Monday 13 April 2020

मेरी दिनचर्या पर निबंध My daily routine essay in hindi

my daily routine essay in hindi
मेरी दिनचर्या पर निबंध

इस आर्टिकल में, मैं आपको मेरी दिनचर्या पर निबंध के जरिए इस तरह के निबंध लिखने का एक तरीका बताऊंगा जिसके जरिए आप अपनी परीक्षाओं की अच्छी तैयारी कर सकते हैं तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे इस निबंध को।


मेरी दैनिक दिनचर्या सुबह 6:00 बजे से शुरू होती है मैं सुबह 6:00 बजे जगता हूं सबसे पहले मैं अपने पास में ही स्थित एक गार्डन में टहलने के लिए जाता हूं वहां पर टहलने के साथ में, मैं कुछ एक्सरसाइज भी करता हूं उसके बाद लगभग 6:45 बजे मैं अपने घर की ओर चलना प्रारंभ कर देता हूं 7:00 बजे घर आने के बाद मैं स्नान से निवृत होता हूं और फिर सुबह का नाश्ता करने के बाद मैं 8:30 पर अपने कॉलेज चला जाता हूं।

 1:00 बजे मैं कॉलेज से वापस अपने घर आ जाता हूं दोपहर का खाना खाने के बाद मैं लगभग 30 मिनट तक आराम करता हूं और फिर दोपहर के समय 2 घंटे में क्रिकेट खेलने में अपना समय देता हूं। मेरे माता-पिता मुझे कभी भी क्रिकेट खेलने से नहीं रोकते क्योंकि वह मुझे खेलने के प्रति हमेशा प्रोत्साहित करते हैं उनका मानना है कि खेलने से शरीर तंदुरुस्त होता है।

 दोपहर लगभग 3:30 या 4:00 बजे मैं अपने घर पर वापस आ जाता हूं फिर कुछ देर आराम करने के बाद मैं 4:30 बजे अपने घर से लगभग 1 किलोमीटर दूर कोचिंग जाता हूं लगभग 1 घंटे की कोचिंग अटेंड करने के बाद मैं अपने घर आ जाता हूं फिर मैं अपना समय अपने दादाजी के साथ बिताता हूं।

 मेरे दादाजी मुझे तरह-तरह की शिक्षाप्रद बातें बताते हैं मैं उन बातों को बड़े ही ध्यान से सुनता हूं क्योंकि वह अपनी बातें ऐसे ढंग से बताते हैं कि मुझे ऐसा लगता है कि मैं कोई सी कहानी सुन रहा हूं। काफी समय दादा जी के साथ बिताने के बाद मैं अपने खाली समय में अपने दोस्तों से भी  मिलने के लिए आस-पड़ोस में चला जाता हूं  या फिर हम अपने घर की छतों से ही बातें करते रहते हैं  और अपनी पढ़ाई के बारे में  एक दूसरे से काफी कुछ सीखते हैं।

आखिर में आज शाम 7:00 बजे अपने कमरे में आता हूं और फिर 1 घंटे पढ़ाई करने के बाद हम सभी 8:00 बजे आज रात्रि का खाना खाने के लिए एक साथ टेबल पर आ जाते हैं और अपने परिवार के साथ काफी खुश होते हैं खाना खाने के बाद मैं अपने कमरे की टेबल कुर्सी पर बैठकर अपनी पढ़ाई करता रहता हूं। कभी भी मुझे कुछ भी समझ में नहीं आता तो मैं अपने दादाजी के पास जाता हूं।

 मैं रात के 11:00 बजे तक  अपने सभी विषय की तैयारी करता हूं। अध्यापकों के द्वारा दिए गए होमवर्क को कंप्लीट करता हूं मैं सबसे पहले इतिहास फिर राजनीति, इंग्लिश आदि की तैयारी करता हूं। रात में लगभग 11:00 बजे तक पढ़ाई करने के बाद मैं फिर रोजाना की तरह सुबह 6:00 बजे जागने के लिए अलार्म लगा कर सो जाता हूं यही है मेरी रोजाना की दैनिक दिनचर्या।

 दोस्तों मेरे द्वारा लिखा यह निबंध आपको कैसा लगा मुझे जरूर बताएं यदि आपको पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों में शेयर करना ना भूलें।

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