महिलाओं के विरुद्ध हिंसात्मक व्यवहार पर निबंध
हमारा भारत देश एक ऐसा देश है जहां पर प्राचीन काल से ही महिलाओं को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है धार्मिक संस्कृति में महिला लक्ष्मी का रूप होती है लेकिन हमारे भारत देश में कई सारे ऐसे लोग भी होते हैं जो महिलाओं के साथ हिंसात्मक व्यवहार अपनाते हैं महिलाओं को कुछ भी नहीं समझते हैं ऐसे लोग आजकल की इस वैज्ञानिक युग में भी कम नहीं है।
आजकल आधुनिक युग में महिलाएं हर एक क्षेत्र में आगे बढ़ती जा रही हैं जीवन में सफलता की बुलंदियों को छू रही हैं। महिलाएं आज डॉक्टर भी हैं, इंजीनियर भी है, शिक्षक भी हैं, कलेक्टर भी हैं, बड़े-बड़े नेताओं के पद पर भी हैं फिर भी आजकल के कई सारे लोगों की सोच महिलाओं को लेकर छोटी ही है।
लोग महिलाओं के विरुद्ध हिंसात्मक व्यवहार अपनाते हैं। जब भी किसी लड़की की शादी होती है तो शादी से पहले और बाद में उसे कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है काफी समय पहले से दहेज प्रथा हमारे देश में चली आ रही है जो कि आज भी कई जगह देखने को मिलती है। आज भी कई लोग अपने लड़के की शादी करते समय लड़की वालों से दहेज की मांग करते हैं यह सब बिल्कुल भी ठीक नहीं है।
हम सभी को नारी का सम्मान करना चाहिए और इस दहेज प्रथा जैसी प्रथाओं को खत्म कर देना चाहिए क्योंकि दहेज मांगने वाले लोग कभी भी सही सोच के नहीं हो सकते। कई जगह ऐसा भी देखा जाता है की विवाह के पश्चात भी इस तरह के दहेज के लोभी लोग अपनी बहू से दहेज की मांग करते हैं और महिलाओं को कई तरह से प्रताड़ित किया जाता है यह सब आजकल कई जगह देखा जाता है।
कई महिलाएं इसके खिलाफ आवाज उठाती हैं लेकिन बहुत सी ऐसी महिलाएं भी होती हैं जो इन बातों को दबा लेती हैं वह कई सारे मन में आ रहे डरो की वजह से आगे कुछ भी कदम नहीं उठा पाती और अपनी जिंदगी बर्बाद कर लेती हैं ऐसी महिलाएं जो कुछ भी कदम नहीं उठाती जिनकी वजह से इस तरह के लोग कम नहीं होते बल्कि इस तरह की सोच रखने वाले लोग और भी बढ़ते देखे जा रहे हैं।
हम सभी को यह सब रोकने की जरूरत है। कई जगह ऐसा भी देखा जाता है की महिलाओं के साथ हिंसात्मक व्यवहार किया जाता है उनके घर वाले ही उनके साथ मारपीट, कई तरह से शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित करके उनके जीवन के साथ खिलवाड़ किया जाता है। महिलाओं के विरुद्ध हिंसात्मक व्यवहार घरों में तो देखने को मिलता ही है साथ में कई अन्य जगहों पर भी यह व्यवहार भी देखने को मिलता है।
आज हम देखें तो एक महिला पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं वह घर से बाहर रात के समय नहीं निकल पाती क्योंकि अक्सर उसको या उसके घर वालों को यही चिंता सताती है कि उसके साथ ही गलत ना हो जाए यह सब सोच आजकल की परिस्थितियों को देखते हुए होती हैं क्योंकि अक्सर देखा जाता है कि महिलाओं के साथ बलात्कार जैसी समस्याए सामने आती रहती हैं इस तरह की मानसिक एवं शारीरिक हिंसात्मक गतिविधियां वास्तव में महिलाओं की स्थिति को और भी बिगाड़ रही हैं।
