ek apahij ki atmakatha essay in hindi
एक अपाहिज की आत्मकथा
दोस्तों नमस्कार मैं कमलेश कुशवाहा आप सभी का स्वागत करता हूं। दोस्तों आज मैं आपके लिए लाया हूं एक अपाहिज व्यक्ति की आत्मकथा आप इसे जरूर पढ़ें तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे इस आर्टिकल को।
मैं एक अपाहिज व्यक्ति हूं मेरी यह जिंदगी मेरे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है भले ही मेरी एक बाजू नहीं है लेकिन फिर भी मैं ईश्वर का धन्यवाद कहता हूं जिन्होंने मुझे इस प्यारी सी दुनिया में भेजा मैं हमेशा खुश रहता हूं। आज से कुछ समय पहले जब मैं अपने एक दोस्त के साथ बाजार घूमने गया हुआ था तभी एक कार चालक ने मुझमें पीछे से टक्कर दे मारी जिसकी वजह से मैं दुर्घटनाग्रस्त हो गया और मेरी एक बाजू कट गई।
यह घटना जब मेरे साथ हुई तो मुझे थोड़ा दुख हुआ लेकिन मेरे पिताजी एक सकारात्मक सोच वाले इंसान थे उन्होंने मुझे बहुत सी ऐसी बातें बताई जिनसे मैं काफी प्रेरित हुआ। आज भले ही मेरा एक बाजू नहीं है लेकिन मैं फिर भी आज एक बहुत अच्छी नौकरी कर रहा हूं मैं किसी पर निर्भर नहीं हूं।
बहुत से अपंग लोग होते हैं जो दूसरों पर निर्भर रहते हैं और दूसरे लोग उनको अपाहिज समझ कर उन्हें कई तरह से प्रताड़ित करते हैं लेकिन मेरे साथ ऐसा नहीं है क्योंकि मैं खुद कमाता हूं। मैं बहुत खुश हूं कि मुझे इतनी अच्छी नौकरी मिली दरअसल जब मेरा एक्सीडेंट हुआ था तभी मैं ग्रेजुएशन कर रहा था एक पल के लिए मैंने सोचा कि अब मैं अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दूंगा लेकिन मेरे पिताजी ने ऐसा करने से मुझे मना कर दिया और मैं आगे की पढ़ाई करने लगा आगे चलकर मेरी अच्छी नौकरी लगी।
आज मैं अपने पूरे परिवार के साथ रहता हूं मेरे माता-पिता,भाई-बहन मुझसे खुश हैं क्योंकि मैं किसी पर बोझ नहीं हूं। हर अपाहिज को मेरी तरह ही कुछ ना कुछ जरूर करना चाहिए क्योंकि मुझे लगता है कि आजकल वह जमाना नहीं कि कोई मुफ्त में आपको कुछ दे।
मैं खुश हूं और आगे चलकर मैं अपने परिवार के लिए भी बहुत कुछ करने वाला हूं मैं अपनी कमाई से अपने परिवार के लिए एक बड़ा सुंदर घर बनाने का निर्णय लिया है यह सब जानकर मेरे परिवार के लोग काफी खुश हैं वह कहते हैं कि एक अपाहिज होकर अपने परिवार वालों के बारे में इतना कुछ करना बहुत ही बड़ी बात है।
दोस्तों मेरे द्वारा लिखा यह काल्पनिक आर्टिकल आपको कैसा लगा हमें जरूर बताएं और हमें कमेंट करके हमारा प्रोत्साहन बढ़ाएं और सबस्क्राइब करना ना भूलें।
एक अपाहिज की आत्मकथा
दोस्तों नमस्कार मैं कमलेश कुशवाहा आप सभी का स्वागत करता हूं। दोस्तों आज मैं आपके लिए लाया हूं एक अपाहिज व्यक्ति की आत्मकथा आप इसे जरूर पढ़ें तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे इस आर्टिकल को।
मैं एक अपाहिज व्यक्ति हूं मेरी यह जिंदगी मेरे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है भले ही मेरी एक बाजू नहीं है लेकिन फिर भी मैं ईश्वर का धन्यवाद कहता हूं जिन्होंने मुझे इस प्यारी सी दुनिया में भेजा मैं हमेशा खुश रहता हूं। आज से कुछ समय पहले जब मैं अपने एक दोस्त के साथ बाजार घूमने गया हुआ था तभी एक कार चालक ने मुझमें पीछे से टक्कर दे मारी जिसकी वजह से मैं दुर्घटनाग्रस्त हो गया और मेरी एक बाजू कट गई।
यह घटना जब मेरे साथ हुई तो मुझे थोड़ा दुख हुआ लेकिन मेरे पिताजी एक सकारात्मक सोच वाले इंसान थे उन्होंने मुझे बहुत सी ऐसी बातें बताई जिनसे मैं काफी प्रेरित हुआ। आज भले ही मेरा एक बाजू नहीं है लेकिन मैं फिर भी आज एक बहुत अच्छी नौकरी कर रहा हूं मैं किसी पर निर्भर नहीं हूं।
बहुत से अपंग लोग होते हैं जो दूसरों पर निर्भर रहते हैं और दूसरे लोग उनको अपाहिज समझ कर उन्हें कई तरह से प्रताड़ित करते हैं लेकिन मेरे साथ ऐसा नहीं है क्योंकि मैं खुद कमाता हूं। मैं बहुत खुश हूं कि मुझे इतनी अच्छी नौकरी मिली दरअसल जब मेरा एक्सीडेंट हुआ था तभी मैं ग्रेजुएशन कर रहा था एक पल के लिए मैंने सोचा कि अब मैं अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दूंगा लेकिन मेरे पिताजी ने ऐसा करने से मुझे मना कर दिया और मैं आगे की पढ़ाई करने लगा आगे चलकर मेरी अच्छी नौकरी लगी।
आज मैं अपने पूरे परिवार के साथ रहता हूं मेरे माता-पिता,भाई-बहन मुझसे खुश हैं क्योंकि मैं किसी पर बोझ नहीं हूं। हर अपाहिज को मेरी तरह ही कुछ ना कुछ जरूर करना चाहिए क्योंकि मुझे लगता है कि आजकल वह जमाना नहीं कि कोई मुफ्त में आपको कुछ दे।
मैं खुश हूं और आगे चलकर मैं अपने परिवार के लिए भी बहुत कुछ करने वाला हूं मैं अपनी कमाई से अपने परिवार के लिए एक बड़ा सुंदर घर बनाने का निर्णय लिया है यह सब जानकर मेरे परिवार के लोग काफी खुश हैं वह कहते हैं कि एक अपाहिज होकर अपने परिवार वालों के बारे में इतना कुछ करना बहुत ही बड़ी बात है।
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