मेले का वर्णन पर निबंध
मेला एक ऐसे स्थान पर लगाया जाता है जो कोई विशिष्ट स्थान होता है क्योंकि ऐसे स्थान पर ज्यादातर लोग आते रहते हैं मेले में कई तरह की दुकानें लगाई जाती हैं जिन पर तरह-तरह की सामग्रियां मिलती हैं कई मेले अलग-अलग प्रकार की भी होते हैं कुछ पुस्तक मेले होते हैं, कुछ खेल के मेले होते हैं, कुछ ऐसे मेले होते हैं जहां पर सब कुछ मिलता है।
Essay on mela in hindi
मेलों में कई तरह की किताबों की दुकान होती हैं मेलों में कई तरह के मिष्ठान, भोजनालय आदि की दुकानें होती हैं इसके अलावा मेले में जादू दिखाने के लिए भी कई तरह के बाहर से लोग आते हैं लोग जादू देख कर अपना मन वहलाते हैं मेले में कपड़ों की दुकान है एवं चूड़ियों की दुकानें भी होती हैं जहां पर अक्सर औरतें ही औरतें नजर आती हैं इसके अलावा मेलों में बच्चों के लिए कई तरह के झूले भी होते हैं जिन पर बच्चे झूलते देखे जाते हैं छोटे बच्चे जो कि अपने माता-पिता के साथ घूमते हुए काफी खुश नजर आते हैं लेकिन कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं जो झूलों में बैठ जाते हैं लेकिन बाद में उन्हें डर लगने लगता है और उनकी किलकारी चारों ओर सुनाई देती हैं।
मेला जब किसी इलाके में होता है तो वहां के लोग बार-बार उस मेले को देखने के लिए आते हैं इसके अलावा आसपास के गांव एवं शहर के लोग भी मेले को देखने के लिए आते हैं इतना ही नहीं यदि कोई बड़ा मेला लगा होता है तो कहीं दूर दराज से भी लोग मेलों को देखने के लिए आते हैं मेला देखने के बाद जब लोग घर पर पहुंचते हैं तो उन्हें ऐसा लगता है कि काश हम दोबारा मेला देखने के लिए चले जाएं क्योंकि मेले में वह कई ऐसी चीजें देखते हैं जो उन्होंने आज तक कभी नहीं देखी।
मेला देखने से बच्चे काफी खुश हो जाते हैं बच्चे भी जब घर पहुंचते हैं तो कई दिनों तक देखे हुए मेलों के बारे में ही बात करते हैं बच्चे मेलों में कई तरह के पकवान खाना पसंद करते हैं इसके अलावा बच्चे मेले में झूलो में झूलना एवं जादू देखना काफी पसंद करते हैं। कई सारे लोग ऐसे होते हैं जो मेला में पुस्तकों की दुकान पर जाकर पुस्तकें देखना पसंद करते हैं वह पुस्तकों के इस मेले में कई तरह की पुस्तक देखते हैं और फिर उन पुस्तकों के पन्ने बदलते हुए नजर आते हैं।
बहुत सारी किताबें देखने के बाद ऐसे लोग सिर्फ कुछ गिनी चुनी किताबें ही खरीदते हैं सबसे अच्छी बात यह होती है कि इस मेले में लोगों को बहुत सारी किताबें एक ही जगह देखने को मिल जाती हैं। कई सारे लोग ऐसे होते हैं जो मेले में घूमने के लिए जाते हैं उन्हें अपने परिवार के साथ मेलों में घूमना बहुत ही अच्छा लगता है मेलों का चारों और का माहौल किसी किसी को बहुत ही पसंद आता है क्योंकि चारों और पुरुष, महिलाएं, लड़कियां, नवयुवक, बच्चे आदि नजर आते हैं।
बच्चे तो बहुत ही ज्यादा मेलों में खुश नजर आते हैं क्योंकि वह पहली बार भी ज्यादातर इन मेलों को देखते हैं मेला बहुत ही सुंदर दिखाई देता है कई बार मेलों में इतनी ज्यादा भीड़ लग जाती है कि वहां पर जाना काफी मुश्किल भरा होता है कई लोग तो मेलों में भीड़भाड़ होने की वजह से ही नहीं जा पाते और वह दूर से ही देख कर अपने घर वापस आ जाते हैं।
मेला ज्यादातर श्याम के समय खुलते हैं क्योंकि शाम के समय ज्यादातर लोग अपने कामकाज से फ्री होकर मेले में आ सकते हैं इस वजह से ही मेले श्याम के समय ही ज्यादातर खोले जाते हैं।
दोस्तों मेरे द्वारा लिखा यह मेले पर निबंध आपको कैसा लगा हमें जरूर बताएं इसी तरह के बेहतरीन आर्टिकल को पढ़ने के लिए हमें सब्सक्राइब जरूर करें।
