अंधे की ऑटोबायोग्राफी
दोस्तों आज मैं आपके लिए लाया हूं अंधे की ऑटोबायोग्राफी यानी आत्मकथा पर मेरे द्वारा लिखा यह आर्टिकल आप इसे जरूर पढ़ें। यह एक काल्पनिक आर्टिकल है।
मैं एक अंधा व्यक्ति हूं इस वजह से मुझे अपने जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है मैं जब छोटा था तब एक एक्सीडेंट की वजह से मेरी आंखों की रोशनी चली गई इसके बाद मुझे कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा। मैं अपने परिवार वालों के साथ रहता लेकिन एक तरह से मैं बहुत ही बुरा महसूस करता था क्योंकि मैं अपने परिवार के लिए एक बोझ सा था।
मैं अपने बड़े भाई से कहता कि आप मुझे कोई काम दिलवा दें मैंने बार-बार जिद कर के आखिर में अपने हिसाब का एक काम सीख लिया। मुझे देश जगह पर काम सीखने के लिए भेजा गया था वहां पर मेरी तरह कई सारे अंधे लोग भी थे जब मैं वहां से अपना काम सीखकर घर पर आया तो घर से ही अपना कामकाज करता।
मैं अपने परिवार वालों के लिए अब बोझ नहीं था लेकिन फिर भी मुझे हमेशा एक दुख सा होता था कि मैं अन्य लोगों की तरह इस प्यारी सी दुनिया को नहीं देख पाता हूं काश मैं अपनी इस प्यारी सी दुनिया को देख पाता तो कितना अच्छा होता। अंधे होने की वजह से मेरी ठीक जगह शादी भी नहीं हो पा रही थी तभी मैंने निर्णय लिया कि मैं जीवन भर कुंवारा ही रहूंगा क्योंकि अभी मेरे पास सिर्फ मेरी जिम्मेदारी है फिर मेरी जिम्मेदारी के साथ मेरी पत्नी की जिम्मेदारी आएगी।
हो सकता है मैं संभाल ही ना पाऊं इसलिए मेरा निर्णय मुझे उचित लगा मेरे घरवाले हमेशा मेरे से अच्छी तरह व्यवहार करते मुझे किसी भी तरह की कमी का एहसास वह नहीं होने देते थे मुझे जब भी कहीं बाहर जाना होता था तो मैं अपने भतीजे को साथ में ले जाता था। मैं अपने जीवन में इसलिए खुश था क्योंकि मेरे परिवार जन मुझे बोझ नहीं समझते थे। खैर अब तो मैं अपना कार्य करके परिवार पर बिल्कुल भी बोझ नहीं बनता था।
मैं अपने बड़े भाई, माता पिता की मदद करता था मैं बस यही चाहता हूं कि कोई भी व्यक्ति किसी भी स्थिति अपंग हो तो उस पर दया जरूर करनी चाहिए। उसको कई तरह के कामकाज सिखाने का प्रयास करना चाहिए जिससे वह आपको बोझ ना लगे और अपने जीवन को बहुत ही अच्छी तरह से गुजार सकें। सरकार भी आजकल मेरे जैसे लोगों को अपने दम पर जीने के लिए कई तरह के रोजगार करना सिखाती है जिसके बाद कोई व्यक्ति अपने आप को बोझ ना समझे।
लंगडे, लूंले ,अंधे,बहरे सभी तरह के लोग अपने लिए कुछ ना कुछ कार्य करना सीख सकते हैं आजकल वैसे भी बहुत ही चारों और स्थिति बदल रही है लोग बेरोजगारी, अनपढ़ता, गरीबी, महंगाई आदि की चपेट में आ रहे हैं लोग इस स्थिति से निकल सकें और अपने जीवन में खुश रह सकें इसलिए यह सरकार का कदम काफी सराहनीय है।
मैं पहले अपने परिवार वालों पर बोझ समझता था लेकिन आज मैं आजादी के साथ अपने परिवार के साथ खुशी पूर्वक खुशी-खुशी रहता हूं यही है मेरे जीवन की आत्मकथा।
दोस्तों मेरे द्वारा लिखा यह आर्टिकल आपको कैसा लगा हमें जरूर बताएं इसी तरह के बेहतरीन आर्टिकल को पढ़ने के लिए हमारे इस आर्टिकल को शेयर जरूर करें
