मेरा आदर्श महापुरुष पर निबंध
mere adarsh mahapurush essay in hindi
जीवन में कई ऐसे महापुरुषों के बारे में हमें जानकारी मिलती है जो अपने देश के लिए बहुत कुछ कर गए जो हम सभी के लिए प्रेरणादायक हैं जिन्होंने अपने से ज्यादा देश के लिए कार्य किया जिन्होंने हमें बहुत कुछ ऐसा दिया जिसको हम कभी भी नहीं भूल सकते ऐसे महापुरुषों में कई नाम हमें मिलते हैं लेकिन आज मैं एक ऐसे महापुरुष के बारे में बताने जा रहा हूं जिनको देश ही नहीं पूरी दुनिया में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है उस महापुरुष का नाम है महात्मा गांधी।
mere adarsh mahapurush essay in hindi
महात्मा गांधी जी का जन्म 1869 को पोरबंदर नामक स्थान में हुआ था इनके पिता का नाम करमचन्द्र गांधी एवं माता का नाम पुतलीबाई था महात्मा गांधी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई भारत देश में करने के बाद वह आगे बैरिस्टर की पढ़ाई करने के लिए इंग्लैंड चले गए थे इंग्लैंड में उन्होंने वकालत सीखी और उसके बाद वह वापस भारत देश में आ गए थे भारत देश में आने के बाद जब उन्होंने भारतीयों के दुख दर्द को देखा तो उन्होंने इस पीड़ा को दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाए।
उन्होंने किसानों की भी समस्याओं को हल करने का प्रयत्न किया दरअसल किसानों से बहुत ज्यादा धन लिया जाता था और देश के नागरिकों को कई तरह से प्रताड़ित किया जाता था। देश की महिलाएं सुरक्षित नहीं थी अंग्रेजी सरकार भारत देश के लोगों के साथ बुरा व्यवहार करती थी इस तरह की परिस्थितियों को दूर करने के लिए देश के इस महापुरुष ने देश के लिए कई आंदोलन चलाये देश की समस्याओं से लड़ना था और देश को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त करके आजाद कराना था।
देश के इस महापुरुष ने कई तरह के आंदोलन किए इन आंदोलनों में असहयोग आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन आदि से असहयोग आंदोलन का मकसद उस समय की सरकार का असहयोग करना था यानी जो व्यक्ति सरकारी पदों पर आश्रित है उन्हें अपने पदों पर कार्य नहीं करना था एवं कई तरह से सरकार को असहयोग करना था इसके बाद गांधी जी ने दांडी यात्रा की और फिर इस महापुरुष महात्मा गांधी ने अपने देश को आजाद कराने के लिए भारत छोड़ो आंदोलन किया और इस आंदोलन की वजह से अंग्रेज सरकार को भारत छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इस महापुरुष महात्मा गांधी की वजह से लोग अहिंसा के मार्ग पर चलकर सत्य के साथ अंग्रेजों को देश से भगाने में कामयाब हुए और हम सभी को स्वतंत्रता मिल गई यह महापुरुष तब तक अंग्रेजों से आंदोलनों के जरिए लड़ता रहा जब तक की देश को आजादी मिल गई। इस महापुरुष की वजह से ही हम सभी आज आजादी की सांस ले रहे हैं और अपने अपने घरों में सुरक्षित हैं। इस महापुरुष के साथ में कई सारे स्वतंत्रता सेनानियों ने साथ निभाया कई स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान की कुर्बानी भी दे दी।
महात्मा गांधी जी की मृत्यु स्वतंत्रता के बाद हुई महात्मा गांधी जी हम सबके प्रिय इसलिए भी हैं क्योंकि इस महापुरुष ने बगैर लाठी चलाएं केवल सत्य और अहिंसा एवं प्रेम के जरिए देश को आजादी दिलाने में हम सभी इस महापुरुष के ऋणी हैं।
दोस्तों मेरे द्वारा लिखा मेरे आदर्श महापुरुष महात्मा गांधी पर निबंध आप सभी को कैसा लगा हमें जरूर बताएं इसी तरह के बेहतरीन आर्टिकल को पढ़ने के लिए हमें सब्सक्राइब करना ना भूलें।
