essay on my aim in life to become an ias officer in hindi
मैं आईएएस बनना चाहता हु
जीवन में हर किसी का एक सपना होता है हर कोई कुछ ना कुछ बनना चाहता है दरअसल यह उसकी सोच उसके बचपन से ही शुरू होती है हो सकता है घर में कोई व्यक्ति बचपन से ही हमें कुछ बनाना चाहता हो या हो सकता है आसपास के लोगों को देखकर या रिश्तेदारों को देखकर परिवार के लोग बचपन से ही अपने बच्चों को कुछ बनाना चाहते हो इस बारे में अक्सर माता-पिता या परिवार के लोग अपनी राय देते हैं।
मेरे साथ भी बचपन से ही ऐसा ही हुआ था जब मैं छोटा था तो अक्सर आईएएस बनना चाहता था आज भले ही मैं बड़ा हो गया हूं लेकिन आज भी मैं अपने उस सपने को भूल नहीं पाया हूं मैं एक आईएएस अफसर बनना चाहता हूं यह सपना मेरा इसलिए है क्योंकि जब मैं आईएएस अफसरों को अपने चारों ओर देखता हूं तो मुझे बहुत ही खुशी होती है। उनको मिल रहे सम्मान उनके द्वारा किए गए कार्य मुझे अच्छे लगते हैं।
मैं यह सब अपने देश के लिए अपने शहर के लिए करना चाहता हूं ऐसा करना मुझे काफी अच्छा भी लगेगा दरअसल मेरे बचपन में हमारे एक रिश्तेदार आईएएस अफसर थे जिन्हें देखकर अक्सर मेरे घरवाले मुझे आईएएस बनाने के बारे में सोचते थे और मुझे बचपन से ही प्रोत्साहन भी करते थे मैं यह सुन सुनकर काफी खुश होता था धीरे-धीरे आई ए एस बनना मेरा भी सपना हो गया इससे पहले मेरा पढ़ाई में कोई ज्यादा मन नहीं लगता था लेकिन आई ए एस बनने के बारे में सोच कर मेरा पढ़ाई में बहुत ही अच्छी तरह से मन लगने लगा था।
मैं काफी खुश था कि मेरा जीवन में एक लक्ष्य बन गया है मेरे परिवार के सभी सदस्य भी काफी खुश थे क्योंकि वह भी मुझे पढ़ाई करते हुए देखते थे पहले जो परिवार के सदस्य अक्सर मुझसे पढ़ाई करने के लिए कहते थे अब उन्हें बार-बार मुझसे यह बात कहने की जरूरत ही नहीं पड़ती थी क्योंकि मैं अब पढ़ाई करने लगा था धीरे-धीरे मैंने अपने आई ए एस बनने के सपने को साकार करने के लिए उसी के हिसाब से अपने विषय का चयन किया और फिर मेरे माता पिता मुझे बाहर पढ़ाई करने के लिए भेज दिया।
आज मैं अपने शहर से 300 किलोमीटर दूर इस शहर में रहता हूं मेरे साथ मेरे शहर के एक मित्र भी रहते हैं हम दोनों ही आईएएस की तैयारी कर रहे हैं हम सुबह सुबह अपनी कोचिंग चले जाते हैं दोपहर में कॉलेज जाने के बाद श्याम को कॉलेज से वापस आ जाते हैं हमें कॉलेज में पढ़ाई करना बहुत ही अच्छा लगता है क्योंकि हम आईएएस बनना चाहते हैं। कई विद्यार्थियों को कॉलेज जाना अच्छा नहीं लगता लेकिन हमारे साथ ऐसा नहीं है हम जिस दिन कॉलेज नहीं जाते उस दिन अच्छा नहीं लगता क्योंकि जिस दिन हम कॉलेज नहीं जाते उस दिन हमें ऐसा लगता है कि जैसे हमारा लक्ष्य हमारी आंखों से दूर हो रहा है।
हम नियमित कॉलेज जाते हैं और पढ़ाई करते हैं सुबह शाम टाइम टेबल के हीसाफ से पढ़ाई करते हैं हमारे शिक्षक भी इन बातों को देखकर हम से काफी खुश रहते हैं जरूर ही आईएएस बनने का मेरा यह सपना पूरा होगा और मैं अपने शहर एवं अपने देश के लिए कुछ अच्छा कर दूंगा।
