Essay on book fair in hindi
दोस्तों हमारे आज के इस आर्टिकल में हम पुस्तक मेला के बारे में जानेंगे पुस्तक मेला पर हमारे द्वारा लिखित यह आर्टिकल काफी मनोरंजक है चलिये पढ़ते हैं आज के इस आर्टिकल को।
Essay on book fair in hindi
हम सभी जानते हैं कि हमारे जीवन में पुस्तकों का बहुत ही ज्यादा महत्व है पुस्तकें हमें ज्ञान बान बनाती हैं बच्चों, बूढ़ों, नौजवानों सभी के लिए पुस्तकें बड़ी ही महत्वपूर्ण होती हैं और पुस्तक मेला एक ऐसी जगह होती है जहां पर कई सारी पुस्तकें मिलती हैं कई सारे लोग इस पुस्तक मेला में घूमने के लिए जाते हैं ऐसी ही एक पुस्तक मेला की घटना में आप सभी को बताऊंगा।
मेरे शहर के नजदीक ही एक बार पुस्तक मेला लगा यह पुस्तक मेला देखने के लिए मैं काफी उकसुक था मैं एक-दो दिनों से अपने पिताजी से कह रहा था कि वह मुझे पुस्तक मेला घूमने के लिए जाने दें मैं पुस्तक मेला में घूमने के लिए अपने दोस्तों के साथ जाना चाहता था पापा जी ने मुझे इजाजत दे दी मैं अपने तीन दोस्तों के साथ पुस्तक मेला देखने के लिए चला गया हम एक ऑटो रिक्शा में बैठकर पुस्तक मेला की ओर गए।
पुस्तक मेला के नजदीकी हमारा ऑटो रिक्शा रुका जैसे ही हम वहां पहुंचे तो वहां का नजारा देखकर मैं काफी खुश हो गया क्योंकि वहां पर काफी सारे लोग थे जो उस पुस्तक मेला में आए हुए थे मैंने देखा कि पुस्तक मेला में हमारे तरह ही बच्चे, हम से भी छोटे बच्चे एवं नवयुवक, युक्ति, बुजुर्ग लोग, माता वहने सभी थे और पुस्तक मेला देखकर काफी खुशी का अनुभव कर रहे थे।
एक साथ पुस्तकों का इतना बड़ा संग्रह देखकर मैं काफी खुशी हुआ मैं सोच रहा था कि आज तो मैं बहुत सी किताबे यहां से खरीद कर ले जाऊंगा मेरे दोस्त और मैं इस तरह की कई सारी पुस्तक मेला की बातें करके पुस्तक मेला के नजदीक जाने लगे हमने देखा कि पुस्तक मेला में कई सारे लोग किताबे देख रहे हैं बच्चे भी अपनी पसंद की मनोरंजक किताबें खरीद रहे हैं वहां पर किताबों का हर तरह का संग्रह देखने को मिला।
हमने देखा कि वहां पर एक और धार्मिक किताबें लगी हुई थी जिसमें श्री कृष्ण, श्री राम भगवान, शिव पार्वती, विष्णु भगवान की व्रत कथा की किताबें थी दूसरी ओर विज्ञान और तकनीक से संबंधित किताबें भी थी। खेल से संबंधित भी कई सारी किताबें देखने को मिली इसके अलावा विज्ञान और चमत्कार से संबंधित भी कई तरह की किताबें मिली जनरल नॉलेज का भंडार था वहां पर जनरल नॉलेज की एक से बढ़कर एक किताबे हमें देखने को मिली।
हम मेले के पास में पहुंचे और हमने जब दूसरी ओर नजर डाली तो हमने देखा कि कई तरह की एक्सरसाइज एवं व्यायाम युगा सिखने वाली किताबें रखी थी वहां पर इस तरह की एक से बढ़कर एक किताबें मुझे देखने को मिली। पास में मैंने देखा कि खाना बनाना सिखने वाली कई सारी किताबें वहां थी।
बच्चों की कहानियों से संबंधित कई सारी किताबें मुझे वहां पर देखने को मिली अकबर बीरबल की कहानियां, सिंदबाद जहाजी की कहानियां, पंचतंत्र की कहानियां, मोटू-पतलू की मनोरंजक कहानियां एवं अलिफ लैला की चमत्कारी कहानियां एवं कई तरह की कहानियों की किताबें मुझे देखने को मिली। इन किताबों को देखकर मैं काफी खुश हुआ हमने सबसे पहले चारों नजर डाली और पुस्तक मेला को देखा और काफी खुशी का अनुभव किया।
बाद मैं पुस्तक मेला की एक और गया वहां पर मैंने अपने पिताजी के लिए एक अच्छी सी धार्मिक किताब खरीदी उसके बाद मैंने मेरे लिए विज्ञान से संबंधित और कुछ मनोरंजक कहानियों की किताबें खरीदी जो मुझे बहुत ही अच्छी लगती थी मैंने अपनी बहन के लिए खाना बनाना सिखने वाली किताबें एवं मेहंदी रचाना सिखने वाली किताबें खरीदी।
मैंने अपनी मां के लिए योगा सिखने वाली किताब खरीदी मैंने अपने लिए एक और बेहतरीन किताब खरीदी सिंदबाद की कहानियों की किताब यह किताब मेरी काफी फेवरेट किताब है क्योंकि मैं बचपन में सिंदबाद की कहानियां देखा करता था। मेरे दोस्तों ने भी कई सारी किताबें खरीदी मेरे एक दोस्त ने बॉडीबिल्डर की किताब खरीदी, एक दोस्त ने कई तरह के मनोरंजक चुटकुलो की किताबें खरीदी, मेरे एक दोस्त ने फिल्मी गानों की किताबें खरीदी, मेरे एक दोस्त ने शब्दकोश की किताबें भी खरीदी हमने पूरे पुस्तक मेला को घुमा।
पुस्तक मेला के पास में खाने पीने वाली चीजों की दुकानें भी लगी हुई थी हमने वहां पर थोड़ा सा नाश्ता किया और फिर पुस्तक मेला में घूमने के लिए हम एक बार फिर से गए फिर चार-पांच घंटे घूमने के बाद हम ऑटो रिक्शा में बैठकर वापस अपने घर आ गए इस तरह से हमने पुस्तक मेला का काफी आनंद लिया मेरे जीवन का यह अनुभव मेरे लिए काफी खुशी देने वाला था।
तो दोस्तों मुझे बताएं कि पुस्तक मेला पर मेरे द्वारा लिखा यह आर्टिकल Essay on book fair in hindi कैसा लगा पसंद आए तो सब्सक्राइब जरूर करें।
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