Aarakshan samasya aur samadhan essay in hindi
आरक्षण एक तरह से कुछ लोगों के लिए सुरक्षा कवच है । आरक्षण ऐसे लोगों के लिए विशेष अधिकार होते हैं जिनका समाज में शोषण हो रहा है । जो लोग दलित एवं पिछड़े वर्ग से आते हैं उनके लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई है ।
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी ने जब संविधान बनाया तब उसमें आरक्षण का प्रावधान किया था । उन्होंने लगभग 10 से 15 वर्षों के अस्थाई तौर पर इसे बनाया था लेकिन आज 70 साल से भी ज्यादा समय हो गया है लेकिन फिर भी आरक्षण कम या खत्म नहीं हो रहा है बल्कि यह बढ़ता ही जा रहा है ।
आरक्षण के उद्देश्य यही है कि सभी लोगों को सभी क्षेत्रों में समानता के अधिकार मिलें । पिछड़े वर्ग या दलितों का शोषण ना हो इसके लिए आरक्षण दिया गया है । आरक्षण कई प्रकार का होता है । आरक्षण जाति के आधार पर भी होता है । आरक्षण शिक्षा के क्षेत्र में भी होता है । धर्म के आधार पर भी आरक्षण होता है । महिलाओं के लिए भी आरक्षण होता है ।
बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो आरक्षण को एक समस्या के रूप में भी देखते हैं क्योंकि आरक्षण जातिवाद में भेदभाव उत्पन्न करता है ।
आरक्षण काबिल लोगों की काबिलियत को प्रभावित करता है । आरक्षण की वजह से ही लोगों को नौकरी करने में भी कठिनाई की समस्या होती है ।
जो योग्य व्यक्ति होते हैं उनको भी इस तरह की समस्याओं से गुजरना पड़ता है । आरक्षण की वजह से इस तरह की समस्याएं सामने आती हैं । आरक्षण की इस तरह की समस्याओं को दूर करने के लिए कई लोगों के अलग-अलग वास्तव में कुछ ऐसे सुझाव हैं जिन पर अगर विचार किया जाए तो हो सकता है आरक्षण की समस्या दूर हो जाए । आरक्षण गरीबी के आधार पर किया जाना चाहिए ।
आरक्षण केवल कुछ समय तक ही दिया जाना चाहिए जिससे दलित वर्ग या निम्न वर्ग के व्यक्ति को एक अवसर मिल सके । लंबे समय तक आरक्षण की वजह से कई समस्याएं उत्पन्न होती है । यदि कोई काबिल व्यक्ति है तो उसको आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करना चाहिए । चाहे वह किसी भी जाति का क्यों ना हो ।
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