Wednesday 15 August 2018

मेरे जीवन की अभिलाषा पर निबंध Mere jeevan ki abhilasha essay in hindi

Mere jeevan ki abhilasha essay in hindi

हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी, दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल मेरे जीवन की अभिलाषा पर निबंध आप सभी को स्कूल परीक्षा के समय हमारे इस Mere jeevan ki abhilasha essay in hindi  आर्टिकल से जानकारी ले सकते हैं और अपने मन की अभिलाषा भी समझ सकते हैं. दुनिया में जितने भी लोग हैं सबकी अपनी-अपनी अभिलाषा होती है कोई बड़ा आदमी बनना चाहता है, कोई डॉक्टर बनना चाहता है, कोई इंजीनियर बनना चाहता है, कलेक्टर बनना चाहता है, पुलिस ऑफिसर बनना चाहता है, वकील बनना चाहता है सब लोगों की अलग अलग अभिलाषा होती है हम बचपन से ही मन में सोच लेते हैं कि हमें बड़े होकर डॉक्टर बनना या फिर वकील जो बनना चाहे वह ठान लेते हैं.
Mere jeevan ki abhilasha essay in hindi


मेरी अभिलाषा बचपन से ही शिक्षक बनने की थी मैं बचपन में सोचती थी कि मुझे बड़ी होकर शिक्षक बनना है हमारी स्कूल में जितनी भी शिक्षक होते थे उन्हें देखकर मुझे भी शिक्षक बनने का मन करता था इसलिए मैंने अच्छे से पढ़ाई की और इंटर पास कर लिया जब मैं कॉलेज में आई तो कॉलेज में आकर मैं कॉलेज की पढ़ाई भी करती और घर पर बच्चों को कोचिंग भी पढ़ाती मेरे पास बहुत पढ़ने के लिए बच्चे आते थे  बो बच्चे कहते थे की दीदी आप स्कूल में क्यों नहीं पढ़ाते आप शिक्षक क्यों नहीं बन जाती उनकी बात सुनकर मैं और भी खुश हो जाती.

कॉलेज की पढ़ाई करने के बाद मैंने शिक्षक का फॉर्म भरा उसमें मैं निकल गई और मेरी शिक्षक की जॉब लग गई मेरी जॉब प्राईमरी स्कूल में लगी मैं स्कूल जाती बच्चों को पढ़ाती और मैं भी खुश रहती मेरी मन की इच्छा पूरी हो चुकी थी.

जब मैं मेरे गांव जाती तो मुझे मेरे स्कूल के शिक्षक शाबाशी देते मेरी तारीफ करते और कहते कि बेटा तूने बहुत लगन से पढ़ाई की थी इसलिए तू आज एक शिक्षक बन गई है इस बात को सुनकर मेरे मम्मी पापा, दादा दादी बहुत खुश होते हैं और कहते हैं कि हमारी बेटी ने हमारा नाम ऊंचा कर दिया फिर में धीरे-धीरे मिडिल क्लास की प्रिंसिपल बन गई मेरे साथ सारे शिक्षक बैठते हैं मुझे यह सब देखकर बहुत खुशी महसूस होती एक दिन वो था जब मैं छोटी थी तब सोचती थी कि मुझे एक शिक्षक बनना है आज का दिन है कि मैं उस मंजिल पर पहुंच गयी हूं.

अपने मन में जो अभिलाषा होती है उसे हम पूरा कर लेते हैं तो एक अलग ही खुशी महसूस होती है हमारे मन में  टीचर बनने की इच्छा थी और हम बन जाए हर विद्यार्थी अगर चाहे तो बचपन से मन में ठान ले कि हमें बड़ा होकर शिक्षक बनना है तो वह जल्दी बन सकता है मन लगाकर पढ़ाई करेगा और हर क्लास में अच्छे नंबरों से पास होगा फिर विद्यार्थी शिक्षक बन सकता है उसकी मन जो अभिलाषा  है वो बन सकता है.

 देखा जाए तो हर कोंई शिक्षक सही नहीं होता लेकिन वो शिक्षक सही होता है जो छात्रों के बारे में सोचता हैं जो शिक्षक छात्रों को नियमानुसार और आदर्शों से पढ़ाता है वही सही शिक्षक होता है जो छात्रों को भी सही रास्ते पर चलने की सलाह देता हो शिक्षक को नैतिक और चरित्र को दृष्टि से  सुदृण होना चाहिए जो शिक्षक आदर्श पूर्व है बही छात्रों को अच्छे से उदाहरण देकर छात्रों को समझा सकता है वही सही शिक्षक कहलाता है.

 तो मैं आशा करती हूं कि एक दिन मैं भी इस लायक बनूंगी कोई भी शिक्षक मेरे से कहेगा कि यह शिक्षक सही है तभी मुझे मेरी अभिलाषा का फल प्राप्त होगा.

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