Vyayam ka mahatva essay in hindi
हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी, दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल Vyayam ka mahatva essay in hindi आप सभी के लिए बहुत ही लाभदायक होगा इस आर्टिकल से आप व्यायाम की जानकारी ले सकते हैं आप सभी जानते हैं कि वह व्यायाम करना हमें कितना जरूरी हो गया है तो चलिए पढ़ते हैं व्यायाम करने से हमें कितने लाभ होते हैं हमारा शरीर कितना स्वस्थ रहता है।
Vyayam ka mahatva essay in hindi
व्यायाम से शरीर को संगठित तंदुरस्त और फुर्तीला बनाया जा सकता है आपने देखा होगा आज कल मनुष्य सिर्फ बैठा रहता है उसे इधर-उधर हाथ हिलाने की जरूरत ही नहीं पड़ती आजकल अधिकतर काम मशीनों की सहायता से होता है मशीन से आदमी एक ही दशा में कार्य करने के लिए विवश कर देती हैं मशीनों से हम वही काम करेंगे जो मशीन से होता है तो हमें हाथ पैर हिलाने की भी जरूरत नहीं पड़ती इसलिए मनुष्य के शरीर में मानसिक तनाव और शारीरिक बीमारियों को जन्म देती है परंतु हम प्रतिदिन व्यायाम करे तो इस स्थिति में बदलाव हो सकता है।
अगर मनुष्य रोज सुबह उठकर 1 घंटे व्यायाम करेगा तो आदमी भिन्न-भिन्न प्रकार की शारीरिक एवं मानसिक बीमारियों से दूर रह सकता है व्यायाम करने की शुरुआती दिनों में हो सकता है आपको थोड़ी परेशानियों का सामना करना पड़े आपको मुश्किल लगे परंतु कुछ दिनों बाद कष्ट कम हो जाएंगे और आपको व्यायाम करने के लाभ दिखने लगेंगे. और मनुष्य में शारीरिक शक्ति एवं स्फूर्ति से युक्त होकर अपने दैनिक कार्यों में भली-भांति संचालित कर सकता है जितना काम करेगा उतना ही उसके लिए लाभदायक होता है व्यायाम करने से हमारा शरीर स्वास्थ्य रहता है और हमें किसी भी प्रकार की बीमारियां नहीं हो सकती व्यायाम से मानसिक तनाव और थकान मिलती है शरीर का रक्त शुद्ध हो जाता है तथा पूरे शरीर में ताजगी आती है और हमें अच्छा महसूस होता है।
अगर छोटे-छोटे बच्चे जो दुबले पतले होते हैं वह खाना तो बहुत खाते है परन्तु उनका शरीर पतला ही रहता है उन बच्चों को व्यायाम करना चाहिए जिससे उनका शरीर थोड़ा मोटा और हाथ पैर अच्छे हो उनकी बॉडी बन सके आजकल तो बुजुर्ग भी व्यायाम करते हैं और आजकल के बच्चे नहीं कर पाएंगे इतनी दूर दूर तक पैदल चल देते हैं यह व्यायाम का ही कमाल है व्यायाम अलग-अलग प्रकार के होते हैं बुजुर्ग इंसान इधर-उधर चल कर ही अपना व्यायाम कर लेते हैं जिससे उनके हाथ पैरों में अनोखी स्फूर्ति होती है।
बच्चे और युवा लोगों के लिए व्यायाम, दौड़ लगा सकते हैं ,उठक-बैठक कर सकते हैं, साइकिल चला सकते हैं, हाथो में लोहे के बड़े-बड़े शरीये उठा सकते हैं और किसी कमरे में हम व्यायाम के लिए अलमारी बंबा लेते है उसे पकड़कर ऊपर नीचे हो सकते हैं जिससे हमें अनोखी शक्ति प्रदान होती है हमारे शरीर में रक्त तेजी से बहने लगता है हमें ऐसा लगने लगता है कि अब कितना भी बजन हो उसे उठाकर फेंक सकते हैं।
आजकल तो व्यायाम करने के लिए व्यायामशाला और पार्क होते हैं बहुत से गांवों में प्रकृतिक खुले स्थान रहते हैं वहां की हवा अधिक शुद्ध होती है और गांव के लोग खुले में ही व्यायाम करते हैं शहरों में लोग व्यामशाला होती हैं उनमें जाते हैं तरह तरह के व्यायाम करते हैं यदि बुजुर्ग व्यायाम करें तो उनमें हृदयाघात, मधुमेह अत्यधिक थकान जैसी बीमारियां नहीं होती हैं या बीमारियों की संख्या कम हो जाती है।
आजकल तो व्यायाम हर किसी के लिए बहुत ही जरूरी होता है ज्यादातर विद्यार्थियों के लिए विद्यार्थी रोजाना व्यायाम करेंगे तो उनकी शारीरिक एवं मानसिक क्षमता बढ़ा सकते हैं खिलाड़ियों ने भी व्यायाम किए हैं जिससे वह बड़े-बड़े खेल जीत लेते हैं व्यायाम भी प्रतिदिन नियमानुसार और समय पर करना आवश्यक होता है यह एक दिन का काम नहीं होता बल्कि इसे हम प्रतिदिन निर्धारित समय पर करना बहुत ही आवश्यक होता है महिलाएं भी व्यायाम करती हैं घर की महिलाएं भी व्यायाम करती हैं खड़े होकर खाना बनाना, कपड़े धोना ,चक्की चलाना यह घरेलू व्यायाम हैं.
दोस्तों धीरे-धीरे इस टेक्नोलॉजी की दुनिया खत्म होती जा रही है और आजकल के लोग तो आधे से ज्यादा मशीनों से ही काम करवाते हैं और वह बैठे रहते हैं पिछले जमाने के लोग अपना काम स्वयं करते थे और पहले तो कारखाने और कंपनियां होती थी जिनमें लोग बेरोजगारी करने जाते थे आजकल के लोग बैठे रहते हैं आजकल कंप्यूटर की दुनिया में सारा काम कंप्यूटर ही करता है जिसके कारण लोग बैठ बैठकर आलसी हो गए हैं और उन्हें कई प्रकार की बीमारियों का सामना भी करना पड़ता है और इससे बीमारियां भी पनप रही है।
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