दोस्तों आज मैं आपके लिए लाया हूं अंधे की ऑटोबायोग्राफी यानी आत्मकथा पर मेरे द्वारा लिखा यह आर्टिकल आप इसे जरूर पढ़ें। यह एक काल्पनिक आर्टिकल है।
मैं एक अंधा व्यक्ति हूं इस वजह से मुझे अपने जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है मैं जब छोटा था तब एक एक्सीडेंट की वजह से मेरी आंखों की रोशनी चली गई इसके बाद मुझे कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा। मैं अपने परिवार वालों के साथ रहता लेकिन एक तरह से मैं बहुत ही बुरा महसूस करता था क्योंकि मैं अपने परिवार के लिए एक बोझ सा था।
मैं अपने बड़े भाई से कहता कि आप मुझे कोई काम दिलवा दें मैंने बार-बार जिद कर के आखिर में अपने हिसाब का एक काम सीख लिया। मुझे देश जगह पर काम सीखने के लिए भेजा गया था वहां पर मेरी तरह कई सारे अंधे लोग भी थे जब मैं वहां से अपना काम सीखकर घर पर आया तो घर से ही अपना कामकाज करता।
मैं अपने परिवार वालों के लिए अब बोझ नहीं था लेकिन फिर भी मुझे हमेशा एक दुख सा होता था कि मैं अन्य लोगों की तरह इस प्यारी सी दुनिया को नहीं देख पाता हूं काश मैं अपनी इस प्यारी सी दुनिया को देख पाता तो कितना अच्छा होता। अंधे होने की वजह से मेरी ठीक जगह शादी भी नहीं हो पा रही थी तभी मैंने निर्णय लिया कि मैं जीवन भर कुंवारा ही रहूंगा क्योंकि अभी मेरे पास सिर्फ मेरी जिम्मेदारी है फिर मेरी जिम्मेदारी के साथ मेरी पत्नी की जिम्मेदारी आएगी।
हो सकता है मैं संभाल ही ना पाऊं इसलिए मेरा निर्णय मुझे उचित लगा मेरे घरवाले हमेशा मेरे से अच्छी तरह व्यवहार करते मुझे किसी भी तरह की कमी का एहसास वह नहीं होने देते थे मुझे जब भी कहीं बाहर जाना होता था तो मैं अपने भतीजे को साथ में ले जाता था। मैं अपने जीवन में इसलिए खुश था क्योंकि मेरे परिवार जन मुझे बोझ नहीं समझते थे। खैर अब तो मैं अपना कार्य करके परिवार पर बिल्कुल भी बोझ नहीं बनता था।
मैं अपने बड़े भाई, माता पिता की मदद करता था मैं बस यही चाहता हूं कि कोई भी व्यक्ति किसी भी स्थिति अपंग हो तो उस पर दया जरूर करनी चाहिए। उसको कई तरह के कामकाज सिखाने का प्रयास करना चाहिए जिससे वह आपको बोझ ना लगे और अपने जीवन को बहुत ही अच्छी तरह से गुजार सकें। सरकार भी आजकल मेरे जैसे लोगों को अपने दम पर जीने के लिए कई तरह के रोजगार करना सिखाती है जिसके बाद कोई व्यक्ति अपने आप को बोझ ना समझे।
लंगडे, लूंले ,अंधे,बहरे सभी तरह के लोग अपने लिए कुछ ना कुछ कार्य करना सीख सकते हैं आजकल वैसे भी बहुत ही चारों और स्थिति बदल रही है लोग बेरोजगारी, अनपढ़ता, गरीबी, महंगाई आदि की चपेट में आ रहे हैं लोग इस स्थिति से निकल सकें और अपने जीवन में खुश रह सकें इसलिए यह सरकार का कदम काफी सराहनीय है।
मैं पहले अपने परिवार वालों पर बोझ समझता था लेकिन आज मैं आजादी के साथ अपने परिवार के साथ खुशी पूर्वक खुशी-खुशी रहता हूं यही है मेरे जीवन की आत्मकथा।
दोस्तों मेरे द्वारा लिखा यह आर्टिकल आपको कैसा लगा हमें जरूर बताएं इसी तरह के बेहतरीन आर्टिकल को पढ़ने के लिए हमारे इस आर्टिकल को शेयर जरूर करें
0 comments:
Post a Comment