कई तरह के लोग ऐसे होते हैं जो एक स्त्री के साथ ऐसा करते हैं इस तरह की मानसिक हिंसात्मक घटनाएं हमें अक्सर देखने को मिलती हैं अक्सर यह भी देखा जाता है कि जो स्त्रियां विधवा हो जाती हैं उन्हें काफी हिंसात्मक व्यवहार झेलना पड़ता है। कभी-कभी इस तरह की स्त्रियों का साथ परिवार वाले भी नहीं देते हैं और कभी कभी तो कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो उनका सामाजिक बहिष्कार कर देते हैं एवं कई तरह की हिंसात्मक घटनाएं ऐसी स्त्रियों के साथ देखने को मिलती हैं।
यह बिल्कुल भी सही नहीं है यदि ऐसी विधवा स्त्रियों के साथ उनका कोई बच्चा होता है तो उस स्त्री को अपने बच्चे की देखभाल के लिए काफी परिश्रम करना पड़ता है।कई लोग उन्हें कई तरह के ताने भी देते हैं इसके अलावा उन्हें अच्छी नजर से ना देखते हुए उन्हें बुरी नजर से लोग देखते हैं उनके प्रति बहुत ही बुरा व्यवहार किया जाता है और उनकी मदद करने के लिए कोई भी नहीं होता है।
समाज में उन्हें काफी कुछ झेलना पड़ता है लोग उनकी मदद करने की बजाय उनके साथ बुरा व्यवहार करते हैं कई लोग तो विधवा होने का कारण खुद स्त्री को ही बता देते हैं ऐसे लोग एक तरह से महिलाओं के साथ बहुत ही बुरा व्यवहार करते हैं और कई लोग तो विधवा स्त्री को अकेला देखकर उनके साथ गलत करने से भी नहीं चूकते इस तरह के लोग उस विधवा स्त्री को शारीरिक एवं मानसिक रूप से परेशान करते हैं।
इस तरह का हिंसात्मक व्यवहार अमानवीय है हम सभी को इस तरह के लोग, इस तरह के सोच रखने वाले लोगों का बहिष्कार करना चाहिए और इस तरह के लोगों को सजा भी जरूर होना चाहिए क्योंकि एक नारी देवी का अवतार होती है नारी एक मां भी होती है और बहन भी होती है।
हमारा भारत देश एक ऐसा देश है जहां पर प्राचीन काल से ही महिलाओं को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है धार्मिक संस्कृति में महिला लक्ष्मी का रूप होती है लेकिन हमारे भारत देश में कई सारे ऐसे लोग भी होते हैं जो महिलाओं के साथ हिंसात्मक व्यवहार अपनाते हैं महिलाओं को कुछ भी नहीं समझते हैं ऐसे लोग आजकल की इस वैज्ञानिक युग में भी कम नहीं है।
आजकल आधुनिक युग में महिलाएं हर एक क्षेत्र में आगे बढ़ती जा रही हैं जीवन में सफलता की बुलंदियों को छू रही हैं। महिलाएं आज डॉक्टर भी हैं, इंजीनियर भी है, शिक्षक भी हैं, कलेक्टर भी हैं, बड़े-बड़े नेताओं के पद पर भी हैं फिर भी आजकल के कई सारे लोगों की सोच महिलाओं को लेकर छोटी ही है।
लोग महिलाओं के विरुद्ध हिंसात्मक व्यवहार अपनाते हैं। जब भी किसी लड़की की शादी होती है तो शादी से पहले और बाद में उसे कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है काफी समय पहले से दहेज प्रथा हमारे देश में चली आ रही है जो कि आज भी कई जगह देखने को मिलती है। आज भी कई लोग अपने लड़के की शादी करते समय लड़की वालों से दहेज की मांग करते हैं यह सब बिल्कुल भी ठीक नहीं है।
हम सभी को नारी का सम्मान करना चाहिए और इस दहेज प्रथा जैसी प्रथाओं को खत्म कर देना चाहिए क्योंकि दहेज मांगने वाले लोग कभी भी सही सोच के नहीं हो सकते। कई जगह ऐसा भी देखा जाता है की विवाह के पश्चात भी इस तरह के दहेज के लोभी लोग अपनी बहू से दहेज की मांग करते हैं और महिलाओं को कई तरह से प्रताड़ित किया जाता है यह सब आजकल कई जगह देखा जाता है।