mere adarsh mahapurush essay in hindi
जीवन में कई ऐसे महापुरुषों के बारे में हमें जानकारी मिलती है जो अपने देश के लिए बहुत कुछ कर गए जो हम सभी के लिए प्रेरणादायक हैं जिन्होंने अपने से ज्यादा देश के लिए कार्य किया जिन्होंने हमें बहुत कुछ ऐसा दिया जिसको हम कभी भी नहीं भूल सकते ऐसे महापुरुषों में कई नाम हमें मिलते हैं लेकिन आज मैं एक ऐसे महापुरुष के बारे में बताने जा रहा हूं जिनको देश ही नहीं पूरी दुनिया में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है उस महापुरुष का नाम है महात्मा गांधी।
mere adarsh mahapurush essay in hindi
महात्मा गांधी जी का जन्म 1869 को पोरबंदर नामक स्थान में हुआ था इनके पिता का नाम करमचन्द्र गांधी एवं माता का नाम पुतलीबाई था महात्मा गांधी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई भारत देश में करने के बाद वह आगे बैरिस्टर की पढ़ाई करने के लिए इंग्लैंड चले गए थे इंग्लैंड में उन्होंने वकालत सीखी और उसके बाद वह वापस भारत देश में आ गए थे भारत देश में आने के बाद जब उन्होंने भारतीयों के दुख दर्द को देखा तो उन्होंने इस पीड़ा को दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाए।
उन्होंने किसानों की भी समस्याओं को हल करने का प्रयत्न किया दरअसल किसानों से बहुत ज्यादा धन लिया जाता था और देश के नागरिकों को कई तरह से प्रताड़ित किया जाता था। देश की महिलाएं सुरक्षित नहीं थी अंग्रेजी सरकार भारत देश के लोगों के साथ बुरा व्यवहार करती थी इस तरह की परिस्थितियों को दूर करने के लिए देश के इस महापुरुष ने देश के लिए कई आंदोलन चलाये देश की समस्याओं से लड़ना था और देश को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त करके आजाद कराना था।
देश के इस महापुरुष ने कई तरह के आंदोलन किए इन आंदोलनों में असहयोग आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन आदि से असहयोग आंदोलन का मकसद उस समय की सरकार का असहयोग करना था यानी जो व्यक्ति सरकारी पदों पर आश्रित है उन्हें अपने पदों पर कार्य नहीं करना था एवं कई तरह से सरकार को असहयोग करना था इसके बाद गांधी जी ने दांडी यात्रा की और फिर इस महापुरुष महात्मा गांधी ने अपने देश को आजाद कराने के लिए भारत छोड़ो आंदोलन किया और इस आंदोलन की वजह से अंग्रेज सरकार को भारत छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इस महापुरुष महात्मा गांधी की वजह से लोग अहिंसा के मार्ग पर चलकर सत्य के साथ अंग्रेजों को देश से भगाने में कामयाब हुए और हम सभी को स्वतंत्रता मिल गई यह महापुरुष तब तक अंग्रेजों से आंदोलनों के जरिए लड़ता रहा जब तक की देश को आजादी मिल गई। इस महापुरुष की वजह से ही हम सभी आज आजादी की सांस ले रहे हैं और अपने अपने घरों में सुरक्षित हैं। इस महापुरुष के साथ में कई सारे स्वतंत्रता सेनानियों ने साथ निभाया कई स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान की कुर्बानी भी दे दी।
महात्मा गांधी जी की मृत्यु स्वतंत्रता के बाद हुई महात्मा गांधी जी हम सबके प्रिय इसलिए भी हैं क्योंकि इस महापुरुष ने बगैर लाठी चलाएं केवल सत्य और अहिंसा एवं प्रेम के जरिए देश को आजादी दिलाने में हम सभी इस महापुरुष के ऋणी हैं।
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