मेरे द्वारा लिखा यह आर्टिकल ज्यादा से ज्यादा शेयर जरूर करें हमारा आर्टिकल पढ़ने के लिए आप सभी का धन्यवाद।
मैं आईएएस बनना चाहता हु
जीवन में हर किसी का एक सपना होता है हर कोई कुछ ना कुछ बनना चाहता है दरअसल यह उसकी सोच उसके बचपन से ही शुरू होती है हो सकता है घर में कोई व्यक्ति बचपन से ही हमें कुछ बनाना चाहता हो या हो सकता है आसपास के लोगों को देखकर या रिश्तेदारों को देखकर परिवार के लोग बचपन से ही अपने बच्चों को कुछ बनाना चाहते हो इस बारे में अक्सर माता-पिता या परिवार के लोग अपनी राय देते हैं।
मेरे साथ भी बचपन से ही ऐसा ही हुआ था जब मैं छोटा था तो अक्सर आईएएस बनना चाहता था आज भले ही मैं बड़ा हो गया हूं लेकिन आज भी मैं अपने उस सपने को भूल नहीं पाया हूं मैं एक आईएएस अफसर बनना चाहता हूं यह सपना मेरा इसलिए है क्योंकि जब मैं आईएएस अफसरों को अपने चारों ओर देखता हूं तो मुझे बहुत ही खुशी होती है। उनको मिल रहे सम्मान उनके द्वारा किए गए कार्य मुझे अच्छे लगते हैं।
मैं यह सब अपने देश के लिए अपने शहर के लिए करना चाहता हूं ऐसा करना मुझे काफी अच्छा भी लगेगा दरअसल मेरे बचपन में हमारे एक रिश्तेदार आईएएस अफसर थे जिन्हें देखकर अक्सर मेरे घरवाले मुझे आईएएस बनाने के बारे में सोचते थे और मुझे बचपन से ही प्रोत्साहन भी करते थे मैं यह सुन सुनकर काफी खुश होता था धीरे-धीरे आई ए एस बनना मेरा भी सपना हो गया इससे पहले मेरा पढ़ाई में कोई ज्यादा मन नहीं लगता था लेकिन आई ए एस बनने के बारे में सोच कर मेरा पढ़ाई में बहुत ही अच्छी तरह से मन लगने लगा था।
मैं काफी खुश था कि मेरा जीवन में एक लक्ष्य बन गया है मेरे परिवार के सभी सदस्य भी काफी खुश थे क्योंकि वह भी मुझे पढ़ाई करते हुए देखते थे पहले जो परिवार के सदस्य अक्सर मुझसे पढ़ाई करने के लिए कहते थे अब उन्हें बार-बार मुझसे यह बात कहने की जरूरत ही नहीं पड़ती थी क्योंकि मैं अब पढ़ाई करने लगा था धीरे-धीरे मैंने अपने आई ए एस बनने के सपने को साकार करने के लिए उसी के हिसाब से अपने विषय का चयन किया और फिर मेरे माता पिता मुझे बाहर पढ़ाई करने के लिए भेज दिया।
आज मैं अपने शहर से 300 किलोमीटर दूर इस शहर में रहता हूं मेरे साथ मेरे शहर के एक मित्र भी रहते हैं हम दोनों ही आईएएस की तैयारी कर रहे हैं हम सुबह सुबह अपनी कोचिंग चले जाते हैं दोपहर में कॉलेज जाने के बाद श्याम को कॉलेज से वापस आ जाते हैं हमें कॉलेज में पढ़ाई करना बहुत ही अच्छा लगता है क्योंकि हम आईएएस बनना चाहते हैं। कई विद्यार्थियों को कॉलेज जाना अच्छा नहीं लगता लेकिन हमारे साथ ऐसा नहीं है हम जिस दिन कॉलेज नहीं जाते उस दिन अच्छा नहीं लगता क्योंकि जिस दिन हम कॉलेज नहीं जाते उस दिन हमें ऐसा लगता है कि जैसे हमारा लक्ष्य हमारी आंखों से दूर हो रहा है।
हम नियमित कॉलेज जाते हैं और पढ़ाई करते हैं सुबह शाम टाइम टेबल के हीसाफ से पढ़ाई करते हैं हमारे शिक्षक भी इन बातों को देखकर हम से काफी खुश रहते हैं जरूर ही आईएएस बनने का मेरा यह सपना पूरा होगा और मैं अपने शहर एवं अपने देश के लिए कुछ अच्छा कर दूंगा।
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