हिमालय की ऑटोबायोग्राफी
मैं हिमालय पर्वत हूं, मैं पर्वतों का राजा हूं, मैं सबसे ऊंचा और विशालकाय हूं भगवान शिव शंकर मुझ में निवास करते हैं आज भी मेरे प्रति लोगों की श्रद्धा है लोग मेरे दर्शनों के लिए दुनिया के हर एक हिस्से से आते हैं।
मेरे आंचल में कई तरह के तीर्थ स्थान हैं जैसे कि बद्रीनाथ, अमरनाथ, केदारनाथ आदि इन तीर्थ स्थलों के दर्शन करके लोग अपने नेत्रों का लाभ उठाते हैं। मेरा विस्तार कई राज्यों में फैला हुआ है जैसे कि जम्मू और कश्मीर, असम, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश आदि मुझ पर निवास करने वाले लोग कभी भी भयानक बीमारियों से पीड़ित नहीं होते कई तरह की नदियां जो कि लोगों की धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक है वह मुझसे ही निकलती हैं।
इन नदियों में गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र एवं सिंधु नदी है और भी कई सारी नदियां मुझ से होकर निकलती हैं। कई ऋषि मुनि भी मेरे यहां तपस्या करते है मैं भारत देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में विख्यात हूं। भगवान शिव शंकर और मेरी कई प्राचीन कहानियां आप सभी ने सुनी ही होंगी। भगवान शिव शंकर मेरे ऊपर ही माता पार्वती जी के साथ मेरे यहां निवास करते हैं मुझ पर कई तरह के पेड़ पौधे, फल फूल लगे हुए हैं।
कई अन्य छोटे-मोटे एंड दर्शनीय स्थल हैं। कई सारे पशु पक्षी मेरे यहां निवास करते हैं इन पशुओं में कई तरह के पशु जैसे कि भालू, रीछ, बंदर जैसे जानवर हैं जो कि इन जंगलों में अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हैं। हिमालय पर बहुत ज्यादा ठंड पड़ती है यहां तक कि गर्मियों के मौसम में भी यहां ठंड लगती है जिस वजह से कई सारे लोग गर्मियों की छुट्टियों में मेरे यहां घूमने के लिए आते हैं और कई दिनों तक यहां भ्रमण करते हुए वह काफी खुश होते हैं।
मेरे यहां पर ज्वालामुखी और भूकंप आते रहते हैं लेकिन फिर भी लोग मेंरे दर्शनों के लिए हमेशा समय समय पर आते रहते हैं क्योंकि मैं उनकी आस्था का केंद्र हूं, ऊंची ऊंची चोटियां मेरी प्रसिद्धि का केंद्र हैं जो भारत देश के हर गांव, हर शहर के निवासियों को अपनी ओर खींचती हैं। भारत ही नहीं बल्कि विदेशों के लोग भी मेरे दर्शन के लिए आते हैं लोग मुझे देखकर काफी खुशी का अनुभव करते हैं।
दोस्तों मेरे द्वारा लिखा हिमालय की आत्मकथा पर आर्टिकल एक काल्पनिक आर्टिकल है आप इसे पढ़ कर मुझे बताएं की यह आर्टिकल आपको कैसा लगा इसे अपने दोस्तों में शेयर करना ना भूले और हमें सब्सक्राइब जरूर करें।
मैं हिमालय पर्वत हूं, मैं पर्वतों का राजा हूं, मैं सबसे ऊंचा और विशालकाय हूं भगवान शिव शंकर मुझ में निवास करते हैं आज भी मेरे प्रति लोगों की श्रद्धा है लोग मेरे दर्शनों के लिए दुनिया के हर एक हिस्से से आते हैं।
मेरे आंचल में कई तरह के तीर्थ स्थान हैं जैसे कि बद्रीनाथ, अमरनाथ, केदारनाथ आदि इन तीर्थ स्थलों के दर्शन करके लोग अपने नेत्रों का लाभ उठाते हैं। मेरा विस्तार कई राज्यों में फैला हुआ है जैसे कि जम्मू और कश्मीर, असम, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश आदि मुझ पर निवास करने वाले लोग कभी भी भयानक बीमारियों से पीड़ित नहीं होते कई तरह की नदियां जो कि लोगों की धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक है वह मुझसे ही निकलती हैं।
इन नदियों में गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र एवं सिंधु नदी है और भी कई सारी नदियां मुझ से होकर निकलती हैं। कई ऋषि मुनि भी मेरे यहां तपस्या करते है मैं भारत देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में विख्यात हूं। भगवान शिव शंकर और मेरी कई प्राचीन कहानियां आप सभी ने सुनी ही होंगी। भगवान शिव शंकर मेरे ऊपर ही माता पार्वती जी के साथ मेरे यहां निवास करते हैं मुझ पर कई तरह के पेड़ पौधे, फल फूल लगे हुए हैं।
कई अन्य छोटे-मोटे एंड दर्शनीय स्थल हैं। कई सारे पशु पक्षी मेरे यहां निवास करते हैं इन पशुओं में कई तरह के पशु जैसे कि भालू, रीछ, बंदर जैसे जानवर हैं जो कि इन जंगलों में अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हैं। हिमालय पर बहुत ज्यादा ठंड पड़ती है यहां तक कि गर्मियों के मौसम में भी यहां ठंड लगती है जिस वजह से कई सारे लोग गर्मियों की छुट्टियों में मेरे यहां घूमने के लिए आते हैं और कई दिनों तक यहां भ्रमण करते हुए वह काफी खुश होते हैं।
मेरे यहां पर ज्वालामुखी और भूकंप आते रहते हैं लेकिन फिर भी लोग मेंरे दर्शनों के लिए हमेशा समय समय पर आते रहते हैं क्योंकि मैं उनकी आस्था का केंद्र हूं, ऊंची ऊंची चोटियां मेरी प्रसिद्धि का केंद्र हैं जो भारत देश के हर गांव, हर शहर के निवासियों को अपनी ओर खींचती हैं। भारत ही नहीं बल्कि विदेशों के लोग भी मेरे दर्शन के लिए आते हैं लोग मुझे देखकर काफी खुशी का अनुभव करते हैं।
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