मेला एक ऐसे स्थान पर लगाया जाता है जो कोई विशिष्ट स्थान होता है क्योंकि ऐसे स्थान पर ज्यादातर लोग आते रहते हैं मेले में कई तरह की दुकानें लगाई जाती हैं जिन पर तरह-तरह की सामग्रियां मिलती हैं कई मेले अलग-अलग प्रकार की भी होते हैं कुछ पुस्तक मेले होते हैं, कुछ खेल के मेले होते हैं, कुछ ऐसे मेले होते हैं जहां पर सब कुछ मिलता है।
Essay on mela in hindi
मेलों में कई तरह की किताबों की दुकान होती हैं मेलों में कई तरह के मिष्ठान, भोजनालय आदि की दुकानें होती हैं इसके अलावा मेले में जादू दिखाने के लिए भी कई तरह के बाहर से लोग आते हैं लोग जादू देख कर अपना मन वहलाते हैं मेले में कपड़ों की दुकान है एवं चूड़ियों की दुकानें भी होती हैं जहां पर अक्सर औरतें ही औरतें नजर आती हैं इसके अलावा मेलों में बच्चों के लिए कई तरह के झूले भी होते हैं जिन पर बच्चे झूलते देखे जाते हैं छोटे बच्चे जो कि अपने माता-पिता के साथ घूमते हुए काफी खुश नजर आते हैं लेकिन कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं जो झूलों में बैठ जाते हैं लेकिन बाद में उन्हें डर लगने लगता है और उनकी किलकारी चारों ओर सुनाई देती हैं।
मेला जब किसी इलाके में होता है तो वहां के लोग बार-बार उस मेले को देखने के लिए आते हैं इसके अलावा आसपास के गांव एवं शहर के लोग भी मेले को देखने के लिए आते हैं इतना ही नहीं यदि कोई बड़ा मेला लगा होता है तो कहीं दूर दराज से भी लोग मेलों को देखने के लिए आते हैं मेला देखने के बाद जब लोग घर पर पहुंचते हैं तो उन्हें ऐसा लगता है कि काश हम दोबारा मेला देखने के लिए चले जाएं क्योंकि मेले में वह कई ऐसी चीजें देखते हैं जो उन्होंने आज तक कभी नहीं देखी।
मेला देखने से बच्चे काफी खुश हो जाते हैं बच्चे भी जब घर पहुंचते हैं तो कई दिनों तक देखे हुए मेलों के बारे में ही बात करते हैं बच्चे मेलों में कई तरह के पकवान खाना पसंद करते हैं इसके अलावा बच्चे मेले में झूलो में झूलना एवं जादू देखना काफी पसंद करते हैं। कई सारे लोग ऐसे होते हैं जो मेला में पुस्तकों की दुकान पर जाकर पुस्तकें देखना पसंद करते हैं वह पुस्तकों के इस मेले में कई तरह की पुस्तक देखते हैं और फिर उन पुस्तकों के पन्ने बदलते हुए नजर आते हैं।
बहुत सारी किताबें देखने के बाद ऐसे लोग सिर्फ कुछ गिनी चुनी किताबें ही खरीदते हैं सबसे अच्छी बात यह होती है कि इस मेले में लोगों को बहुत सारी किताबें एक ही जगह देखने को मिल जाती हैं। कई सारे लोग ऐसे होते हैं जो मेले में घूमने के लिए जाते हैं उन्हें अपने परिवार के साथ मेलों में घूमना बहुत ही अच्छा लगता है मेलों का चारों और का माहौल किसी किसी को बहुत ही पसंद आता है क्योंकि चारों और पुरुष, महिलाएं, लड़कियां, नवयुवक, बच्चे आदि नजर आते हैं।
बच्चे तो बहुत ही ज्यादा मेलों में खुश नजर आते हैं क्योंकि वह पहली बार भी ज्यादातर इन मेलों को देखते हैं मेला बहुत ही सुंदर दिखाई देता है कई बार मेलों में इतनी ज्यादा भीड़ लग जाती है कि वहां पर जाना काफी मुश्किल भरा होता है कई लोग तो मेलों में भीड़भाड़ होने की वजह से ही नहीं जा पाते और वह दूर से ही देख कर अपने घर वापस आ जाते हैं।
मेला ज्यादातर श्याम के समय खुलते हैं क्योंकि शाम के समय ज्यादातर लोग अपने कामकाज से फ्री होकर मेले में आ सकते हैं इस वजह से ही मेले श्याम के समय ही ज्यादातर खोले जाते हैं।
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