पिता को आदर नहीं देते बुढ़ापे में उनका सहारा नहीं बनते ईश्वर कभी भी ऐसे लोगों से खुश नहीं हो सकता क्योंकि वास्तव में माता पिता ही ईश्वर के रूप होते हैं हमें ईश्वर रूपी माता-पिता को सम्मान देना चाहिए उनका आदर करना चाहिए।
तो दोस्तों मेरे द्वारा लिखा यह आर्टिकल माता-पिता का आदर आपको कैसा लगा हमें जरूर बताएं इसी तरह के बेहतरीन आर्टिकल को लिखने के लिए ज्यादा से ज्यादा कमेन्ट करें प्रोत्साहन करें।
माता पिता का आदर करना जीवन में काफी महत्वपूर्ण है हम सभी को अपने माता पिता का आदर सत्कार करना चाहिए माता पिता ईश्वर के समान ही होते हैं कहते हैं कि ईश्वर घर घर आकर हम सभी की देखरेख नहीं कर सकता इसलिए ईश्वर ने माता-पिता बना दिए हैं जो हम सभी की देखरेख करते हैं।
Essay on respect for parents in hindi
माता पिता ईश्वर से भी बढ़कर माने जाते हैं जब हम जन्म लेते हैं तो माता-पिता ही होते हैं जो हमारी देखरेख करते हैं हमें चलना सिखाते हैं एवं हमें अपने पैरों पर खड़ा होना एवं बोलना सिखाते हैं बचपन में जब भी विपरीत परिस्थिति हमारे सामने आती है तो माता-पिता हमेशा हमारी मदद करते हैं इसलिए हम सभी को चाहिए कि हम अपने माता-पिता का सम्मान करें। एक मां जो 9 महीने तक अपने बच्चे को गर्भ में रखकर उस को जन्म देती है और उसका पालन पोषण करती है वास्तव में माता-पिता सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं उनका हमें सम्मान करना चाहिए।
आजकल हम देखें तो जमाना बदलता जा रहा है कई लोग ऐसे होते हैं जो इस आधुनिक युग में अपने संस्कारों को भूलते हुए जा रहे हैं वह अपने माता-पिता की अहमियत को भी नहीं समझ पाते ऐसे लोग जीवन में भले ही कितनी बड़ी सफलता हासिल क्यों न करें लेकिन वास्तव में उनकी बड़ी से बड़ी सफलता उनके किसी भी काम की नहीं आती क्योंकि यदि हम अपने चारों ओर किसी तरह का अच्छा वातावरण बनाना चाहते हैं माहौल बनाना चाहते हैं तो हमें चाहिए कि हम भी उसी तरह के माहौल में रहना सीखें।
आजकल हम देखें तो माता-पिता को सम्मान देने की बात तो दूर की है कई बच्चे तो ऐसे होते हैं जो अपने माता-पिता को वह समझ कर उन्हें वृद्धा आश्रम में भी छोड़ देते हैं और अपनी जिम्मेदारियों को नहीं निभाते ऐसा करना बिल्कुल भी सही नहीं है जिस तरह से मां बाप अपने बच्चे के प्रति कर्तव्य निभाते हैं उसी तरह से बच्चे का कर्तव्य होता है कि अपने बूढ़े माता-पिता की सेवा करें उनको सम्मान दें माता पिता का आधार करना सबसे जरूरी होता है।
माता पिता हमेशा अपने बच्चे के बारे में, बच्चे के भविष्य के बारे में सोचते हैं क्योंकि उनका बच्चा उनके लिए महत्वपूर्ण होता है वह हमेशा सोचते हैं कि हमारा बच्चा बड़ा होकर हमारे लिए कुछ अच्छा करेगा लेकिन यदि वह उन्हें सम्मान नहीं देता उन्हें अलग कर देता है तो माता-पिता काफी दुखी भी होते हैं।आजकल की पीढ़ी को ऐसा नहीं करना चाहिए और अपने माता-पिता को सम्मान देते हुए बुढ़ापे में उनका सहारा बनना चाहिए उनकी मदद करनी चाहिए।
कई माता-पिता तो ऐसे होते हैं जिनको अपने बुढ़ापे में कई तरह के कार्य अपने जीवन को चलाने के लिए करने पड़ते हैं यह सही नहीं है मनुष्य को चाहिए कि वह अपने माता-पिता का ध्यान रखें माता पिता के प्रति अपने कर्तव्य को निभाए उनको आदर दे। कई लोग ऐसे होते हैं जो ईश्वर को मानते हैं ईश्वर की पूजा करते हैं लेकिन वह अपने माता-पिता को सम्मान नहीं देते उनकी सेवा नहीं करते तो उनकी यह ईश्वर सेवा बेकार है जो इंसान अपने माता पिता को आदर नहीं देते बुढ़ापे में उनका सहारा नहीं बनते ईश्वर कभी भी ऐसे लोगों से खुश नहीं हो सकता क्योंकि वास्तव में माता पिता ही ईश्वर के रूप होते हैं हमें ईश्वर रूपी माता-पिता को सम्मान देना चाहिए उनका आदर करना चाहिए।
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