Wednesday 15 August 2018

पुस्तकें हमारी सच्ची मित्र निबंध Essay on book are our friends in hindi

Essay on book are our friends in hindi

हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी, दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल Essay on book are our friends in hindi आप सभी को अपनी किताबों की याद दिलाएगा जिन किताबों में आपको बहुत रुचि थी तो आइए पढ़ते हैं आज के हमारे इस आर्टिकल को. दोस्तों हमारे बचपन से कुछ सपने होते हैं उन्हें हम पूरा करना चाहते हैं इसलिए हमें मन लगाकर पढ़ाई करना पड़ता है लेकिन कुछ बुक हमारी इतनी करीब होती है जिन्हें पढ़ना हमारा रोज का काम होता है।
Essay on book are our friends in hindi

हमारे घर के बुजुर्ग लोग जब रामायण, भागवत गीता पढ़ते हैं तो चौपाई पढ़ते समय अगर हम ध्यान से उसे सुन लेते हैं तो हमारा भी मन करने लगता है कि हमें भी रामायण, भागवत गीता पढ़ना चाहिए हमें कोई ज्ञान भी बात सीखना हो तो हम भगवत गीता ,रामायण इनको पढ़ेंगे और हमें ज्ञान प्राप्त हो जाता है और एक दिन ऐसा ही हुआ मैं सुबह के टाइम उठ कर नहा धोकर दादाजी की भगवत गीता पढ़ने लगा पहले दिन तो मुझे कुछ अच्छा नहीं लगा और बोरिंग सी महसूस हुई लेकिन फिर दूसरे दिन मेरा मन भगवत गीता पढ़ने को करा।

फिर मैं रोज उठ कर नहा धोकर भगवत गीता पढ़ने लगा और मुझे ऐसा लगने लगा कि मैं रोज भगवत गीता पढ़ो उससे मुझे बहुत अधिक ज्ञान अर्जित हुआ लोगों का आदर करना भगवानों के बारे में पता चला उन्होंने किस-किस का उद्धार किया था भगवत गीता पढ़ने से मुझे बहुत ज्ञान अर्जित हुआ लेकिन मुझे भगवत गीता पढ़ने की आदत लग चुकी हैं मैं हमेशा मेरे दोस्तों से बात करता तो उनसे ज्ञान की ही बात करता उन्हें सही मार्ग पर चलने की बात करता क्योंकि मैं भगवत गीता पढ़ता हूं इसलिए मुझे पता है कि हमें सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए।

मैंने मेरे दोस्तों से बोला उन्होंने भी धीरे-धीरे भगवत गीता पढ़ना शुरू कर दिया और वे भी लोगों का आदर करने लगे ज्ञान की बातें करने लगे किसी को सताते नहीं थे और पढ़ाई भी खूब अच्छे से करने लगे इतनी प्रिय हैं मेरी भगवतगीता कि मैं उसके पैजो को बिना देखे ही पढ़ सकता था जिस तरीके से दोस्त साथ रहते हैं उसी तरीके से मेरी पुस्तक भगवत गीता मेरे साथ रहती थी जहां कहीं भी ज्ञान की बात होती वहां मैं अक्सर सवालों का जवाब दे देता हूं। 

पुस्तक पढ़ने वाला व्यक्ति बुद्धिमान होता है और सदैव उन्नति के पथ पर चलता रहता है जहां ज्ञान नहीं होता वहां मनुष्य एक पशु के समान होता है. धर्म और अधर्म का मार्ग कठिन है लेकिन धर्म तो सब लोग करते हैं. वेद शास्त्रों से ही हम ज्ञान की बातें सीखते हैं हम ज्यादातर धार्मिक पुस्तकें पढ़ते हैं तो उन पुस्तकों से ज्ञान मिल जाता है और उन्हें पढ़ने का मन करता है।

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