Wednesday, 8 April 2020

पुष्प की ऑटोबायोग्राफी Autobiography of flower in hindi

पुष्प की ऑटोबायोग्राफी

दोस्तों नमस्कार आज मैं आपके लिए लाया हूं पुष्प की ऑटो बायोग्राफी जिसके जरिए हम एक फूल के बारे में, फूल के जीवन के बारे में जानेंगे तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे इस काल्पनिक आर्टिकल को।

 मैं एक पुष्प हूं मैं काफी खुश नसीब हूं कि मुझे यह जीवन मिला है मैं बहुत ही खूबसूरत दिखता हूं लोग मुझे डालियों से तोड़कर मेरी मालाएं बनाते हैं और उन मालाओं का उपयोग कई तरह के धार्मिक एवं सामाजिक समारोह में किया जाता है। फूलों की माला का उपयोग लोग ईश्वर को चढ़ाने में भी करते हैं।

एक इंसान के जीवन में फूलों का विशेष महत्व है मैं यही समझ कर काफी खुश रहता हूं। जब मेरा जन्म हुआ तो मैं अपने चारों ओर का वातावरण देखकर काफी खुश था क्योंकि मेरे चारों ओर जल तरह तरह के पेड़ पौधे आदि थे वह बहुत ही सुंदर दिख रहे थे। मेरा जन्म हुआ तो मैं एक पल के लिए मुस्कुराया धीरे-धीरे कुछ ही समय में मैं बड़ा हो गया और एक बुजुर्ग दंपत्ति मुझे उस पेड़ की डाली से तोड़कर अपने साथ ले जाने लगे।

मैंने अभी तक सुना था कि लोग मेरा उपयोग ईश्वर के चरणों में चढ़ाने के लिए करते हैं लेकिन कभी देखा नहीं था वह बुजुर्ग दंपत्ति धीरे-धीरे मुझे एक मंदिर की ओर ले जाने लगे और मुझे एक ईश्वर की मूर्ति के चरणों में चढ़ा दिया गया मैं बहुत ही खुश था यह सब देखकर क्योंकि जो भी व्यक्ति ईश्वर के दर्शन करने के लिए आता वह ईश्वर और मेरी ओर देखकर सिर नवाते और काफी खुश हो जाता।

 मैं यह सोचकर बहुत खुश था कि चलो मैं ईश्वर को चढ़ाने में तो काम आता हूं मैं जब अपने साथियों के साथ था तभी सुना करता था कि मेरी कई मालाएं भी बनाई जाती हैं जो बाजार में ऊंचे दामों में बेची जाती हैं मेरे जैसे कई पुष्प मिलकर पुष्पों की माला बनाते हैं मुझे यह सुनकर काफी अच्छा लगता था लेकिन अपने परिवार वालों से बिछड़ने का दर्द भी मेरे मन में था।

मैं जब अपने अन्य साथियों के बीच था तो भी कई सारे लोग हमें देख कर ही प्रसन्न हो जाया करते थे हमारी इस बगिया में कई तरह के लोग आते थे, कई तरह के बुजुर्ग, नौजवान, बच्चे, महिलाएं आदि सब आते थे और हमें देख कर खुश हो जाया करते थे। हमारी उस बगिया का दृश्य कुछ ऐसा था कि लोग बातें करते थे कि किसी बड़े सुंदर बंगले से भी अच्छा सुंदर दृश्य इस बगिया का है।

 मुझे खुशी का अनुभव होता था कि हम खुशनसीब हैं कि इस सुंदर सी बगिया में हमारा जन्म हुआ है आज मैं मंदिर में ईश्वर के चरणों में मुझे एक खुशी का अनुभव तो हो रहा है लेकिन मुझे थोड़ा सा दुख भी है कि मैं अपने अन्य साथियों से अपनी सुंदर सी बगिया से बिछड़ रहा हूं गया हूं लेकिन मेरा यह थोड़ा सा दो सिर्फ इसी वजह से खुश मैं हो जाता हूं कि लोग मुझे देखकर काफी खुश हो रहे हैं मेरा सम्मान किया जा रहा है दोस्तों मेरे द्वारा लिखा यह पुष्प की आत्मकथा पर आर्टिकल आपको कैसा लगा मुझे जरूर बताएं इसी तरह के बेहतरीन आर्टिकल को पढ़ने के लिए हमें सब्सक्राइब जरूर करें

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