जब मेरी साइकिल चोरी हो गयी पर निबंध
हम सभी के जीवन में कई सारी वस्तुएं काफी महत्वपूर्ण होती हैं मेरे जीवन में भी मेरी साइकिल काफी महत्वपूर्ण है मैं हमेशा सुबह जाग कर अपनी साइकिल पर बैठकर स्कूल जाया करता था और दोपहर के समय स्कूल से वापस आया करता था रास्ते में साइकिल और मेरा सफर मेरे लिए काफी महत्वपूर्ण था।
मैं काफी खुश रहता था साइकिल के साथ अक्सर शाम को भी मैं साइकिल से घूमने के लिए जाता था यह घटना उस समय की है जब मेरी साइकिल चोरी हो गई जब मेरी उम्र 10 साल की थी तब मैं शाम के समय अपने एक दोस्त के साथ घूमने के लिए गया हुआ था तब मैंने साइकिल एक गार्डन के बाहर रख दी थी जब मैं अंदर से खेल कर वापस आया तो मैंने देखा कि मेरी साइकिल उस स्थान पर नहीं थी जहां पर मैंने अपनी साइकिल को रखा था।
मैंने चारों ओर देखा लेकिन मेरी साइकिल मुझे नजर नहीं आई मैंने आसपास कई लोगों से पूछा लेकिन सभी ने यही कह दिया था कि हमने यहां पर कोई साईकिल नहीं देखी किसी ने कहा कि मैं अभी अभी आया हूं किसी ने भी मेरी साइकिल का पता नहीं बताया। मैं अपने दोस्त के साथ आसपास के एरिया में देखने लगा मैं सोचने लगा कि हो सकता है किसी ने मेरी साइकिल इधर-उधर रख दी हो लेकिन आसपास के एरिया में भी मुझे मेरी साईकिल नहीं मिली।
अब मैं समझ गया था कि जरूर ही मेरी साइकिल चोरी हो गई है धीरे धीरे मैं अपने दोस्त के साथ अपने घर पहुंचा जब मैंने अपने पिताजी से यह बात कही कि मेरी साइकिल चोरी हो गई है तो उन्होंने मुझे खूब डाटा उन्होंने मुझसे कहा कि तुमने अपनी साइकिल बिना लॉक लगाए ऐसे ही क्यों रखी थी तुम्हारी गलती है उनकी बातें सुनकर मुझे भी अपने आप पर काफी अफसोस था।
मेरी नासमझ की वजह से मेरी प्यारी सी साइकिल चोरी हो गई मैं कुछ दिनों तक ऐसे ही अपने एक दोस्त की साइकिल पर बैठकर स्कूल जाने लगा था लेकिन अपनी साइकिल से स्कूल जाने में कुछ अलग ही आनंद आता है मेरी साइकिल जब चोरी हुई तो मुझे काफी दुख हुआ मुझे ऐसा लगा कि अब तो मैं अकेला ही पड़ गया हूं मैंने अपने मम्मी पापा से एक नई साइकिल लेने की जीद की और कुछ दिनों बाद उन्होंने मुझे एक नई साइकिल दिलवा दी लेकिन जब मेरी साइकिल चोरी हुई थी वह बात मुझे आज भी याद है क्योंकि वह मेरी पहली साइकिल थी।
दोस्तों मेरे द्वारा लिखा यह आर्टिकल आपको पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों में शेयर जरूर करें और हमें कमेंट करना ना भूलें।
हम सभी के जीवन में कई सारी वस्तुएं काफी महत्वपूर्ण होती हैं मेरे जीवन में भी मेरी साइकिल काफी महत्वपूर्ण है मैं हमेशा सुबह जाग कर अपनी साइकिल पर बैठकर स्कूल जाया करता था और दोपहर के समय स्कूल से वापस आया करता था रास्ते में साइकिल और मेरा सफर मेरे लिए काफी महत्वपूर्ण था।
मैं काफी खुश रहता था साइकिल के साथ अक्सर शाम को भी मैं साइकिल से घूमने के लिए जाता था यह घटना उस समय की है जब मेरी साइकिल चोरी हो गई जब मेरी उम्र 10 साल की थी तब मैं शाम के समय अपने एक दोस्त के साथ घूमने के लिए गया हुआ था तब मैंने साइकिल एक गार्डन के बाहर रख दी थी जब मैं अंदर से खेल कर वापस आया तो मैंने देखा कि मेरी साइकिल उस स्थान पर नहीं थी जहां पर मैंने अपनी साइकिल को रखा था।
मैंने चारों ओर देखा लेकिन मेरी साइकिल मुझे नजर नहीं आई मैंने आसपास कई लोगों से पूछा लेकिन सभी ने यही कह दिया था कि हमने यहां पर कोई साईकिल नहीं देखी किसी ने कहा कि मैं अभी अभी आया हूं किसी ने भी मेरी साइकिल का पता नहीं बताया। मैं अपने दोस्त के साथ आसपास के एरिया में देखने लगा मैं सोचने लगा कि हो सकता है किसी ने मेरी साइकिल इधर-उधर रख दी हो लेकिन आसपास के एरिया में भी मुझे मेरी साईकिल नहीं मिली।
अब मैं समझ गया था कि जरूर ही मेरी साइकिल चोरी हो गई है धीरे धीरे मैं अपने दोस्त के साथ अपने घर पहुंचा जब मैंने अपने पिताजी से यह बात कही कि मेरी साइकिल चोरी हो गई है तो उन्होंने मुझे खूब डाटा उन्होंने मुझसे कहा कि तुमने अपनी साइकिल बिना लॉक लगाए ऐसे ही क्यों रखी थी तुम्हारी गलती है उनकी बातें सुनकर मुझे भी अपने आप पर काफी अफसोस था।
मेरी नासमझ की वजह से मेरी प्यारी सी साइकिल चोरी हो गई मैं कुछ दिनों तक ऐसे ही अपने एक दोस्त की साइकिल पर बैठकर स्कूल जाने लगा था लेकिन अपनी साइकिल से स्कूल जाने में कुछ अलग ही आनंद आता है मेरी साइकिल जब चोरी हुई तो मुझे काफी दुख हुआ मुझे ऐसा लगा कि अब तो मैं अकेला ही पड़ गया हूं मैंने अपने मम्मी पापा से एक नई साइकिल लेने की जीद की और कुछ दिनों बाद उन्होंने मुझे एक नई साइकिल दिलवा दी लेकिन जब मेरी साइकिल चोरी हुई थी वह बात मुझे आज भी याद है क्योंकि वह मेरी पहली साइकिल थी।
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