कई महिलाएं इसके खिलाफ आवाज उठाती हैं लेकिन बहुत सी ऐसी महिलाएं भी होती हैं जो इन बातों को दबा लेती हैं वह कई सारे मन में आ रहे डरो की वजह से आगे कुछ भी कदम नहीं उठा पाती और अपनी जिंदगी बर्बाद कर लेती हैं ऐसी महिलाएं जो कुछ भी कदम नहीं उठाती जिनकी वजह से इस तरह के लोग कम नहीं होते बल्कि इस तरह की सोच रखने वाले लोग और भी बढ़ते देखे जा रहे हैं।
हम सभी को यह सब रोकने की जरूरत है। कई जगह ऐसा भी देखा जाता है की महिलाओं के साथ हिंसात्मक व्यवहार किया जाता है उनके घर वाले ही उनके साथ मारपीट, कई तरह से शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित करके उनके जीवन के साथ खिलवाड़ किया जाता है। महिलाओं के विरुद्ध हिंसात्मक व्यवहार घरों में तो देखने को मिलता ही है साथ में कई अन्य जगहों पर भी यह व्यवहार भी देखने को मिलता है।
आज हम देखें तो एक महिला पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं वह घर से बाहर रात के समय नहीं निकल पाती क्योंकि अक्सर उसको या उसके घर वालों को यही चिंता सताती है कि उसके साथ ही गलत ना हो जाए यह सब सोच आजकल की परिस्थितियों को देखते हुए होती हैं क्योंकि अक्सर देखा जाता है कि महिलाओं के साथ बलात्कार जैसी समस्याए सामने आती रहती हैं इस तरह की मानसिक एवं शारीरिक हिंसात्मक गतिविधियां वास्तव में महिलाओं की स्थिति को और भी बिगाड़ रही हैं।
कई तरह के लोग ऐसे होते हैं जो एक स्त्री के साथ ऐसा करते हैं इस तरह की मानसिक हिंसात्मक घटनाएं हमें अक्सर देखने को मिलती हैं अक्सर यह भी देखा जाता है कि जो स्त्रियां विधवा हो जाती हैं उन्हें काफी हिंसात्मक व्यवहार झेलना पड़ता है। कभी-कभी इस तरह की स्त्रियों का साथ परिवार वाले भी नहीं देते हैं और कभी कभी तो कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो उनका सामाजिक बहिष्कार कर देते हैं एवं कई तरह की हिंसात्मक घटनाएं ऐसी स्त्रियों के साथ देखने को मिलती हैं।
यह बिल्कुल भी सही नहीं है यदि ऐसी विधवा स्त्रियों के साथ उनका कोई बच्चा होता है तो उस स्त्री को अपने बच्चे की देखभाल के लिए काफी परिश्रम करना पड़ता है।कई लोग उन्हें कई तरह के ताने भी देते हैं इसके अलावा उन्हें अच्छी नजर से ना देखते हुए उन्हें बुरी नजर से लोग देखते हैं उनके प्रति बहुत ही बुरा व्यवहार किया जाता है और उनकी मदद करने के लिए कोई भी नहीं होता है।
समाज में उन्हें काफी कुछ झेलना पड़ता है लोग उनकी मदद करने की बजाय उनके साथ बुरा व्यवहार करते हैं कई लोग तो विधवा होने का कारण खुद स्त्री को ही बता देते हैं ऐसे लोग एक तरह से महिलाओं के साथ बहुत ही बुरा व्यवहार करते हैं और कई लोग तो विधवा स्त्री को अकेला देखकर उनके साथ गलत करने से भी नहीं चूकते इस तरह के लोग उस विधवा स्त्री को शारीरिक एवं मानसिक रूप से परेशान करते हैं।
इस तरह का हिंसात्मक व्यवहार अमानवीय है हम सभी को इस तरह के लोग, इस तरह के सोच रखने वाले लोगों का बहिष्कार करना चाहिए और इस तरह के लोगों को सजा भी जरूर होना चाहिए क्योंकि एक नारी देवी का अवतार होती है नारी एक मां भी होती है और बहन भी होती है।
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